केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने पिछले दिनों कहा था कि हिन्दी, अंग्रेजी भाषा का विकल्प बनें। राजभाषा (Rajbhasha) को देश की एकता का अहम अंग बनाने का समय आ गया है। अन्य भाषा बोलने वाले राज्यों के लोग आपस में संवाद करते हैं, तब हिन्दी भारत की भाषा होनी चाहिए।
दक्षिण भारत के कई नेता, लेखक, संगीतकार आदि इस बात का विरोध कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि इससे हिन्दी का साम्राज्यवादी रूप बढ़ेगा। एआर रहमान (AR Rehman) ने तो यहां तक कहा कि हिन्दी कभी संपर्क भाषा थी, लेकिन अब तमिल संपर्क भाषा हैं।
प्रसिद्ध पत्रकार, शोधार्थी और हिन्दी के लिए आवाज़ उठानेवाले राहुल देव इस विषय में क्या कहते हैं, उन्हीं से चर्चा।