लीग क्रिकेट में हो रहा है भारत-पाक संघर्ष
भारत और पाकिस्तान की सीमाओं पर ही तनाव नहीं है। तनाव क्रिकेट में ही है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद इस तरह की मांग हो रही है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेला जाएं। आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को पहले से ही प्रतिबंध किया जा चुका है। भारतीय कंपनी ने दुबई में होने वाली पाकिस्तान सुपर लीग के मैचों का प्रसारण रोक दिया था, जिसके विरोध में अब पाकिस्तान ने इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों पर रोक लगा दी है। ये बातें ऊपर से जितनी साफ नजर आती है, उतनी साफ है नहीं। दरअसल इसके पीछे क्रिकेट में लगने वाला अपार धन है।
इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट मैचों पर रोक
पाकिस्तान ने दो अप्रैल को इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट मैचों पर रोक लगा दी। उसके बाद पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर आईपीएल के मैच दिखना बंद हो गए। पाकिस्तान ने कहा कि आईपीएल के कारण पाकिस्तान के क्रिकेट को संगठित तरीके से नुकसान पहुंचाया जा रहा था। एक पत्रकारवार्ता में पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि आईपीएल पर रोक लगाने का फैसला पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया। उन्होंने कहा कि भारत में पाकिस्तान के क्रिकेट को बर्बाद करने में कोई कसर कभी नहीं छोड़ी। भारत ने साजिश के तहत संगठित रूप से पाकिस्तानी क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का अभियान चलाया, जिसके बाद भारतीय घरेलू टीमों के इस टुर्नामेंट को पाकिस्तान में दिखाने की अनुमति देने का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जब पाकिस्तान सुपर लीग के मैच दुबई में हो रहे थे, तब भारत ने जान बूझकर उनका प्रसारण रोका।
पाकिस्तान सुपर लीग के मैचों का प्रसारण रोक दिया
इंडियन प्रीमियर लीग की नकल पर बनी पाकिस्तान सुपर लीग के चौथे एडिशन के मैच 14 फरवरी से 17 मार्च तक दुबई में खेले गए थे। 14 फरवरी को ही पुलवामा में आतंकी हमला किया गया। इसमें 40 से अधिक भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। पाकिस्तान के समर्थन से हुई इस करतूत के विरोध में आईएमजी रिलायंस ने पाकिस्तान सुपर लीग के मैचों का प्रसारण रोक दिया। आईएमजी रिलायंस को पीएसएल के मैचों के प्रसारण के वैश्विक अधिकार थे। पीएसएल मैचों के प्रसारण रुकने से पाकिस्तानी क्रिकेट को भारी झटका लगा। पीएसएल के मैच पाकिस्तान में तो होते नहीं, क्योंकि वहां न तो इतने दर्शक होते है और न ही प्रसारण से कोई भारी कमाई होती है।
पाकिस्तान का कहना है कि हमारी सरकार यह विचार रखती है कि खेल और संस्कृति को राजनीति से अलग रखना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान के कलाकारों पर तो रोक लगा ही रखी है। क्रिकेटरों पर भी रोक लगा रखी है।
पाकिस्तानी क्रिकेटर आईपीएल से बाहर
भारतीय क्रिकेट हमेशा से ही विश्व में अपनी शालीनता के लिए जाना-पहचाना जाता है। यहां तक कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत में अच्छा खासा सम्मान मिलता रहा है। इंडियन प्रीमियर लीग में भी पहले पाकिस्तान के खिलाड़ियों को शामिल किया गया था, लेकिन आतंकी गतिविधियों के बाद पाकिस्तानी क्रिकेटरों को आईपीएल से बाहर कर दिया गया। पाकिस्तान में क्रिकेट टीम के कप्तान रहे इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद आशा थी कि दोनों देशों में संबंध सुधरेंगे, लेकिन वह आशा पूरी नहीं हो रही।
पाकिस्तान क्यों बौखलाया
