अब तक सस्टेनेबल यानी दीर्घकालिक या लंबे समय तक चल सकने वाली बातों में उर्जा या पानी के वितरण की ही चर्चा होती रही है, लेकिन अब लगता है कि पत्रकारिता में भी इसका जिक्र होना जरूरी है। आज पत्रकारिता की जो हालात है, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि पत्रकारिता को भी सस्टेनेबल बनाइए। ऐसा न हो कि क्षरण होते-होते पत्रकारिता का भी युग समाप्त हो जाए।
15 जनवरी को अमेरिकी के ऐतिहासिक शटडाउन का 25वां दिन है। अमेरिकी इतिहास में इतना बड़ा शटडाउन कभी नहीं हुआ। यह एक तरह की ‘सरकारी हड़ताल’ ही है। दरअसल अमेरिका में एक एंटी डेफिशिएंसी कानून है। इसके अंतर्गत जब सरकार के पास बजट कम होता है, तब वह सरकारी कर्मचारियों को काम करने से रोक देती है। ऐसी हालात तब आती है, जब संसद में फंडिंग के किसी मामले पर आपसी सहमति न पाए। ऐसे शटडाउन में सरकार कर्मचारियों को दो भागों में बांट देती है। आवश्यक और कम आवश्यक। आवश्यक कर्मचारियों को काम पर तो आना पड़ता है, लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिलता। दूसरी श्रेणी के कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिलता और काम पर भी नहीं आना पड़ता।
पूरी दुनिया में पत्रकारों पर हमले और हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। हाल ही में माल्टा में एक पत्रकार की कार में बम छुपाकर रखा गया और विस्फोट के जरिये पत्रकार की हत्या कर दी गई। एक्वाडोर में संगठित अपराधियों ने दो पत्रकारों का अपहरण किया और उनकी हत्या कर दी। भारत में भी रेत माफिया द्वारा पत्रकार संदीप शर्मा की हत्या की खबर सुर्खियों में आ चुकी है। इस वर्ष अब तक 31 पत्रकारों की हत्या दुनियाभर में हो चुकी है। कई पत्रकार लापता है और कुछ के बारे में पता भी नहीं चल पाया है। पत्रकारों की संस्था रिपोटर्स विदाउट बार्डर्स ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह बात कही है।
भारत में हम लोग कहते हैं कि हम, भारत के नागरिक। लेकिन चीन में लोग कहते हैं कि हम वर्कर हैं। हाल ही में चीन के एक कुंठित नागरिक ने इस तरह का बयान एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी को दिया। सब जानते हैं कि चीन में कर्मचारियों की दशा बहुत ही खराब है। 12-12 घंटे का काम और बिना साप्ताहिक अवकाश के लगातार काम में जुते रहना। कर्मचारियों का वेतन इतना कम है कि ओवरटाइम के लालच में वे कभी छुट्टी नहीं लेते। कुछ औद्योगिक क्षेत्रों को छोड़ दें, तो चीन के बाकी औद्योगिक क्षेत्र में कोई भी दूसरा व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। वहां जाने के लिए चीन के लोगों को भी परमिट लेना पड़ता है।
आज सुबह इंदौर रेडिसन ब्लू होटल में राहुल गांधी से मिलकर लगा कि वे कुटिल भले ही नहीं हो, लेकिन परिपक्व तो हो ही गए हैं। आक्रामक! बेबाक और बेलौस स्वीकारोक्तियां!! जुबान से डंक मारने की कला सीखने के विद्यार्थी लेकिन संवेदनशील !!! चुनिंदा सम्पादकों और पत्रकारों से उन्होंने खुलकर बात की। राहुल गाँधी अब तंज़ करते हैं, सफाई देते हैं, समझाते हैं और अपने बारे में कहते हैं कि मैं स्वभाव से आक्रामक नहीं हूँ, लेकिन राजनीति के इन हालात ने आक्रामक बना दिया है। वे हिन्दू होने को स्वीकारते हैं और खुद को राष्ट्रवादी कहने में शरमाते नहीं। भाजपा को उसी शैली में जवाब देना सीख गए हैं!
