मकबूल फिदा हुसेन कला जगत के शोमैन हैं। ऐसे कलाकार, जिनका काम तो हमेशा चर्चा में रहता ही है, वे खुद उससे ज्यादा चर्चाओं में रहते है। लाखों रूपयों में अपनी चित्रकृतियां बेचनेवाले हुसेन के पिता इन्दौर की एक मिल में टाइमकीपर थे। अपनी आजीविका के लिए हुसेन ने कभी सिनेमा के होर्डिंग्स और बच्चों के फर्नीचर की डिजाइन बनाने का काम करीब दस साल तक किया।
राम विलास पासवान जितने वोटों से चुनाव में जीते थे, उतने वोटों से तो कभी नेहरू या इंदिरा गांधी भी नहीं जीती। राम विलास पासवान हरिजनों के प्रिय नेता हैं और मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करवा कर वे जगजीवन राम का उत्तराघिकारी बनने की तैयारी कर रहे हैं।
अर्जेण्टीना में मेराडोना की राष्ट्रपति के बाद सबसे ज्यादा इज्जत है। लेकिन वे कोई खास हैंडसम नहीं है। हाल में इटली के एक अखबार ने 18 से 30 के बीच की युवतियों की पसंद पूछी तो मेराडोना का नाम अंतिम था। मेराडोना के पास आज सब कुछ है। अर्जेण्टीना और इटली में उनके मीलों में पैâले हुए मकान है। कारों के काफिले, निजी जेट विमान है। मेराडोना की दो बेटियां है, जिनके जन्म के काफी समय बाद उन्होंने ब्याह रचाया।
दून स्वूâल के भूतपूर्व छात्र, कश्मीर के सदरे रियासत, कवि, लेखक, गायक और विविध भाषाओं के जानकार कर्ण सिंह, उस समय राजनीतिक पटल के हाशिए पर चले गए जब इंदिरा गांधी दोबारा सत्तासीन हुई। अब उन्हें अमेरिका में भारत का राजदूत का पद मिला है। देखें वहां वे भारत की छवि कितनी मजबूत कर पाते है।
सद्दाम हुसैन ऐसे नेता है जो साहसी तो है, लेकिन षडयंत्रकारी भी। वे बुद्धिमान है, लेकिन व्रुâर भी है। लड़ाई के तौर-तरीकों का ज्ञान उन्हें अच्छा है, लेकिन ईरान से इतनी लम्बी लड़ाई लड़कर, पांच लाख लोगों को मरवाकर और खरबों के नुकसान के बाद उन्होंने क्या पा लिया? सद्दाम हुसैन का एक ही सपना लगता है कि पूरी मुस्लिम दुनिया में इराक का नाम अव्वल रहे और वैâसे केवल उनकी तूती बोले।
अशोक वाजपेयी ने मध्य प्रदेश जैसे राज्य में रहते हुए भी यह व्यवस्था करा ली थी कि संस्कृति का पूरा-पूरा उत्थान हो। और ऐसे हो, जैसे वे चाहें। कई मुख्यमंत्री आए और गए। पार्टियों की सरकार आई और गई। लेकिन अशोक वाजपेयी की बोतल ने सबको समेट लिया।