आखिर पाकिस्तान क्यों इतना बौखलाया हुआ है? आईपीएल भारत के घरेलू मैच है और वे भारत की ही भूमि पर खेले जाते है। इसके विपरीत पाकिस्तान सुपर लीग आईपीएल की नकल पर बना संगठन है। उसके पास न तो भारत जैसे खिलाड़ी है और न ही वैसे प्रायोजक और तो और वह उन मैचों का प्रसारण करने का अधिकार भी बाहरी देशों को देता है। ऐसे में अगर भारतीय कंपनी के पास पीएसएल के मैच प्रसारण का अधिकार हो, तो वह किसी ऐसे देश के मैचों का प्रसारण करके भारतीयों की निगाहों से कैसे गिर सकती है, जो देश भारत पर आतंकी हमलों को बढ़ावा देता है।
क्रिकेट की इकॉनॉमी में सट्टेबाजी
क्रिकेट की इकॉनॉमी कई तरह से चलती है। क्रिकेट मैचों में टिकटों की बिक्री, प्रायोजक आदि से तो आय होती ही है, इसके अलावा सट्टेबाजी में भी कई लोग लगे रहते है। ऐसा कहा जाता है कि क्रिकेट के मैचों में जितना लेन-देन आधिकारिक रूप से होता है, उससे अधिक लेन-देन सट्टे के कारोबार में होता है। अरबों रूपए का सट्टा इन मैचों में लगता है। अब अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच वर्षभर तो होते नहीं, इसलिए लीग मैचों की शुरुआत की गई। भारत में इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर ही पाकिस्तान में पाकिस्तान सुपर लीग, बांग्लादेश ने बांग्लादेश प्रीमियर लीग, अफगानिस्तान ने अफगानिस्तान प्रीमियर लीग, ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश आदि के मैच होते रहते है।
आईपीएल की तर्ज पर भारत के प्रदेशों में कर्नाटक प्रीमियर लीग, तमिलनाडु प्रीमियर लीग आदि के मैच होते रहते है। इस तरह क्रिकेट का विस्तार अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य के स्तर पर हो रहा है। अब 5 दिवसीय मैचों का रोमांच लगभग खत्म हो चला है और वन-डे, टी-20, टी-10 जैसा फटाफट क्रिकेट चलन में है।
पाकिस्तानियों के सट्टे का कारोबार पूरी तरह ठप्प
ये सब बातें तो पाकिस्तान सुपर लीग के बारे में आधिकारिक है। इसके पीछे असली बात है क्रिकेट का सट्टा। भारतीय कंपनी द्वारा पाकिस्तान सुपर लीग का प्रसारण रोकने से पाकिस्तानियों के सट्टे का कारोबार पूरी तरह ठप्प हो गया था। भारत में क्रिकेट पर सट्टे पर पाबंदी है, लेकिन दुनिया के कई देश है, जहां इस तरह की बेटिंग आम है। वहां की सरकारें इससे टैक्स के रूप में काफी कमाई भी करती है। भारत में भी क्रिकेट के सट्टे को कानूनी रूप देने के हिमायती बहुत सारे है। आईपीएल का आनंद भारतीय लोग रोमांच के रूप में लेते है, लेकिन दुनियाभर के सटोरियों की निगाह में यह उनकी कमाई का सीजन होता है।
क्रिकेट और अन्य खेलों के सट्टे को कानूनी जामा पहनाने वाले देशों में अनेक वेबसाइट्स है, जो ऑनलाइन सट्टा खाने और लगाने का काम भी करती है। इन्हीं में से एक वेबसाइट है बेटफेयर.कॉम। पुलिस का मानना है कि सट्टे के अंतरर्राष्ट्रीय कारोबार में बहुत ज्यादा काला धन लगा हुआ है। यहां तक कि अंडरवर्ल्ड के लोग भी इससे जुड़े हुए है। दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों का नाम क्रिकेट के सट्टे में आम है। कई भारतीय खिलाड़ी भी इस सट्टे के कारोबार में उलझे रहे है।
आईपीएल में दो तरह का सट्टा
आईपीएल के मैच में आम तौर पर दो तरह का सट्टा लगता है, एक सट्टा हार-जीत को लेकर लगता है और दूसरा मैच में बनने वाले स्कोर को लेकर। किस ओवर में कितने रन बनेंगे या मैच के किस सेशन में कितने रन बनेंगे, इस पर सट्टा लगाया जाता है। जनरल सट्टे को लगाने वाले और लगवाने वाले अलग-अलग होते है। वैसे ही सेशन बेटिंग पर सट्टा लगाने वाले भी अलग-अलग बुकिंज होते है। अखबारों में आए दिन ऐसे बुकियों के पकड़े जाने की खबरें छपती रहती है।
जनरल सट्टा दो टीमों के मैच के बीच होता है। मैच शुरू होने के पहले कोई व्यक्ति सट्टा लगाए कि कौन सी टीम जीतेगी, तो यह सामान्य सट्टा है, लेकिन मैच शुरू होने के कुछ देर बाद यदि यह सट्टा लगाया जाता है कि दूसरी टीम जीतेगी, तब भी वह सामान्य सट्टा ही कहलाता है। सट्टा खेलने वाले को पंटर कहा जाता है।
