बालिका वधु टीवी सीरियल से चर्चा में आई अभिनेत्री प्रत्यूषा बैनर्जी की आत्महत्या पर जिस तेजी से मास मीडिया से ज्यादा तेज गति से सोशल मीडिया पर खबरें प्रचारित और प्रसारित हुई। जिया खान और दिव्या भारती की आत्महत्याओं पर भी मास मीडिया में लगातार कई दिनों तक खबरें बनी रही। प्रत्युषा के मामले में मास मीडिया की यह तेजी कहीं ज्यादा नजर आई। लोगों ने प्रत्युषा की आत्महत्या पर आश्चर्य मिश्रित खेद जताया और साथ ही कई ऐसे राजफाश किए, जो सोशल मीडिया के बिना शायद ही सामने आ पाते।
सोशल मीडिया पर आने वाली पोस्ट लिखने वाले उनके कई मित्र भी थे और प्रतिस्पर्धी भी। प्रत्युषा का अपना एक प्रशंसक वर्ग रहा है, उसने भी इस दुखद घटनाक्रम पर टिप्पणियां की। टीवी पर खबरें आने के पहले ही बालिका वधु के लेखक राजेश दुबे ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में इस घटनाक्रम पर अविश्वास जताया था। तमाम टीवी चैनलों ने प्रत्यूषा बैनर्जी और उनके ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह के फेसबुक और ट्विटर अकाउंट खंगाल डाले। कई घंटे तक टीवी चैनल सोशल मीडिया और ट्विटर के सहारे ही खबर का फॉलोेअप देते रहे। टीवी चैनलों पर संवाददाताओं के फोनो में भी कोई नई जानकारी नहीं थी। सोशल मीडिया पर ही प्रत्यूषा के प्रशंसकों ने राहुल राज सिंह के अस्पताल में होने की सूचना दी।
शुक्रवार की शाम अस्पताल में नजर आने के बाद प्रत्यूषा का ब्वॉयफ्रेंड गायब हो गया। अपनी गिरफ्तारी के भय से वह कानूनी सलाह लेने में व्यस्त था, लेकिन अगले ही दिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया और पूछताछ शुरू कर दी। राहुल राज सिंह प्रत्यूषा के साथ लिव इन रिलेशनशिप में था और प्रत्यूषा ने घोषित कर रखा था कि 2016 में वह शादी कर लेगी। सोशल मीडिया पर ही इस तरह की खबरें भी आई थी कि प्रत्यूषा ने अपनी बर्थ-डे पार्टी मनाने के बाद होटल का बिल अदा नहीं किया। यह भी खबर सोशल मीडिया पर ही थी कि प्रत्यूषा ने बैंक से कार लोन लेकर कर्ज चुकाया नहीं और जब बैंक वाले कार की किश्त या कार को अपने कब्जे में लेने के लिए आए, तब प्रत्यूषा ने बखेड़ा खड़ा कर दिया।
फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर प्रत्यूषा और राहुल राज के दर्जनों फोटो शेयर किए गए। कभी वे सिद्धि विनायक मंदिर के फोटो पोस्ट करते, तो कभी आपस में लिपटे हुए किस करने के। आम धारणा यहीं थी कि वे दोनों शादी कर रहे है। जितने लोग प्रत्यूषा को पहचानते थे, उससे आधे भी राहुल राज को नहीं पहचानते थे। अधिकांश ने तो राहुल राज का नाम सुना ही नहीं था और सुना भी था, तो प्रत्यूषा के मुंह से। राहुल राज प्रत्यूषा को बचाने के लिए बयान देते रहते थे और उन्होंने कई मामलों में प्रत्यूषा के पक्ष में खुलकर कहा भी था।
आम सेलेब्रिटी के सोशल मीडिया अकाउंट के तरह ही ये दोनों भी सोशल मीडिया का उपयोग अपने प्रमोशन के लिए करते रहते थे। दोनों एक-दूसरे की तारीफ करते रहते और उपलब्धियों को गिनाते। बीती हुई होली के दौरान पूनम पांडे और राहुल राज सिंह के होली खेलने के चित्र भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर हुए थे, क्योंकि यह कार्यक्रम एक मीडिया हाउस का प्रायोजित था।
राहुल राज सिंह और प्रत्यूषा के जिम के फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर किए गए। जुहू के ट्यूलिप होटल में जब राहुल राज सिंह ने स्पेन में मनाए जाने वाले टोमाटिनो फेस्टिवल की तरह पार्टी आयोजित की, तो कई लोगों ने उसका मजाक भी उड़ाया। राहुुल राज खबरों में बने रहने के इरादे से सेलेब्रिटी क्रिकेट में भी काफी सक्रिय रहता था।
अगर प्रत्यूषा आत्महत्या नहीं करती, तो राहुल राज सिंह को लाखों लोग पहचानते भी नहीं। एक दुखद मौत के बाद राहुल राज एक खलनायक की तरह घोषित किया जाने लगा। सोशल मीडिया पर प्रत्यूषा के हजारों प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और इसे बेहद दुखद बताते हुए कारणों की समीक्षा करने की कोशिश भी की। लोगों ने लिखा कि हर मौत दुखद ही होती है। युवावस्था की मौत सबसे ज्यादा दुखद। लोगों ने उन एनजीओ का भी जिक्र किया, जो निराशा में डूबे लोगों को सलाह मशविरा देते है और आगे बढ़ने की दिशा बताते है। ऐसे एनजीओ की अनउपस्थिति भी लोगों को खली। सोशल मीडिया आम लोगों की आवाज है और कोई भी आम आदमी नहीं चाहता कि कभी भी कोई युवा कलाकार निराशा में डूबकर ऐसे कदम उठाए।