डंकी कोई मास्टरपीस नहीं है, यह थोड़ी-थोड़ी राजकुमार हिरानी टाइप है, कुछ शाह रुख खान स्टाइल की है। हिंसा, सेक्स, फूहड़ता, कार रेस, भ्रूम भ्रूम नहीं है, थोड़ी ढंग की है। जिसमें रोचक कहानी, घिसे-पिटे जोक्स, शानदार अभिनय और इमोशन तथा देशप्रेम की चाशनी है। थोड़ी सी स्वदेश है, थोड़ी सी दंगल, थोड़ी सी कपिल शर्मा वाली अंग्रेज़ी, थोड़ी से आनंद का लेडी संस्करण है। मसाले सभी है। इच्छानुसार पसंद कर सकते हैं। डंकी चार पैरों वाले गधों के बारे में नहीं है, यह उन दो पैरों वाले गधों के बारे में है जो डंकी रूट यानी अवैध रूप से आप्रवासी होकर इंग्लैंड जाकर बस जाना चाहते हैं।अवैध रूप से जाने में रास्ते में आने वाली तकलीफों का उन्हें अंदाज नहीं है, लेकिन वे भारत में कुछ करने के बजाय विदेश जाकर ही कुछ करने में अपनी शान समझते हैं।
डंकी शाह रुख खान की फिल्म है और इसमें वे वापस अपने रोमांटिक रोल में लौट रहे हैं। इसमें कोई दो मत नहीं कि वे जबरदस्त कलाकार है और इस फिल्म में उन्होंने अपनी आंखों-आंखों में ही कई बार ऐसे मनोभाव प्रस्तुत किए हैं, जो अद्भुत हैं।
मुझे लगता है कि इस फिल्म में तापसी पन्नू शाह रुख खान पर भारी रही हैं।
निर्माता और निर्देशक ने फिल्म के टाइटल में शाह रुख खान के भी पहले तापसी पन्नू का नाम दिया है,जो किसी भी लीड एक्ट्रेस के लिए सर्वथा उचित ही है।
मेरी राय में यह फिल्म जवान के आगे 19 ही बैठी है।
हर निर्देशक के अपने-अपने फार्मूले होते हैं। एक्शन, रोमांस, कॉमेडी, सेक्स से सहारे फ़िल्म की नैया पार लगाने की कोशिश रहती है। राजकुमार हिरानी की अपनी स्टाइल है। उनके फार्मूले में देश प्रेम भी है, इमोशन भी है, फ्लैशबैक भी। हीरो को कल आज और कल वाले दृश्यों में दिखाने की भी उनकी स्टाइल है!
इंटरवल के पहले जैसी फिल्म होती है इंटरवल के बाद में ऐसी नहीं।
इंटरवल के वक्त अंदाज नहीं लगा सकते कि फिल्म आपको किस मोड़ पर ले जाकर छोड़ेगी।
फिल्मों में कई घिस-पीछे जोक्स हैं, जो पकाते हैं।
पंजाब और पंजाबियत को लेकर जो अवधारणा लोगों की है, उसी अवधारणा पर फिल्म चलती है। पंजाबी लोगों को एक खास सांचे में ही ढला हुआ दिखाया जाता रहा है। यह फिर भी वैसी ही है।
यह फिल्म राजकुमार हिरानी के निर्देशन से ज्यादा तापसी पन्नू और शाह रुख खान के विलक्षण अभिनय के लिए देखी जा सकती है। शाह रुख ने अपने रोल के साथ न्याय किया। संजय दत्त या आमिर खान शायद इसमें जंचते नहीं।
तापसी पन्नू, शाह रुख़ और हिरानी के काम के लिए फिल्म देखी जा सकती है। यह फिल्म मार्केटिंग के लिए भी याद रखी जाएगी।
-डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी
21 -12-2024