शाहरुख़ खान की 169 मिनट 14 सेकण्ड की फिल्म में 17 मसाले और 18 स्वाद हैं। चटखारे लेते जाओ, लेते ही जाओ और 'पिच्चर' खलास ! जैसे मटर पनीर मसाला ऑर्डर किया हो और उसमें न मटर हाथ आया, न पनीर। लेकिन हर तरह का फ़िल्मी मसाला उसमें ज़रूर मिला।
इसमें फैक्ट्स, फिक्शन, एक्शन, ड्रामा और इमोशन के साथ एक मैसेज भी है। इंटरवल के पहले फिल्म बेहद दिलचस्प है, और इंटरवल के बाद थोड़ी सुस्त है। फिल्म में शाहरुख़ डबल रोल में हैं और बस वही , वही हैं। मैं यहाँ आपको कहानी नहीं बताऊंगा, पर इसकी रेसिपी बता रहा हूँ।
फ़िल्मी मसाले में शामिल होता है मारधाड़ और एक्शन, वो है। घोड़े, हाथी, चींटीयां हैं और शाहरुख़ खान दोनों हाथों की दो दो अँगुलियों के सहारे पुशअप्स लगते भी नज़र आते हैं। चुनाव आ रहे हैं तो वोटर के लिए सन्देश भी इसमें है। गीत- संगीत भी है। ग्लैमर है, रोमांस है, देशभक्ति है, आतंकवाद है, मुंबई मेट्रो की हाइजैकिंग है, क्राइम है, देश-प्रेम है, बाप-बेटे का प्यार है, रिवेंज है, डायलॉगबाज़ी है, शाहरुख़ हीरो है तो सुपर हीरो है, शाहरुख़ विलेन है तो सुपर विलेन है, पुलिस की वर्दीवाला शाहरुख़ है, टकला विलेन शाहरुख़ भी है, शाहरूख़ के बॉडी- बल्ले है, इश्कबाजी है, इमोशन की चाशनी है, हीरो-हिरोइन की फाइट है, मोगेम्बो जैसा अट्टहास है, हथियारों के सौदागर हैं, हीरो से 19 साल छोटी उसकी फ़िल्मी माँ हैं।
ग़दर 2 में बाप तारा सिंह (सनी देओल) अपने बेटे को पाकिस्तान से लेन के लिए जान जोखिम में डालकर उसे बचा लाता है। इसमें भी बाप शाहरुख़ अपने ईमानदार पुलिस अफसर बेटे शाहरुख़ को हथियारों के डीलर के जबसे से छुड़ाकर लाने में कामयाब हो जाता है। गानों में सैकड़ों डांसर एक साथ नाचते-गाते हैं। एक गाने में तो उनकी संख्या करीब एक हजार होगी। (शाहरुख़ है भैया, एक साथ कित्तों को भी नचवा ले).फिल्म का संगीत अनिरुद्ध रविचंदर का ही जो साउथ के जानेमाने संगीतकार हैं और एआर रहमान की टक्कर के बताये जाते हैं। उनके पार्श्व संगीत ने ही शाहरुख़ की परदे पर मौजूदगी दमदार बना दी है।
इसके साथ ही इसमें है ढिशुम-ढिशुम, कारों की रेस और भिड़ंत, गोलियों की आवाज़ -शू ऊँ ऊँ शां, आगजनी, हेलीकॉप्टर की आवाज़, उड़ते हुए बाज़ और आर्मी के वाहनों के काफिले का शोर, सुंदरियों के डांस और सड़क पर दौड़ रहे वाहनों के ऊपर की फाइटिंग, रमय्या वास्ता वैया का मुखड़ा और शायद ( शाहरुख़ के बेटे आर्यन खान को ड्रग केस में अंदर करनेवाले अधिकारी) समीर वानखेड़े के लिए यह मैसेज - बेटे को हाथ लगाने से पहले बाप से बात कर !
जवान की खूबी है कि इसमें शानदार सिनेमैटोग्राफी, अलग-अलग एंगल, सही रफ्तार है ही, शानदार कंप्यूटर ग्राफिक्स भी हैं, जो शाहरुख़ की ही कंपनी रेड चिलीज़ वीएफएक्स ने बनाये हैं। दक्षिण के विजय, संजय दत्त और दीपिका पादुकोण कैमियो रोल में हैं यानी उनका काम थोड़ी सी देर का है, नाम के वास्ते! एक सीन में निर्देशक एटली भी हैं। इसमें निर्देशक एटली (अरुण कुमार), संगीत निर्देशक सहित अनेक कलाकार दक्षिण भारतीय फिल्मों से हैं इसलिए इसे देखते समय कई बार लगता है कि हम साउथ की ही कोई फिल्म देख रहे हैं, जिसमें शाहरुख़ खान हैं। फिल्म की नायिका नयनतारा, खलनायक विजय सेतुपति, प्रियामणि और योगी बाबू तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों के कलाकार हैं।
शाहरुख़ खान के चाहनेवालों को फिल्म बेहद अच्छी लगेगी और जो शाहरुख़ को नापसंद करते हैं, वे भी इसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकेंगे। बॉक्स ऑफिस पर इसने धूम मचा दी है। इंदौर में ही इसके प्रतिदिन 180 शो हो रहे हैं। पहला शो गुरुवार को सुबह 7 बजे प्रारम्भ हुआ।
डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी
7 Sept 2023