श्री विश्वनाथ सचदेव ने टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप में ट्रेनी जर्नलिस्ट के रूप में प्रवेश किया था और वें १५ साल तक नवभारत टाइम्स और धर्मयुग के सम्पादक (साथ-साथ भी) रहे। वे एक बेहतरीन सम्पादक, संवेदनशील व्यक्ति और बेहतरीन कवि हैं।टीवी शो और स्टेज पर उनके कार्यक्रम मानवीय मूल्यों को लेकर चर्चा में रहे हैं। देश-दुनिया के अनेक शीर्ष लेखक, पत्रकार, राजनीतिज्ञ, फिल्मी कलाकार, उद्योगपति उनके मित्रों में हैं।
श्री विश्वनाथ सचदेव की तमाम खुबियों में से एक खूबी यह है कि वे मीडिया में लगातार सक्रिय रहे हैं। नवभारत टाइम्स और धर्मयुग के निवृत्त होने के बाद भी उनका लेखन लगातार चलता रहा है।समाजवादी ाqवचारों से अभिप्रेरित श्री विश्वनाथ सचदेव को माया का कोई मोह नहीं छू पाया। इतने बड़े पदों पर रहते हुए भी वे अक्सर मुंबई की लोकल ट्रेन में सफर करते देखे जा सकते थे। जो लोग यह समझते हैं कि सिद्धांतों से समझौता किए बिना कोई सफल नहीं हो सकता, उनके लिए श्री विश्वनाथ सचदेव एक उदाहरण हैं।