You are here: सुबह सवेरे (मेरा हैशटैग)
गत दिवस पेट्रोल और डीजल के दाम में हुई वृद्धि को लेकर सोशल मीडिया में मोदी सरकार के खिलाफ जितना लिखा गया है, उतना बहुत कम मौके पर लिखा गया। इस बार कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर तो मोदी सरकार की जमकर खिंचाई हो रही है। विपक्ष में रहते हुए नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के नेताओं ने जो बयानबाजी की थी, उनको दोहराया जा रहा है और याद दिलाया जा रहा है कि पहले क्या-क्या कहा था, भाजपा और मोदी जी ने।
जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली की प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है। मोबाइल और इंटरनेट सेवा बहाल होने लगी है। दो महीनों में हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 70 के पार हो चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ इलाकों में कफ्र्यू समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में केन्द्र सरकार ने कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए जो कोशिशें की है, उसमें गृह मंत्री की कश्मीर यात्रा शामिल है। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर की दो दिन की यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर सभी लोगों के सामने खुले मन से अपने विचार व्यक्त करते रहे। गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया और अपनी चिंताएं बताते हुए महबूबा मुफ्ती से केन्द्र की अपेक्षाएं भी उजागर की। इस प्रेस कान्फ्रेंस से कश्मीर के लोगों में क्या संदेश गया है, उसे समझने में तो अभी काफी वक्त लगेगा, लेकिन सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर को लेकर जो एकतरफा प्रचार चल रहा था, वह इस यात्रा से प्रभावित हुआ है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तरप्रदेश के चुनाव के पहले सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे सोशल मीडिया पर सक्रिय हो जाएं। अगर उन्हें उत्तरप्रदेश में चुनाव का टिकट चाहिए, तो उनके कम से कम 25 हजार फॉलोअर्स या फ्रेंड्स तो होने ही चाहिए। अमित शाह को लगता है कि भाजपा की 2014 की जीत में सोशल मीडिया ने अच्छी भूमिका निभाई थी और सोशल मीडिया की मदद से उत्तरप्रदेश का चुनाव भी उनकी पार्टी जीत सकती है।
नरेन्द्र मोदी के अलावा कोई भी बीजेपी का नेता गुजरात में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पांच साल पूरे नहीं कर पाया। आनंदी बेन पटेल के बारे में आशा थी कि वे आगामी चुनाव तक तो मुख्यमंत्री पद पर रहेंगी ही, लेकिन लगभग दो साल में ही उनकी बिदाई हो गई। गुजरात बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर आनंदी बेन की महानता के गुण गाए और लिखा कि 75 साल की होने के पहले ही उन्होंने अपने पद से गरिमामय तरीके से हटने का फैसला किया। इसके जवाब में लोगों ने लिखा कि आनंदी बेन के इस्तीफे के पीछे उनकी उम्र नहीं, कोई और वजह है। और वह वजह है बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह।
सीरियल ‘सास भी कभी बहू थी’ की बहू स्मृति ईरानी ने उस सीरियल में जितनी अच्छी-अच्छी साड़ी पहनकर फोटो नहीं खिंचवाए होंगे, उससे ज्यादा आजकल उनकी नई-नई साड़ियों वाली तस्वीरें मीडिया में आ रही है। ये तस्वीरें वे जानबूझकर हैंडलूम के उत्पादों के प्रचार के लिए पहन रही है और सोशल मीडिया पर शेयर कर रही है। ट्विटर पर तो उन्होंने आईवीयर हैंडलूम हैशटैग से अभियान चलाया है, जो देखते ही देखते सुपरहिट हो गया।
5 अगस्त से शुरू होने वाले ब्राजील के रियो दी जेनेरियो ओलंपिक की सुरक्षा में सोशल मीडिया की मदद ली जा रही है। ओलंपिक शुरू होने के पहले ब्राजील की पुलिस ने आतंकी गतिविधियों में लिप्त 10 लोगों को गिरफ्तार किया। ब्राजील की पुलिस ने अभी इस बात का कोई इशारा नहीं किया कि इनका संबंध किस आतंकवादी ग्रुप से था, लेकिन यह जरूर कहा कि ये लोग ओलंपिक के समय आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले थे। ये लोग एके 47 सप्लाय करने वाले एक गिरोह के संपर्क में थे। 21 अगस्त तक ओलंपिक खेल चलेंगे और तब तक ब्राजील की पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में जी जान से जुटी रहेगी। अभी वहां 80 हजार से ज्यादा पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात है। ब्राजील की सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था में जुटाए जाने वाले संसाधनों के लिए ढाई करोड़ डॉलर अतिरिक्त रूप से स्वीकृत किए है।