हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही यह बताते हो कि कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और वह अपना जनाधार खोती जा रही हैं, लेकिन नतीजे यह भी बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी कोई अपराजेय पार्टी नहीं हैं। उत्तरप्रदेश की ही बात करें, तो वहां भारतीय जनता पार्टी ने 55 सीटें गंवाई हैं, वहीं समाजवादी पार्टी ने 67 सीटें अधिक प्राप्त की हैं। कांग्रेस का जनाधार भले ही लगभग एक तिहाई रह गया हो और बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक भी खिसक गया हो, लेकिन इसका पूरा-पूरा लाभ भारतीय जनता पार्टी को नहीं मिल पाया। जनाधार खिसकने का लाभ उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी को मिला है और पंजाब में आम आदमी को। अब यह तय है कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरह पंजाब में सत्ता हासिल की है, उसे देखते हुए वह दूसरे राज्यों की तरफ भी जायेगी ही।
दो-तीन दशकों से राजनीति में यह लगातार हो रहा है कि जब भी चुनाव के नतीजे आते हैं, उसमें अक्सर कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलती है। कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता सोनिया गांधी जिंदाबाद, राहुल गांधी जिंदाबाद, प्रियंका गांधी वाड्रा जिंदाबाद के नारे लगाने लगते हैं। संगठन की सर्वोच्च कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होती है। हार पर चिंतन किया जाता है और यह निर्णय लिया जाता है कि मंथन जारी रहेगा। कांग्रेस अगले चुनाव में बहुत अच्छे से काम करेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आता। हर बार गांधी परिवार की जय जयकार और चिंतन के साथ सीडब्ल्यूसी की बैठक खत्म होती है। वही जुमले दोहराए जाते हैं। वही विश्वास व्यक्त किया जाता है और पार्टी फिर पुराने ढर्रे पर लौट आती है।
रूस और यूक्रेन में तनातनी का भारत पर क्या असर पड़ रहा है? सरल शब्दों में समझिए - क्या है यह विवाद और क्या है इसकी जड़? क्या है नाटो और क्या करता है यह? अमेरिका पूरी तरह यूक्रेन के साथ है और चीन रूस के साथ जा सकता है तो भारत किसके साथ रहेगा?
भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप में बंटवारा हो रहा है। देश का सबसे बड़ा मीडिया ग्रुप किस तरह से विघटन के कगार पर है। समीर जैन ने भारत में यह बात स्थापित करने की कोशिश की कि अखबार और पत्रिकाएं जन जागरण का माध्यम नहीं है। ये भी प्रोडक्ट हैं।समीर जैन कहते रहे हैं कि हम मूलत: विज्ञापन के व्यवसाय में है। अखबार में विज्ञापनों के अलावा जहां भी खाली जगह बचती हैं, वहां हम खबरें डाल देते हैं।
ईडी के पूर्व डायरेक्टर राजेश्वर सिंह ने गत 31 जनवरी को ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। उनका इस्तीफा उसी दिन मंजूर कर लिया गया। राजेश्वर सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। राजेश्वर सिंह ने कई मामलों की जांच की थी जिसमें 2G घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, एयरसेल मैक्सिस घोटाला आईएनएक्स मीडिया घोटाला आदि कई मामले शामिल रहे हैं। इन मामलों में कांग्रेस के कई नेताओं को फंसाया गया और कई मामलों में अभी तक किसी को भी दोषी करार नहीं दिया गया। राजेश्वर सिंह की टीम लगातार ऐसे घोटालों की जांच करती रही, जिस पर यूपीए को कटघरे में खड़ा किया जा सके। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में कोई तथ्य सामने नहीं आया। यही हाल कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले का है और कोयला खदान घोटाले का भी यही हाल है। कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए ईडी के अधिकारी के रूप में बीआरएस लेना वैसा ही है, जैसा कि किसी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी से इस्तीफा देकर मूल कंपनी में जिम्मेदारी संभाल लेना। सीएजी के प्रमुख रहे विनोद राय को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बड़े पद तोहफे में दिए। राजेश्वर सिंह भी उन्हीं के कदमों पर चल रहे हैं।
