fauzia
 
भोपाल में पढ़ीं-बढ़ीं और फिलवक़्त मुंबई की निवासी फौजिया अर्शी बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं।  वे पत्रकार, लेखक, फ़िल्मकार, प्रोफ़ेसर, कलाकार और न जाने क्या-क्या हैं!  वे मुस्लिम हैं, महिला हैं, 'प्रगतिशील' हैं और इसीलिए देश के बारे में सोचने का उनका अपना नज़रिया भी है।  उनकी किताब 'द सन राइसेस फ्रॉम द वेस्ट'  (प्रकाशक :  वॉरीअर्स विक्ट्री, यूके) में उन्होंने में जो मुद्दे उन्होंने उठाए हैं वे  अखबारों की सुर्खियां और टीवी चैनलों की डिबेट का हिस्सा रहे हैं। वे मानती हैं कि यह 'फूल्स एरा' यानी मूर्खता का दौर है।  इस दौर की पहचान यही है कि यहाँ घटिया मानक वाले विचार, उत्पाद, संगीत, फ़िल्म, रोज़मर्रा की चीजें, वाहन, किताबें, फैशन, नेता , मीडिया, जीवनशैली, आधारभूत संरचना, भोजन आदि का बोलबाला है। देश के 80 प्रतिशत लोगों को जीवन में यही नसीब  है। केवल 20 प्रतिशत लोगों को ही गुणवत्ता का माल उपलब्ध है।

Read more...

murge

दंगल, थर्ड डिग्री, हल्ला बोल, टक्कर, ताल ठोक के...! ये कोई टीवी डिबेट के नाम हैं? क्या दंगल के नाम पर कोई डिबेट हो सकती है? दंगल होगा तो वहां शक्ति प्रदर्शन ही होगा, विचारों का प्रदर्शन नहीं होगा। चैनलों के अधिकांश न्यूज़ एंकर बातचीत में आपा खो देते हैं या आपा खोने का नाटक करते हैं। वे चीख चीख कर कोई भी बात बार-बार कहते हैं और अपनी बात को ही देश की बात मानने लगते हैं। वे खुद ही भारत हैं और खुद ही मसीहा। ये एंकर्स ऐसे चिल्लाते हैं मानो सारे पैनलिस्ट बहरे हों।

Read more...

PR050320

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार की रात ट्विटर पोस्ट में लिखा- ''रविवार को फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब को अलविदा की सोची। इस बारे में अवगत कराता रहूँगा।'' उन्होंने यह नहीं लिखा था की मैं सोशल मीडिया के ये प्लेटफार्म छोड़ रहा हूँ या छोड़ने वाला हूँ। घंटेभर के भीतर ही इस एक ट्वीट पर 50,000+ लोगों ने कमेंट किये, 25,200+ ने रिट्वीट किया, 76,400 ने लाइक्स किया। मैंने देखा कि सोमवार रात तक ट्विटर पर मोदी के 5 करोड़ 33 लाख फ़ॉलोअर्स हैं। उनका फेसबुक पेज चेक किया तो पाया कि उन्हें 4 करोड़ 47 लाख से ज़्यादा लोग फॉलो करते हैं। इंस्टाग्राम पर 3 करोड़ 52 लाख प्लस फ़ॉलोअर्स हैं और यूट्यूब पर सब्सक्राइबर्स की संख्या 4 करोड़ 51 लाख से अधिक है I उनके नाम पर दर्ज़नों फर्जी अकाउंट भी हैं। सोशल मीडिया से दूरी बनाने के नरेंद्र मोदी के ट्वीट के बाद ट्विटर पर नो सर हैशटैग चल निकला। मोदी के प्रमुख विरोधी माने जाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सलाह दी कि मोदी सोशल मीडिया से दूरी न बनाएं।

Read more...

auguest2020

साल 1942 की अगस्त क्रांति के वक़्त दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था, कॉंग्रेस ने आज़ादी का बिगुल बजाया। भारत आज़ाद हुआ। अब कोरोना के ख़िलाफ़ विश्व में युद्ध चल रहा है। भारत आज़ाद है, लेकिन सरकार का लक्ष्य आगामी चुनाव के पहले राम मंदिर निर्माण है, इसलिए तारीख चुनी गई 5 अगस्त 2020 । भाजपा और प्रधानमंत्री को यह तारीख बहुत पसंद है क्योंकि यह उनके लिए ऐतिहासिक तारीख है।

Read more...

