आज सुबह इंदौर रेडिसन ब्लू होटल में राहुल गांधी से मिलकर लगा कि वे कुटिल भले ही नहीं हो, लेकिन परिपक्व तो हो ही गए हैं। आक्रामक! बेबाक और बेलौस स्वीकारोक्तियां!! जुबान से डंक मारने की कला सीखने के विद्यार्थी लेकिन संवेदनशील !!! चुनिंदा सम्पादकों और पत्रकारों से उन्होंने खुलकर बात की। राहुल गाँधी अब तंज़ करते हैं, सफाई देते हैं, समझाते हैं और अपने बारे में कहते हैं कि मैं स्वभाव से आक्रामक नहीं हूँ, लेकिन राजनीति के इन हालात ने आक्रामक बना दिया है। वे हिन्दू होने को स्वीकारते हैं और खुद को राष्ट्रवादी कहने में शरमाते नहीं। भाजपा को उसी शैली में जवाब देना सीख गए हैं!
राहुल ने एक पत्रकार कुछ सुझावों पर मुस्करा कर थैंक्यू भी कहा। पत्रकार ने राहुल गाँधी से कहा कि अब आपको खुद कुछ करने की ज़रूरत नहीं है. बस, रफाल, रफाल, रफाल का रट्टा मारना है। आप बोल ही रहे हैं कि हमारा चौकीदार चोर है! राहुल ने कहा -''हमारा पीएम करप्ट है! जब रफाल जी जांच होगी तो उसमें केवल दो नाम होंगे -- नरेंद्र मोदी और अनिल अम्बानी। तीन गुना कीमत पर रफाल खरीद रहे हैं।"
एक पत्रकार ने कहा कि सरकार कुछ लोगों से टैक्स लेती है और गरीबों को मुफ़्त में हर चीज़ दे देती है। क्या यह सही है? राहुल ने पत्रकार से कहा कि ज़रा अपनी घडी मुझे दीजिए। पत्रकार ने घड़ी हाथ से निकालकर राहुल को दी, चंद सेकंड्स बाद राहुल ने घड़ी पत्रकार को वापस दे दी और कहा - यह लो मेरी तरफ से घड़ी! अब समझ में आया कि सरकार क्या कर रही है? सरकार लोगों का ही रूपया उन्हें वापस दे रही है!
राहुल ने कहा कि मनरेगा में सरकार ने 35000 करोड़ गरीबों को दिया, यह उनका ही रूपया था, लेकिन जो 35000 करोड़ मोदी, चौकसी, माल्या लेकर भागे हैं, वह जनता का धन है, जो चौकीदार की मदद से लूटा जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा, "पहले नारा था - "अच्छे दिन..." मोदी जी कहा करते थे "अच्छे दिन", और जनता कहती थी "आएंगे..." फिर आया, 'सूट बूट की सरकार...' अगला था 'सूट बूट झूठ की सरकार...' और अब नारा है 'सूट बूट झूठ और लूट की सरकार...राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान के लोगों ने नरेंद्र मोदी जी पर भरोसा करके वोट दिया, लेकिन उस भरोसे को मोदी जी ने धोखा दिया. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदीजी ने न तो आदिवासियों की, किसानों की न युवाओं की मदद की.
मैं हिन्दू हूँ लेकिन सभी धर्म का आदर करता हूँ, मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा आदि सभी जगह जाता हूँ। मैं ‘हिंदूवादी नेता' नहीं, बल्कि हर धर्म और हर वर्ग के नेता हूँ। ‘‘क्या देश के मंदिर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संपत्ति हैं ? क्या वहां जाने का ठेका केवल मोदी और शाह के पास है? मेरा किसी भी मंदिर में भगवान के दर्शन का मन करेगा, तो मैं वहां जरूर जाऊंगा. क्या मंदिर नरेंद्र मोदी या अमित शाह की निजी प्रापर्टी है ? मुझे मंदिर जाने के लिये भाजपा से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है. मैं हिन्दू धर्म को भाजपा से बेहतर समझता हूं.
राहुल ने कहा - हिन्दू, हिन्दूवादी और हिन्दुत्व अलग अलग हैं। हिंदूवाद दूसरों के प्रति प्रेम व सम्मान प्रदर्शित करने वाली, खुली सोच वाली और प्रगतिशील अवधारणा है, जबकि भाजपा की हिंदुत्व की परिकल्पना की नींव में ही नफरत, असुरक्षा और क्रोध है। भाजपा का हिंदुत्व पर ठेका है. लेकिन हिंदूवाद पर किसी का ठेका नहीं हो सकता, क्योंकि यह महान अवधारणा है और इस पर किसी एक समूह का कब्जा नहीं हो सकता.' राहुल ने कहा, ‘‘हम हिंदुत्व में नहीं, बल्कि हिंदूवाद में यकीन रखने वाली पार्टी हैं। कांग्रेस में सुनने की व्यवस्था है, भाजपा में सिर्फ लाउडस्पीकर हैं।
जम्मू काश्मीर की समस्या के बारे में राहुल ने कहा कि पाकिस्तान तो कभी भी अपनी आदतों से बाज़ नहीं आएगा, क्योंकि वही उसके डीएनए में है। आप उसे गलत नीतियों से बढ़ाते हैं। बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन गलत था, जिससे जम्मू-काश्मीर में हिंसा बढ़ी और पाकिस्तान को सर उठाने का मौका मिला!
सीधी सपाट भाषा , आक्रामक तेवर , आश्वस्त करने का भाव , अपनी गलतियों की स्वीकारोक्ति अगर यह माना जाए तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल गांधी परिपक्व अंदाज में नजर आए । इंदौर में मीडिया से मुखातिब राहुल जहां टेबल टू टेबल जाकर पत्रकारों से मधुर रिश्ते की कवायद करते नजर आए। इस दौरान राहुल ने एक कोशिश जरूर की कि मीडिया पर किसी तरह के आरोप न लगे।
राहुल ने कल के बयान पनामा पेपर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र का नाम है पर कहा कि मैं जितने राज्य में घूमा भ्रष्टाचार को लेकर कन्फ्यूज हो गया। उनका नाम तो व्यापम और ई टेंडर घोटाले में है।
राहुल गांधी ने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार और चीन को मानते हुए कहा कि देश का युवा योग्य और मेहनती हैं। हम सरकार में आने के बाद रोजगार के अवसर बढ़ाकर चीन से मुकाबला करेंगे ।
उन्होंने कहा कि 2014 में हमारी सरकार की गलतियों के कारण हारे थे । भ्रष्टाचार , बेरोजगारी और किसानों के मामले में हमारी सरकार से भी खराब हालात मोदी सरकार के हैं । आज प्रधानमंत्री पर आरोप लग रहे हैं मनमोहन सिंह पर एक भी आरोप नहीं था । हमने भ्रष्टाचार के मामले में किसी को भी हटाने में एक मिनट की भी देरी नहीं की । प्रधानमंत्री जेल जाएंगे । राफेल मामले में जब कागज निकलेंगे तो कागज पर दो ही नाम होंगे अनिल अंबानी और नरेन्द्र मोदी । इस मामले में न रक्षा मंत्री और न ही कोई और दोषी है । सिर्फ और सिर्फ मोदी ही दोषी हैं ।
30 Oct 2018