अमेरिका दशकों से हथियारों का सबसे बड़ा कारोबारी है। वह समय समय पर शांति के नाम पर अपने हथियारों को शोकेस करता रहता है। कम्बोडिया, वियतनाम, इराक, अफगानिस्तान आदि में वह अपने हथियारों की बिक्री और लाइव डेमो करता रहा है। स्टॉकहोम पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार 2014-18 में प्रमुख हथियारों के अंतर्राष्ट्रीय हस्तांतरण की मात्रा 2009-13 की तुलना में 7.8 प्रतिशत अधिक और 2004-2008 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक थी।
छिगन के साथ साथ मेरी भी बदरीविसाल की यात्रा सम्पन्न हुई। सड़क मार्ग से।
इंदौर से शुरू हुए और शिप्रा, देवास, शाजापुर, सारंगपुर, आगरा होकर हरिद्वार पहुंच गए। वहां से लक्ष्मण झूला, देवप्रयाग, शिव मंदिर, रघुनाथ मंदिर, भागीरथी और दुरंगी गंगा के दर्शन किये। भूत-चुड़ैल की बात की। पीर बाबा के थान के बगल से निकले। प्रकटेश्वर मंदिर गए और पंचानन महादेव, बारकोड, भद्रकाली मंदिर, बंदरपूंछ ट्रेकिंग स्पॉट, जानकी चट्टी, यमुनोत्री, बड़कोट, बद्रीनाथ, श्याम चट्टी, भीम पुल, गणेश गुफा !
साथ में थे जिया, पुरू, मेमसाब राखी और मोटे से कद्दू जैसे बदबूदार झगड़ालू सेठ!
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण एनएसई घोटाले की चर्चा डाब गई है, लेकिन यह घोटाला है किसी फ़िल्मी कहानी या ओटीटी की किसी सनसनीखेज सीरीज की तरह की। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दुनिया का 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसका फिफ्टी सूचकांक भारत के ही नहीं, पूरी दुनिया के निवेशकों के लिए बहुत मायने रखता है। एनएसई में शामिल स्टॉक्स की कुल कीमत भारत के जीडीपी से भी ज्यादा है। अंदाज लगा सकते है कि एनएसई कितना महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। एनएसई ऑप्शन और फ्यूचर सहित कई तरह की सिक्योरिटी खरीदने और बेचने की सुविधा देता है। शेयर की खरीद-फरोख्त का असल खेल इसी एनएसई में होता है।
इस बार भारत में बजट के बाद महंगाई तेजी से बढ़ेगी, यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता। महंगाई बढ़ेगी मार्च के महीने से। आगामी 7 मार्च को पांच राज्यों में होनेवाले चुनाव के अंतिम चरण का मतदान हो जायेगा और फिर पेट्रोल तथा डीज़ल की कीमतों में आग लगना शुरू होगी। कच्चे तेल की कीमतें अभी उच्चतम शिखर पर हैं और रूस तथा यूक्रेन के बीच संबंधों को लेकर उसमें और भी तेजी हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सीएए आंदोलन के दौरान जिन लोगों पर जुर्माना लगाया गया था और जिन लोगों ने जुर्माने की राशि जमा कर दी थी, उन्हें वह राशि रिफंड कर दी जाए। पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि हमने जुर्माने की भरपाई करने के आदेश वापस ले लिए है। 2019 में सीएए आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार ने 274 लोगों को नोटिस दिए थे और कहा था कि वे जुर्माने की राशि जमा करें। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार के रवैये के प्रति नाराजगी जताई थी और जुर्माने के रिफंड में सरकार की सुस्ती को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की थी।
संभवतः 5 जनवरी को या उसके बाद भारत के पांच प्रमुख राज्यों के विधानसभा के चुनाव घोषित हो जाएंगे यह राज्य हैं उत्तर प्रदेश पंजाब उत्तरांचल गोवा और मणिपुर। 2022 के आखिरी दिनों में हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा के चुनाव का समय भी आ जाएगा चुनाव आयोग इन सब राज्यों में चुनाव के लिए तैयारी कर रहा है। मार्च-अप्रैल में सीबीएसई सहित सभी इन सभी राज्य में शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं संपन्न करा ली जाएंगी। चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते तक इन राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म करने की तैयारी कर रहा है। इन पांचों राज्यों में मतदाता सूचियों के प्रकाशन को का निर्देश भी दे दिया गया है।