Kesari1

गली ब्वॉय ने ठीक ही गाया था - 'क्या घंटा लेकर जायेगा?' फिल्मफेयर ने  गली ब्वॉय की मान ली। वही मिला मनोज मुन्तशिर को। 

फिल्म :  केसरी 1897  में 'ब्रिटिश भारतीय सेना' की 36वीं  सिख रेजीमेंट के 21 बहा

दुर सैनिकों की लड़ाई की कहानी है जो उन्होंने  सारागढ़ी में करीब दस हज़ार हमलावरों से लड़ी थी। इसे सारागढ़ी की लड़ाई भी कहते हैं।   सेना दे 21 बहादुर जवानों की टुकड़ी  का नेतृत्व कर रहे हवलदार ईशर सिंह ने मृत्युपर्यन्त युद्ध करने का निर्णय लिया। इसे सैन्य इतिहास में इतिहास के सबसे बड़े  अन्त वाले युद्धों में से एक माना जाता है।

 संदर्भ : जवाहरलाल नेहरू की वसीयत का अंश  -  "मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठी भर राख प्रयाग के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान  के दामन को चूमते हुए समुंदर में जा मिले। लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखेर  दिया जाए।  वह खेत जहां हज़ारों  मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं, ताकि मेरे वजूद का हर हिस्सा वतन की खाक में मिलकर एक हो जाए."

गीत  :   अब आप जरा जवाहरलाल नेहरू की वसीयत और केसरी फिल्म के गाने के बोल की तुलना करें। खास बात यह है कि इस गाने में वतन को भारत माता नहीं कहा गया है, बल्कि वतन की तुलना महबूब से की गई है। जब भी मैं यह गाना सुनता हूँ तो रोमांचित हो उठता हूँ। 

Read more...

samvidha1

भारत का नाम एक ही होना चाहिए- भारत। चाहे अंग्रेज़ी में लिखो-बोलो चाहे हिन्दी में। जैसे जापान का पुराना नाम निप्पो था, उसे जापान कर दिया गया। डच ईस्ट इंडीज़ का नाम इंडोनेशिया कर दिया गया।स्याम का नाम थाईलैंड हो गया, संयुक्त अरब गणराज्य का नाम इजिप्ट , पर्शिया का नाम ईरान, न्यासालैंड का मलावी, अबीसीनिया का नाम इथियोपिया , डच गुयाना का सुरीनाम , गोल्ड कोस्ट का घाना, दक्षिण पश्चिमी अफ़्रीका का नामीबिया, आइवरी कोस्ट को कोट डी आइवरी, कांगो का जायरे, फारसोमा का ताईवान, हॉलैंड का नीदरलैंड, मलाया का मलेशिया और हमारे पड़ोस का बर्मा म्यांमार तथा सीलोन का नाम श्रीलंका कर दिया गया है। जब पूरी दुनिया के देशों के नाम बदल सकते हैं तो भारत का भी बदल सकता है। भारत को भारत कहने में क्या संकोच करना ?

Read more...

