मूलतः कोटा, राजस्थान के निवासी श्री गणेश मंत्री समाजवादी चिन्तक और समाजवादी कार्यकर्ता थे। टाइम्स ऑफ इण्डिया समूह में उन्होंने प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में कार्य शुरू करने वाले श्री गणेश मंत्री धर्मयुग के प्रधान सम्पादक तक पहुँचे। हर दायित्व उन्होंने इस खूबी के साथ निभाया कि न तो पत्रकारिता में समझौता किया न ही कभी अपनी सिद्धांतों को परे किया।
श्री गणेश मंत्री ने 'समता अध्ययन न्यास' गठित किया और देशभर में समाजवादी आन्दोलन की गतिविधियों को आगे बढाया। उनकी खूबी यह थी कि उन्होंने जो और जैसा सोचा, वैसा ही कहा, वैसा ही लिखा और वैसा ही किया भी। अपने सिद्धांतों से कभी भी परे नहीं हुए। जब सिद्धान्तों की समस्या आई तब उन्होंने कभी भी समझौता नहीं किया। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि श्री गणेश मंत्री ने रविवार और चौथी दुनिया में गजानन चिटणिस के नाम से भी लेखन किया है। गजानन यानी गणेश और मराठी में मंत्री को चिटणिस कहते हैं।