Bookmark and Share

Panga 5

पंगा फिल्म का नाम वापसी या कमबैक होना चाहिए था। कबड्डी की राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी शादी और एक बच्चे को जन्म देने के 7 साल बाद वापस कबड्डी की राष्ट्रीय टीम में आने के लिए संघर्ष करती हैं। पति साथ है, बेटा साथ है, मां साथ है, दोस्त साथ है। ऑफिस के लोग भी कमोबेश साथ है, तो इसमें पंगा लेने की क्या बात है। पति और बेटे को भोपाल में छोड़कर मुंबई और कोलकाता में कबड्डी खेलने जाना कोई पहाड़ तोड़ना नहीं है। अब अगर कोई ऐसे में घर में सहायक की नियुक्ति न करें, मां की मदद न लें और रोना रोते रहे कि मैं एक मां हूं और मां के कोई सपने नहीं होते, तो यह मूडता है। वैसी ही मूडता जैसी फिल्म में नायिका और उसका परिवार कार होते हुए भी स्कूटर पर बैठकर शॉपिंग करने जाता है। शादी और बच्चा होने के बाद नेशनल टीम में भले ही न खेलें, लेकिन खुद को फिट रखने से कौन किसी को रोकता है। कहानी में यही सब झोल है। वरना फिल्म में अच्छी एक्टिंग है और पारिवारिक कहानी है।

Panga 1

फिल्म के डायलॉग्स रोचक है। 7 साल का बेटा अपनी मां से कहता है कि सेरेना विलियम्स को देखो, वह एक बच्चे की मां है और टेनिस में सबकी बाप। दूसरी तरफ कंगना रनौत कहती है कि अब न तो मेरी उम्र कबड्डी के लायक बची है और न कमर। पति से कहती है कि तुमको देखती हूं, तो खुशी होती है, बेटे को देखती हूं, तो खुशी होती है। मगर खुद को देखती हूं, तो खुश नहीं हो पाती हूं। पति रेलवे में इंजीनियर है और पत्नी कबड्डी कोटा से रेलवे में नौकरी पाने वाली टिकट बुकिंग गर्ल। सलेही रिचा चड्डा की सलाहें भी वे नहीं मानती और इतने सपोर्ट के बाद भी यही कहती है कि हर बार औरत से ये क्यों पूछा जाता है कि उसे करियर छोड़ने के लिए पति या घर ने मजबूर किया। फिल्म के अनुसार औरतों को अपनी च्वाइस से पंगा लेने का अधिकार दिया जाए। इसीलिए यह पंगा शब्द थोड़ा अटपटा लगता है।

Panga 3

कंगना रनौत के पति के रूप में जस्सी गिल ने ठीक वैसा ही अभिनय किया है, जैसा उनसे करवाया गया है, एकदम लल्लू। कंगना रनौत के व्यक्तित्व को बड़ा दिखाने के चक्कर में कई बार कहानी झुलने लगती है। अगर कोई 7 साल का बच्चा ऐसी उल-जलूल बात करें, जिससे मां को ठेस पहुंचती हो, तो इसका मतलब यह है कि बच्चे को ठीक से संस्कार नहीं सिखाए गए है। फिल्म में भोपाल के नयनाभिराम दृश्य देखने को मिलते है। एक दृश्य थोड़ा अटपटा लगता है, जहां कंगना और उसके पति घूमने के लिए तजाउल मस्जिद के बाहर नजर आते है। कंगना की मां के रूप में मीना गुप्ता का रोल थोड़ा मुंहफट टाइप है। कंगना रनौत ने शानदार अभिनय किया है और बाल कलाकर यज्ञ भसीन भी दर्शकों का मन मोह लेता है। साफ-सुथरी पारिवारिक फिल्म है। देखने जा सकते है। झेलनीय। 

Search

मेरा ब्लॉग

blogerright

मेरी किताबें

  Cover

 buy-now-button-2

buy-now-button-1

 

मेरी पुरानी वेबसाईट

मेरा पता

Prakash Hindustani

FH-159, Scheme No. 54

Vijay Nagar, Indore 452 010 (M.P.) India

Mobile : + 91 9893051400

E:mail : prakashhindustani@gmail.com