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Jacqueline Kennedy Onassis-

सफल पति वह है जो इतनी दौलत कमाए कि उसकी पत्नी उसे खर्च नहीं कर पाए। और सफल पत्नी वह है, जो ऐसा पति ढूंढ निकाले। इस कसौटी पर यदि कसें तो हम पाएंगे कि जैकलिन केनेडी ओनासिस दुनिया की सबसे सफलतम पत्नी रही हैं। आजकल वे भारत में हैं। मुगलों की शाही जनाना पोशाकों के बारे में किताब की सामग्री जुटा रही हैं।

जैकलिन की यह दूसरी भारत यात्रा है। इसके पहले वे १९६२ में अपने पति और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जॉन एफ. केनेडी के संग आई थीं। तब एक समारोह में नेहरूजी ने भी उनकी सुंदरता की चर्चा की थी। जैकलिन अब ५५ साल की हैं, लेकिन हैं अभी भी उतनी ही आकर्षक, इसलिए उनकी दिल्ली पहुंचने की खबर खुशबू की तरह फिजा में पैâल गई, जबकि वे कतई नहीं चाहती थीं कि लोग उनकी उनकी इस यात्रा के बारे में जाने।

जैकलिन का नाता जिन चीजों से रहा है- वे हैं पत्रकारिता, फिजूलखर्ची, जॉन एफ. केनेडी, एरिस्टोटल ओनासिस, पैâशन और जूडो-कराटे। संगीत और कविता से भी उन्होंने रिश्तेदारी चाही थी।

जैकलिन खुद एक मालदार बाप की बेटी है। जॉन एफ. केनेडी से जब वे पहली मर्तबा पत्रकार के रूप में मिलीं, तब वे सिनेट का चुनाव लड़ रहे थे। उन दिनों अमेरिका की ज्यादातर औरतों के सपने केनेडी के बारे में होते थे। वे थे ही इतने आकर्षक, लेकिन जैकलिन ऐसी थीं- जो केनेडी के सपनों में आने लगी थीं। नतीजा था शादी। शादी के बाद जब केनेडी राष्ट्रपति के चुनाव में खड़े हुए, तब दोनों साथ-साथ प्रचार के लिए जाते थे। उस वक्त तमाम औरतें जैकलिन से और पुरुष केनेडी से जलते थे। केनेडी खासे वोटों से जीते। औरतों ने केनेडी को अपना वोट दिया था और पुरुषों ने जैकलिन के पति को।

अमेरिका की प्रथम महिला नागरिक के रूप में जैकलिन व्हॉइट हाउस की अच्छी मेजबान साबित हुई, लेकिन तब उनकी निंदा बहुत हुई, क्योंकि उन्होंने काफी फिजूलखर्ची की थी।

१९६२ में उन्होंने १ लाख २१ हजार ४६१.६१ डॉलर खर्च किए, जबकि राष्ट्रपति की सालभर की तनख्वाह केवल एक लाख डॉलर ही थी।

श्री जॉन एफ. केनेडी की हत्या ने ३४ साल की जैकलिन को विधवा बना दिया। राष्ट्रपति की विधवा के नाते उन्हें दस हजार डॉलर साल की पेंशन मिलने लगी। जैकलिन जैसी महिला के लिए यह राशि कम थी।

पांच साल बाद जैकलिन ने ऐलान किया कि वे फिर से ब्याह रचाएंगी। तब अमेरिका वाले विएतनाम की लड़ाई के मारे खीज रहे थे। राष्ट्रपति की विधवा द्वारा किसी यूनानी धनपति से शादी की घोषणा ने भी उनमें उतनी ही खीज पैदा की। उधर पोप ने कह दिया कि जैकलिन फिर से ब्याह नहीं कर सकतीं, क्योंकि वैâथोलिक होने के कारण किसी भी तलाकशुदा व्यक्ति से शादी के लिए उसकी तलाकशुदा पत्नी की इजाजत जरूरी है और जैकलिन ने वह इजाजत नहीं ली है।

लेकिन जैकलिन ने फिर भी इजाजत नहीं ली। वे डंके की चोट पर जैकिनल केनेडी से जेकलिन ओनासिस बन गई। २० अक्टूबर १९६८ को उन्होंने दुनिया के पांच सबसे मालदार लोगों में से एक ओनासिस से यूनान में यूनानी पद्धति से शादी कर लगी। तब वे ३९ साल की थीं और ओनासिस मात्र ६२ के। यह दोनों की जिंदगियों की दूसरी शादी थी।

ओनासिस ने उन्हें शादी के मौके पर जो जेवर दिए थे, भारतीय मुद्रा में उसकी कीमत १ करोड़ २० लाख रुपए थी। ओनासिस ने १६ साल की अवस्था में तम्बावूâ के आयात-निर्यात का धंधा शुरू किया था और ९ साल में ही वे करोड़पति हो गए थे। बाद में उन्होंने जहाजी बेड़ों का धंधा शुरू किया और खरबपति बन गए। उनके पास इतनी दौलत थी कि उन्होंने कई हवाई जहाज और ५०० एकड़ का पूरा द्वीप ही खरीद लिया था।

ओनासिस को अखबार वालों से बड़ी चिढ़ थी और जैकलिन को फोटोग्राफरों से। ६ अक्टूबर १९६९ को न्यूयार्वâ में जा रही थीं कि सड़क पर एक फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीर खींचने की कोशिश की। इस पर जैकलिन चिढ़ गई और उसे जूडो का ऐसा दांव मारा कि बेचारा फोटोग्राफर सड़क पर चारों कोने चित हो गया। बाद में उसने कोर्ट-कचहरी की, लेकिन वह जैकलिन का कुछ नहीं बिगाड़ पाया।

लेकिन १९७३ में एक फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीरें तब खींच लीं, जब वे समंदर में नहाने के बाद रेत पर निर्वस्त्र धूप सेंक रही थीं। फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीरें प्ले बाय के इटालियन संस्करण प्ले मेन को ८१ हजार डॉलर में बेच दीं। पत्रिका ने वे चित्र छाप दिए। उस अंक की छह लाख प्रतियां ज्यादा बिकी थीं।

१९७० में जैकलिन और ओनासिस की हत्या की कोशिश भी हुई। ओनासिस की मृत्यु हो गई और जैकलिन को उत्तराधिकार में काफी दौलत मिली।

न्यूयार्वâ के ही वाइविंâग प्रेस में वे मई १९७५ में सलाहकार सम्पादक बन गर्इं। उन्होंने रूस के जारकालीन जनाना लिबास पर किताब लिखी और अब मुगलों के शाही जनाना लिबास पर किताब लिख रही हैं। दान देने ेक वास्ते वे अपने पुराने लिबास नीलाम करती रहती हैं, जो काफी शानदार होते हैं। आश्चर्य नहीं कि कोई विदेशी प्रकाशक उनके लिबास पर ही किताब छाप दे।

-प्रकाश हिन्दुस्तानी

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