राहुल गांधी अपेक्षाकृत युवा हैं, पढ़े लिखे हैं, सक्रिय हैं, कांग्रेस के सांसद हैं; वे जो भी कहते हैं चर्चा में आ जाता है! जो करते हैं उस पर सवालों की बौछार होने लगाती है, मीम्स बनाये जाते हैं, तंज़ किये जाते हैं, लेकिन उनकी हर बात पर सरकार प्रतिक्रिया अवश्य देती है !
प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री... जो भी बात कहते हैं, कहीं न कहीं राहुल गांधी का सन्दर्भ आ ही जाता है। देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि राहुल गांधी बहुत नेकदिल और सरल हृदय शख्स हैं, इसीलिए वे राजनीति में मिसफिट हैं! खुद उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ लोग उन्हें नेता कहते हैं, लेकिन उनके निर्देश नहीं मानते।
क्या राहुल गांधी निरे आदर्शवादी हैं या वर्तमान दौर की राजनीति के उपयुक्त नहीं हैं? क्या वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पासंग नहीं बैठते? क्या अमरिंदर, ज्योतिरादित्य और हार्दिक पटेल आदि की तरह पूरी कांग्रेस राजनीति के अवसाद में है ?