सेशन सट्टा
दूसरा होता है सेशन सट्टा। मैच शुरू होने के पहले अगर कोई दावा करें कि 6 ओवर में 50 रन बनेंगे या नहीं, तो तो यह सट्टा सेशन बेटिंग में आता है। जनरल बेटिंग में शुरूआती लगने वाला सट्टा हर 5-5 ओवर में बदला रहता है। 1-1 ओवर पर भी सेशन सट्टा लगता है और 1-1 बॉल और 1-1 छक्के पर भी सट्टा लगाया जाता है।
यहां तक तो ठीक है, इस बात पर भी सट्टा लगता है कि टीम में कौन 11 खिलाड़ी होंगे, कितने ओवर का खेल हो पाएगा, कितने छक्के और कितने चौके खेले जाएंगे। कई लोगों को लगता है कि सट्टेबाजों के हिसाब से क्रिकेट के मैचों में फिक्सिंग भी होती है, लेकिन सट्टेबाजी अलग है और फिक्सिंग अलग है। सट्टेबाजों के गिरोह फिक्सिंग के लिए षड्यंत्र करते रहते है।
मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग
भारतीय कानून में मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग की अलग से विस्तार से कोई व्याख्या नहीं है, लेकिन मोटे तौर पर मैच फिक्सिंग उसे कहते है, जब किसी टीम का मैच में हारना पहले से तय हो जाए और खिलाड़ी इस तरह खेले की वे हारेंगे ही, तब यह मैच फिक्सिंग हुई। मैच फिक्सिंग कोई अकेला खिलाड़ी नहीं कर सकता। ऐसा माना जाता है कि लालच में आकर कई खिलाड़ी जान-बूझकर अपनी प्रतिभा मैदान में नहीं दिखाते। कई बार ऐसे भी आरोप लगते है कि फिक्सिंग के इरादे से टीम के कप्तान उस खिलाड़ी को मौका नहीं देते, जिसे मौका मिलना चाहिए।
स्पॉट फिक्सिंग के तरीके अलग होते है। इसमें किसी एक खिलाड़ी को लालच देकर या दबाव डलवाकर एक निश्चित काम करवाया जाता है, जैसे एक ओवर में 10 से ज्यादा रन नहीं देना। वाइड बॉल डालना, नो बॉल डालना, तय रन न बनाते हुए, जानबूझकर आउट हो जाना। 2013 में आईपीएल सीजन 6 में दिल्ली पुलिस ने राजस्थान रॉयल्स के कुछ खिलाड़ियों को स्पॉट फिक्सिंग में ही गिरफ्तार किया था। इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने बुकी से पैसे लेकर तयशुदा ओवर में 12 से अधिक तक दे दिए थे। स्पॉट फिक्सिंग में कई बार ऐसा भी होता है कि खिलाड़ियों को जान-बूझकर चोटग्रस्त करने या ऐसी स्थितियां पैदा करने की मैच कुछ समय के लिए रुक जाए और उसका असर मैच के परिणाम पर पड़े।
भारत में फिक्सिंग बैन
भारत में फिक्सिंग के आरोप में पहला बैन सन 2000 में लगा था, जब सीबीआई ने मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा और कुछ दूसरे खिलाड़ियों को बुकी से संबंध रखने के आरोप में पड़ताल की थी। बाद में अजहरुद्दीन बेदाग साबित हुए और उन्होंने अजहर नामक फिल्म भी फाइनेंस करवाई, ताकि दाग मिटाए जा सकें। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान रहे हेंसी क्रोनिए का नाम भी मैच फिक्सिंग में आया था, जिनकी बाद में विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई। कई लोग कहते है कि अंडरवर्ल्ड वालों ने हेंसी क्रोनिए के विमान को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश रची थी।
भारत में क्रिकेट का सट्टा पूरी तरह अवैध है। यहां सट्टा खाने वाला और सट्टा लगाने वाला दोनों को जेल हो सकती है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में शेयर बाजार की तरह सट्टा के भाव घटते-बढ़ते रहते है। बाकायदा लिखा-पढ़ी होती है और सरकार को टैक्स दिया जाता है। सऊदी अरब के कई शेख इस तरह के सट्टे में गहरी रूचि रखते है और वे ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहित भी करते रहते है। सट्टे की भाषा में बुकी को डिब्बा, एजेंट को पंटर, क्लाइंट को लाइन, एक लाख को एक पैसे, सवा लाख को सवा पैसा, पच्चीस हजार को चवन्नी, पचास हजार को अठन्नी, 20 ओवर को लंबी पारी, 6 ओवर को छोटी पारी, 10 ओवर को सेशन और शर्त कम करने को खा जाना कहते है।
6 April 2019