दबंग-3 सलमान खान की फॉर्मूला फिल्म है, जिसमें सलमान खान, सलमान खान कम और रजनीकांत ज्यादा नजर आए। एक्शन और फाइट के सीन दक्षिण भारतीय फिल्मों की तरह है। यह दबंग की फ्रेंचाइजी है, तो जाहिर है कि सलमान खान टाइप फिल्म ही होगी और वैसी है भी। या तो यह फिल्म आपको बेहद पकाऊ लगेगी या बेहद मनोरंजक। आपके बुद्धि के स्तर की परीक्षा लेती है यह फिल्म। फिल्म का एक संवाद है कि भलाई और बुराई की लड़ाई में बुराई हमेशा जीत जाती है, क्योंकि भलाई के पास इतना कमीनापन नहीं होता कि वह लड़ सकें। सलमान और सोनाक्षी के अलावा इसमें महेश मांजरेकर की बेटी सई मांजरेकर की भी बड़ी भूमिका है। दबंग-3 में भी चुलबुल पांडे उर्फ रॉबिनहुड पांडे उर्फ करू के रोल में सलमान खान और फिलर के रूप में सोनाक्षी सिन्हा के घीसे-पीटे संवाद है। इसका फॉर्मूला थोड़ा बदला गया है और कहानी में थोड़ा टि्वस्ट भी है। मुन्नी बदनाम की जगह, मुन्ना बदनाम हुआ, नैना वाले गाने, आइटम और फाइटिंग के दृश्य है।
प्रभुदेवा के निर्देशन में डांस की भरमार है। चुलबुल पांडे नौकरी कम करता है और डांस ज्यादा। महेश्वर में फिल्माया गया गाना आकर्षक लगता है और महेश्वर की दृश्यावली भी दर्शकों को पसंद आती है। इस फिल्म में चुलबुल का अतीत दिखाया गया है और उस बहाने सलमान खान को और युवा दिखाने की कोशिश की गई है। पूरी फिल्म में प्रभुदेवा और दक्षिण भारतीय फिल्मों का प्रभाव साफ-साफ नजर आता है।
फिल्म में सलमान खान का नाम धाकड़ पांडे रहता है और उनकी चुलबुली हरकतों को देखकर गर्लफ्रेंड चुलबुल नाम देती है। पता नहीं कब धाकड़ पांडे ने अपना नाम बदलवाने के लिए कोर्ट में शपथ पत्र दिया होगा, लेकिन चुलबुल के नाम से ही तीनों फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया है। फिल्म का अंत होते-होते सलमान खान इशारा कर देते है कि वे सोच रहे है कि भविष्य में पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में चले जाए। संभव है कि दबंग 4 में सलमान खान पुलिस वाले के बजाय नेता की भूमिका में नजर आए, क्योंकि अब उनकी उम्र भी हो चली है और आखिर कोई कब तक इंस्पेक्टर बनकर ही जिंदगी बिताए।
सिनेमा हाल में सलमान और सोनाक्षी की फिल्म देखने के लिए बड़ी संख्या में युवा मौजूद रहे। सीटीयां भी खूब बजाई गई। जब सलमान ने अपने डोले-शोले दिखाए और दक्षिण भारतीय फिल्मों की तरह ही एक्शन सीन में नजर आए, तब मल्टीप्लेक्स के दर्शक भी शोर करने लगे। कई लोगों को इस फिल्म में सुल्तान की याद आई, जिसमें वे अपने विरोधी पहलवान को उठा-उठाकर पलटकते थे।
फिल्म में कहानी लेखक की जगह भी सलमान खान का नाम है, तो अब सलमान खान एक्टिंग, गायन, डायरेक्शन और लेखन में भी कूद गए हैं। इसे एक्शन कॉमेडी फिल्म कहा गया है, इसलिए अगर कॉमेडी समझकर फिल्म देखने जा रहे है, तो शायद उतने बोर नहीं होंगे। साजिद-वाजिद का संगीत ओके है। अन्य कलाकारों में डिम्पल कपाड़िया, अरबाज खान, पंकज त्रिपाठी, मिलिंद गुनाजी, महेश मांजरेकर और प्रभुदेवा के छोटे और प्रभावी रोल है।