आजकल नरेन्द्र मोदी के सलाहकार बहुत बढ़ गए हैं। पता नहीं, कब इनकी भर्ती हुई होगी, लेकिन इन लोगों की जो सलाहें अखबारों में छप रही हैं, वे अद्भुत हैं. बाबा रामदेव के सहयोगी और कई भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों का सलाहकार होने का दावा करनेवाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने तो हद ही कर दी. जरा उनके लेखों के शीर्षक तो देखिए--कैसी हो प्रधानमंत्री की टीम, प्रधानमंत्री की दिनचर्या कैसी हो, प्रधानमंत्री की पोशाक इस तरह हो, कैसा होना चाहिए प्रधानमंत्री का कार्यालय, पडोसी देशों से कैसे हो प्रधानमंत्री के रिश्ते, प्रधानमंत्री की साख बढ़ाने के कुछ तरीके ये रहे, बाहरी दखल से कैसे बचे प्रधानमंत्री कार्यालय।
अब मुझे कोई बताए कि प्रधानमंत्री को इनकी सलाहों की क्या कोई ज़रुरत है भी या नहीं। यों भी बिना मांगे सलाह क्यों? बड़े आदमी तो वे होते है जो अपनी सलाहें महंगे दाम पर बेचते हैं। पर आप जो सलाह दे रहे हो वैसी तो हमारे मोहल्ले के पानवाले की दुकान पर फ़ोकट बंटती रहती है. अच्छा ये हुआ कि आपने ये सलाह नहीं दी कि प्रधानमंत्री सुबह नाश्ते में पोहे खाये या इडली, किस कंपनी के जूते पहने, कौन सी कंपनी की शू पॉलिश से जूते चमकाए, कौन से रंग की अंडरवियर पहने और जरूरत पड़े तो कंडोम कौन सा उपयोग में लाए!!! हद हो गई है यार इन सलाहकारों की बातों की.
जो आदमी तमाम विरोधों के बाद भी प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुँच गया हो उसे क्या इन सलाहकारों की ऐसी सलाहों की कोई ज़रुरत है? और जब भी ज़रूरत होगी सलाह मांग लेंगे और आप ही दौड़े दौड़े सलाह देने भी जाओगे। फिर ये तमाम ड्रामा क्यों भाई? क्या इसलिए कि हम आपकी इज्जत करें कि आप बहुत ही बड़े वाले हो, पी एम के सलाहकार हो. हमें पता है कि असली सलाहकार सलाह देकर चुप रहता है.और सलाह क्या अखबार में छापकर दी जाती है?
भारत में सलाहकार और ज्योतिष के कार्यकर्त्ता बहुत ज्यादा हो गए हैं। आये दिन इनका प्रचार अखबारों में देखने को मिलता रहता है. अब एक ज्योतिष जानकार ने कह दिया है कि मोदी 20 साल तक राज करेंगे.अगर नहीं हो पाया तो? क्या ये ज्योतिषी महाराज 20 साल जीएंगे? कोई गारंटी-वारंटी?
मेरी गुजारिश अखबारवालों से यह है कि ऐसी सलाहों को सम्पादकीय पेज पर जगह देने के बजाय इंटरटेनमेंट वाले पेज पर जगह दी जाए. वे वहीँ ज्यादा शोभा देंगी और पसंद की जाएंगी।
प्रकाश हिन्दुस्तानी