लम्बे समय के बाद शनिवार को ढाका में भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीम आमने सामने थी। इसका इंतज़ार क्रिकेट प्रेमी बेसब्री से कर रहे थे। भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच कोई खेल थोड़े ही होता है; वह तो 'युद्ध' होता है 'युद्ध' ! हैदराबाद, जेएनयू, जाट विवाद और संसद में भारी गहमागहमी के बाद क्रिकेट ने लोगों के मूड को थोड़ा बदला। भारत और पाकिस्तान क्रिकेट मैच अगर नहीं होते तो पता ही नहीं चलता कि भारतीयों का हास्यबोध कितना शानदार है ! ढाका में शनिवार को हुआ एशिया कप का भारत-पाक मैच सोशल मीडिया पर ठहाकों, लतीफों और शानदार वन लाइनर का मसाला देकर गया। सोशल मीडिया पर लोगों के उद्गारों के साथ ही ब्रेकिंग न्यूज़ और एक से बढ़कर एक चुटीली बातें देखने को मिलीं। मैच का अपना मज़ा और सोशल मीडिया पर पोस्ट का अपना !
इन दिलचस्प पोस्ट में अनुष्का का बलमा से लेकर सानिया का कलमा तक शुमार था। सानिया मिर्ज़ा भी और जेएनयू भी, असहिष्णुता और स्मृति ईरानी भी, भक्ति भी और बुद्धिवादिता भी, छींटें भी और फुहारे भी। होली के पहले ही होली का मज़ा आ गया। पाकिस्तान के 83 रनों पर छींटाकशी हुई -- किसी ने लिखा कि 83 पर इसलिए आउट हो गए कि कोई भारतीय खिलाड़ी कहीं सेंचुरी न मार दे। सहिष्णुता के बारे में लिखा गया कि बांग्लादेशी लड़कियां पाकिस्तानी टीम के लिए चीयर्स कर रही थीं, यह सहिष्णुता का शानदार नमूना था। लिखा गया कि जब पाकिस्तानी बल्ले से गेंद को नहीं मार पा रहे थे तो उन्होंने गेंद से अंपायर को ही मारना शुरू कर दिया। कहा गया कि जेएनयू वाले पाकिस्तानी गेंदबाज़ों के इसलिए भी फैन हैं क्योंकि वो ज़्यादातर 'लेफ्टी' हैं। अफजल को याद करनेवालों के लिए कमेंट था --अफज़ल हम शर्मिंदा हैं, 83 रन बनाकर भी ज़िंदा हैं। मैच ख़त्म होते ही पोस्ट नज़र आई --आज तो पाकिस्तान से आवाज़ आ रही है...
"टीवी तेरे टुकड़े होंगे....इंशाअल्लाह-इंशाअल्लाह !"
पिच को लेकर भी लोगों के कमेंट थे और पाकिस्तानी टीम के परफार्मेंस पर भी. सोशल मीडिया के पत्रकार नीरज बधवार ने लिखा --पिच पर इतनी घास है कि पाकिस्तानी खिलाड़ी समझ नहीं पा रहे कि खेले या खाएं। नीरज के ज्यादातर वन लाइनर लोगों ने अपने नाम से चिपकाये। धड़ाधड़ रन लेने को भी लोगों ने मज़े में लिया। एक इंदौरी ने कॉमेंट किया --"जा तो ऐसे रिये हो भिया, मानो 251 के मोबाईल की सेल चल री हेगी." मैच दिलचस्प होने के कारण दर्शक चैनल बदल बदल कर विशेषज्ञों की टिप्पणी नहीं सुन पा रहे थे. पाकिस्तानी टीम को कहा गया -- बिच्छू का मंत्र आता नही और साँप के टिपारे में हाथ डालने चले थे. आफ़रीदी की अंग्रेजी पर भी ताना मारा गया-- आफ़रीदी को भी पता है मैच हारकर पहले ही बेइज्ज़ती हो चुकी है इसलिए अंग्रेज़ी बोलकर और न करवाई जाए।
पाकिस्तान की किस्मत को भारतीयों ने भी यह कहकर कोसा --बेचारा पाकिस्तान ! हमेशा हारता है , फिर भी लड़ता है. पाकिस्तान की तो किस्मत ही खराब है..! ना तो आतंकवादी चल रहे हैं और ना ही खिलाड़ी.!! भारतीय नेताओं ने भी इस मौके को भुनाने की कोशिश की। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने लगातार 3 ट्वीट किए -- "भारत तो बिल्कुल असहिष्णु नहीं है, लेकिन एशिया कप में भारतीय क्रिकेट टीम जरूर असहिष्णु नजर आ रही है", "बांग्लादेशियों यो की धुनाई के बाद, जिस ढंग से भारतीय टीम ने पाकिस्तान की धुलाई की, उससे ये दिख गया कि भारतीय शेर बिल्कुल नरमी नही बरतेंगे।" और.... " क्या पता "पुरस्कार लौटाऊ गैंग" भारतीय क्रिकेट टीम की इस इस निर्ममता पर भी दो चार पुरस्कार वापिस लौटा दे?"
29 Feb. 2016
10.30 am