Prajaatantra 050220

फेसबुक 16 साल का हो गया। उसके संस्थापक मार्क जकरबर्ग कहते हैं कि सोशल मीडिया लोकतंत्र का पांचवां स्तम्भ है। जकरबर्ग का दावा सही है या गलत यह तो अभी भी विवादों में ही है, लेकिन यह तय है कि फेसबुक अब सोशल मीडिया का प्लेटफार्म भर नहीं रह गया है, बल्कि इससे अधिक एक ऐसी दैत्याकार कार्पोरेट शक्ति बन गया है, जो कई सरकारों की भी नहीं सुनता। सोशल मीडिया का उपयोग देशों की सीमाओं के बाहर धूर्त राजनेता अपने-अपने हिसाब से करते आ रहे है।

Read more...

barrybook

एक क़िताब, जिसे पढ़कर बुश ने 15 साल पहले वायरस के खतरे से बचने के लिए तैयारी कर ली थी। साथ ही 7100 करोड़ डॉलर का बजट रखा था।द ग्रेट इन्फ्लुएंजा: द एपिक स्टोरी ऑफ द डेडली प्लेग इन हिस्ट्री' किताब को 2004 में जॉन एम बैरी ने लिखा था। यह एक नॉनफिक्शन किताब है, जो 1918 के स्पेनिश फ्लू महामारी के बारे में है। इसे अमेरिकी इतिहास की पृष्ठभूमि और चिकित्सा के इतिहास की किताब भी कहा जा सकता है। (किताब ऑनलाइन उपलब्ध है और इसके लेखक अमेरिका में रहते है। उनकी वेबसाइट है : http://www.johnmbarry.com/ )

Read more...

Sayar 1

में शायरी का चलन बहुत लोकप्रिय है। यह उर्दू कविता का एक रूप है। भारत और पाकिस्तान में हज़ारों लोकप्रिय शायर हुए हैं। ग़ज़ल अरबी साहित्य की विधा थी, लेकिन उसे फारसी, उर्दू, हिन्दी और नेपाली ने भी अपना लिया। ग़ज़ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है।

ग़ज़ल के पहले शेर को मतला कहते हैं और अंतिम शेर को मक़्ता। ग़ज़ल जिस धुन या तर्ज़ पर होती है उसे बहर कहा जाता है और आखिरी शेर मक़्ता कहलाता है। शेर के बहुवचन को अशआर कहते हैं। मक़्ते में सामान्यतः शायर अपना नाम जोड़ देता है ग़ज़ल में शेर एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हैं। कभी-कभी एक से अधिक शेर मिलकर अर्थ देते हैं। ऐसे शेर कता बंद कहलाते हैं।

Read more...

modi and trump

भारत के फार्मा सेक्टर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का अहसानमंद होना चाहिए कि उन्होंने दुनिया की निगाहों में भारतीय फार्मा सेक्टर की महत्ता बार-बार बताई। यह काम करोड़ों डॉलर के खर्च के बाद भी संभव नहीं हो पाता। भारत विश्व में हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत तकरीबन 400 करोड़ की हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन का निर्यात भी करता है। भारत में मुख्यतः इसे इप्का और कैडिला लैब बनाती है।

Read more...

PR1401

मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की बातें तो कई बार हुई है, लेकिन वह सारी कवायद ब्यूरोक्रेसी में ही उलझ कर रह गई है। इसी बीच उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए फैसला कर लिया।

देश में अभी 15 राज्यों के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। उत्तरप्रदेश में करीब 50 वर्षों से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर चर्चा चल रही थी। सरकार का तर्क है कि इसे लागू करने से लखनऊ और नोएडा की कानून और व्यवस्था की स्थिति अच्छी होगी। अपराधियों पर नियंत्रण करना आसान होगा और फैसलों में तेजी आएगी। वास्तव में पुलिस कमिश्नर प्रणाली अंग्रेजों के ज़माने की देन है। आजादी के बाद भी मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में यही प्रणाली लागू थी।

Read more...

Search

मेरा ब्लॉग

blogerright

मेरी किताबें

  Cover

 buy-now-button-2

buy-now-button-1

 

मेरी पुरानी वेबसाईट

मेरा पता

Prakash Hindustani

FH-159, Scheme No. 54

Vijay Nagar, Indore 452 010 (M.P.) India

Mobile : + 91 9893051400

E:mail : prakashhindustani@gmail.com