10 से 12 अरब डॉलर की कीमत का कोहिनूर आखिर किसकी संपत्ति हैं- यूके की, भारत की या पाकिस्तान की। न्यायालय में केन्द्र सरकार कोहिनूर के वापसी के बारे में अलग-अलग बयानों में कह चुकी है कि कोहिनूर को गिफ्ट में देने के बाद अब वापस लाना आसान काम नहीं है। न तो कोहिनूर को छीना गया था, न लूटा गया था। किसी को दी हुई गिफ्ट वापस लाएं भी तो कैसे? अब इस मामले में पाकिस्तान भी कूद पड़ा है और लाहौर की कोर्ट में वहां के कुछ लोगों ने दावा किया है कि कोहिनूर पंजाब प्रांत की संपत्ति था और पंजाब का एक प्रमुख हिस्सा अब पाकिस्तान में है, इसलिए कोहिनूर पर पाकिस्तान का हक बनता है।
कोहिनूर भारत में वापस आएगा या नहीं, यह यक्ष प्रश्न हैं। ब्रिटेन की महारानी क्या कोहिनूर से सजा मुकुट यूं ही उतारकर दे देंगी? सोशल मीडिया पर इस तरह के सवाल रस ले लेकर पूछे जा रहे है। कई लोगों को तो यह भी नहीं मालूम कि आखिर कोहिनूर वापस लाने की मांग कोई क्यों कर रहा है? कई लोग कहते है कि ‘हीरा है सदा के लिए’ वाली बात सही नहीं है। बात होनी चाहिए ‘हीरा है लुटेरों के लिए’। हीरे की खदानों से लेकर उसे निकालने, तराशने, सजाने और उसके कारोबार करने तक राजनीति और अपराध होते रहते हैं। हीरो उतनी बहुमूल्य वस्तु है भी नहीं, जितना की उसे बना दिया गया है। अगर यह धरती हीराविहीन हो जाए, तो भी जीवन चलता रहेगा।
सोशल मीडिया पर केन्द्र सरकार के रवैये को लेकर लोगों ने मजाक उड़ाए है। बार-बार रुख बदलने पर भी लोगों को अटपटा लगता है। इसके लिए वे लोग सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दोषी ठहरा देते है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इतिहास के पन्नों के लिंक्स भी शेयर करना शुरू कर दिए हैं, जिनमें कोहिनूर का इतिहास बयान है। कई लोगों का मानना है कि भारत कितनी भी कोशिश कर लें, कोहिनूर वापस आ नहीं सकता। क्योंकि यह ब्रिटेन का ही हो चुका है।
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर मजाक में कहा कि कोहिनूर क्या विजय माल्या का लोन का पैसा है, जो वापस ले आओगे? यह क्या स्विस बैंक में जमा काला धन है, जिसे लाने की मांग की जा रही है? सुप्रीम कोर्ट में लगी जनहित याचिका के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि आखिर कोहिनूर को वापस लाने के लिए क्या उसकी कोई योजना है।
कोहिनूर हीरा वापस भारत को मिले, इसके बारे में लोगों ने अपने-अपने तर्क शेयर किए है। कुछ का कहना है कि यह हीरा गोलकुंडा क्षेत्र में से एक खदान से निकला था, इसलिए यह भारत का हुआ। कुछ का कहना है कि यह नादिर शाह ने 1739 में हड़प लिया था। वरना यह भारत का ही था। यह हीरा सैकड़ों साल तक राजाओं के सिर पर सजा रहा, जिनमें शाहजहां से लेकर पंजाब के राजा तक शामिल हैं। जिन्होंने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के लोगों को तोहफे में दे दिया था और फिर यह ब्रिटेन चला गया और महारानी के मुकुट में शामिल हो गया।
इसी बीच पाकिस्तान में भी सोशल मीडिया में कोहिनूर को लेकर चर्चाएं चल पड़ी। पाकिस्तान के कुछ लोगों का मानना है कि कोहिनूर का उनका ही हक है, इसलिए पाकिस्तान को कोहिनूर पर अपना दावा जताते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहल करनी चाहिए। पाकिस्तान में कई लोगों ने इसे लेकर राजनैतिक छींटाकशी भी की है। उनमें सबसे दिलचस्प यह है कि कोहिनूर को ब्रिटेन में ही रहने देना चाहिए, क्योंकि अगर कोहिनूर पाकिस्तान आया, तो वह मरियम (नवाज शरीफ) की अंगूठी में लग जाएगा।
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