नेटफ्लिक्स के आने से फिल्मों के प्रदर्शन का एक नया दौर शुरू हुआ है। लोग घर बैठे फिल्में देख रहे हैं और काफी कम कीमत पर। पूरी दुनिया में नेटफ्लिक्स के 15 करोड़ ग्राहक भी बन चुके हैं। इतनी बड़ी ग्राहक संख्या कारोबार की दुनिय में मायने रखती है। कुछ साल पहले जब लोग कहते थे कि एकल सिनेमा घर के दिन खत्म हो गए, अब मल्टीप्लेक्स आ गए हैं, वह बात सही निकली। अब कहा जा रहा है कि मल्टीप्लेक्स की दिन भी खत्म हुए, अब डायरेक्ट स्ट्रीमिंग का युग आ गया है। मल्टीप्लेक्स की कीमतों और वहां के महंगे पॉपकार्न से सिने दर्शकों का मोह भंग हो चला है, उन्हें लगता है कि मल्टीप्लेक्स में उन्हें ठगा जा रहा है। मल्टीप्लेक्स की एक ओर दिक्कत है कि पॉपकार्न बेचने वाले दर्शकों की सीट पर जाकर बार-बार उन्हें टोचते है कि कुछ लेंगे क्या? इसके अलावा भी तरह-तरह के ऑफर्स के जरिए दर्शकों को फांसा जाता है।
नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया मैनेजर्स का जवाब नहीं।
रक्षाबंधन के दिन (26 अगस्त को) मोदीजी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 55 विशिष्ट महिलाओं को फॉलो करना शुरू कर दिया। इनमें बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा, टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा, एथलीट पीटी ऊषा, बाल अधिकार कार्यकर्ता डॉ. स्वरूप सम्पत ( परेश रावल की लुगाई, मिस इंडिया 1979 और ये जो है जिंदगी सीरियल की कलाकार) पत्रकार पश्यन्ति मोहित शुक्ला, रोमाना इसार खान, श्वेता सिंह, पद्मजा जोशी, शीला भट्ट, शालिनी सिंह, बॉलीवुड अभिनेत्री कोएना मित्रा, वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी, फोटो पत्रकार रेणुका पुरी शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न दलों के प्रवक्ता और शीर्ष नेताओं की भाषा स्तरीय नहीं कही जा सकती। इस बार लोगों ने जिस तरह की भाषा सुनी, उस तरह की भाषा राष्ट्र नायकों के मुंह से शोभा नहीं देती। आम सभाओं और टीवी की डिबेट के दौरान इस तरह की भाषा आम हो चली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी खुद को देश का चौकीदार कहा था, तो उन्हें इशारा करके कहा गया कि चौकीदार चोर है। स्पष्ट है कि यह बहुत आक्रामक भाषा है। दूसरे तरफ प्रवक्ता कहते है कि क्रिश्चियन मिशेल क्या राहुल गांधी के मामा है? यह क्या भाषा हुई? कोई कहे कि मेहुल मोदी और नीरव मोदी चौकीदार के भाई है, तो। प्रधानमंत्री अम्बानी से गले मिले और यह चित्र अखबारों में छपा, अब कोई कहे कि यह मौसेरे भाइयों का मिलन है, कितनी घटिया भाषा। क्रिश्चियन मिशेल के वकील को देशद्रोही कहने वाले कभी सोचेंगे कि भोपाल गैस कांड के आरोपी वारेन एंडरसन का वकील कौन था? और इंदिरा गांधी के हत्यारों के वकील कौन थे? इसके अलावा सुन मोदी, विधवा, लोहा चोरी, गहना चोरी, नाजायज रिश्ते, बीवी छोड़कर भागना आदि किस तरह की भाषा और किस तरह के मुहावरे है। आजादी के बाद के चुनावों में तो वक्ता अपने विरोधी नेता को भी जी लगाकर संबोधित करते थे। अब न तो कोई जी लगाता है और न ही श्री। सीधे-सीधे वन लाइनर पर आ जाते है। मानो किसी फिल्म के लिए डॉयलाग लिख रहे हो। इसके अलावा जाहिलों, डकैतों, झूठन खाने वालों, मक्खी के बराबर, सभ्यता के दायरे में रहना सीखो, बलात्कार के आरोपी, कान से पीप बहेगा, नेहरू जी की चप्पल सुंघकर ही होश आता था, एजेंट, दलाल, डबल बाप वाले जैसे शब्दों का इस्तेमाल तो गली-मोहल्ले के गुंडे भी नहीं करते, लेकिन इस तरह की शब्दावली अब राष्ट्रीय पार्टियों के नेता टेलीविजन पर करते है और इतने जोश में करते है, मानो वह कोई शास्त्रार्थ कर रहे हो।
नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया मैनेजर्स का जवाब नहीं।
रक्षाबंधन के दिन (26 अगस्त को) मोदीजी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 55 विशिष्ट महिलाओं को फॉलो करना शुरू कर दिया। इनमें बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा, टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा, एथलीट पीटी ऊषा, बाल अधिकार कार्यकर्ता डॉ. स्वरूप सम्पत ( परेश रावल की लुगाई, मिस इंडिया 1979 और ये जो है जिंदगी सीरियल की कलाकार) पत्रकार पश्यन्ति मोहित शुक्ला, रोमाना इसार खान, श्वेता सिंह, पद्मजा जोशी, शीला भट्ट, शालिनी सिंह, बॉलीवुड अभिनेत्री कोएना मित्रा, वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी, फोटो पत्रकार रेणुका पुरी शामिल हैं।
कांग्रेस के नेताओं द्वारा पिछले कुछ समय से चौकीदार पर आरोप लगाने और राफेल सौदे को लेकर सवाल खड़े करने के जवाब में सरकार जो कार्रवाई कर रही है, उससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है। इटली की कंपनी फिनमैकेनिका की ब्रिटिश सहयोगी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद मामले की जांच आगे बढ़ रही है। इस मामले में आरोपित ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को प्रत्यर्पित कर भारत ले आया गया और कोर्ट में पेश किया जा चुका है। मिशेल की तलाश 3600 करोड़ रुपए के हेलीकॉप्टर सौदे के मामले की जांच कर रही एजेंसियों को थी। यह प्रत्यर्पण की यह प्रक्रिया इंटरपोल और सीआईडी के सहयोग से हुई। इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएई के विदेश मंत्री से कई बार बातचीत की थी।
-- आज 23 अगस्त 2018 को अंतर्राष्ट्रीय हैशटैग डे है. #Hashtag11
-- दशमलव और शून्य के बाद शायद सबसे बड़ी गणितीय खोज।
-- आज से 11 साल पहले ही हैशटैग का जन्म हुआ था।
-- ट्विटर ने आज, 23 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय हैशटैग डे के रूप में मनाने का ऐलान किया है।
-- आठ साल पहले ऑक्सफ़ोर्ड शब्दकोष में यह शब्द शामिल किया गया था - #Hashtag .
--गूगल के एक डिजाइनर क्रिस मेसिना ने 23 अगस्त 2007 को सबसे पहले इसका उपयोग किया था।