लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की स्थिति चाहे जो रही हो, दूसरे राज्यों पर उसकी निगाहें जमी हुई है। केजरीवाल चाहते है कि पंजाब के अलावा वे उत्तरप्रदेश और गुजरात पर भी राजनीतिक धावा बोले। इसके अपने निहितार्थ हैं। लोकसभा चुनाव में पंजाब में आम आदमी पार्टी को अच्छा प्रतिसाद मिला था। उसे आशा है कि पंजाब में अगली सरकार आम आदमी पार्टी की होगी। पंजाब के बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश पर निगाह डालना लाजिमी है ही। गुजरात पर केजरीवाल की निगाहें इसलिए भी हैं कि उन्हें लगता है कि गुजरात में आनंदी बेन की सरकार बहुत अच्छा काम नहीं कर रही है। गुजरात के बहाने केजरीवाल के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।
सोशल मीडिया पर केजरीवाल और उनकी आप पार्टी ने ‘गुजरात वांट्स केजरीवाल’ अभियान शुरू कर रखा है। ट्विटर पर केजरीवाल के करीब 85 लाख फॉलोअर है। 9 जुलाई, शनिवार को गुजरात के राजकोट में केजरीवाल और उनके समर्थकों ने पहुंचकर इस अभियान की जोरदार शुरूआत की। सोशल मीडिया पर इस तरह के संदेश जारी करने की होड़ मच गई कि गुजरात के लोग केजरीवाल का जोरदार स्वागत कर रहे है और उन्हें विश्वास है कि गुजरात के आगामी विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी अच्छी सीटें लेकर आएगी।
जयप्रकाश नारायण के आंदोलन को 1970 के दशक में गुजरात में अच्छा खासा समर्थन मिला था। युवाओं का वह आंदोलन पूरे देश में बदलाव की हवा लेकर आया था। इसी आंदोलन की वजह से देश में इंदिरा गांधी ने आपातकाल थोपा था। गुजरात महात्मा गांधी की जन्मस्थली है और सरदार पटेल की भी। अनेक सामाजिक परिवर्तन भी गुजरात से शुरू हुए थे। इन्हीं सब बातों को लेकर फिर बदलाव की बात करते हुए आम आदमी पार्टी गुजरात में जोर आजमाने जा रही है।सोशल मीडिया पर जारी संदेशों के अनुसार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की गुजरात इकाई के साथियों को संदेश दिया है कि वे आम आदमी पार्टी के आयोजनों को हलके से न लें। अमित शाह की अपील थी कि पार्टी के कार्यकर्ता अपने कार्य को तो गंभीरता से करें ही और दूसरों पर भी निगाहें बनाए रखें।
गुजरात में आम आदमी पार्टी का नारा है- गुजरात वांट्स क्लीन पॉलिटिक्स, गुजरात वांट्स गुड गर्वनेंस, गुजरात वांट्स रियल डेवलपमेंट। इसका अर्थ यह हुआ कि आम आदमी पार्टी उन्हीं नारों को लेकर गुजरात पर चढ़ाई करने जा रही है, जो नारे उन्होंने दिल्ली में लगाए थे। स्वच्छ राजनीति अच्छा प्रशासन और असली विकास। गुजरात में आम आदमी पार्टी ने इसके साथ अभिव्यक्ति की आजादी को भी जोड़ दिया है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि गुजरात और देश में बीजेपी के शासन में कही भी कोई खुश नहीं है। आप का कहना है कि गुजरात में भ्रष्टाचार का आलम वैसा ही है, जैसा दिल्ली में कांग्रेस के दौर में रहा है।
सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के लोगों ने अपने प्रचार में लगभग वहीं तरीका अपनाया है, जो लोकसभा चुनाव के वक्त बीजेपी ने अपनाया था। गुजरात को अब जुमलो की नहीं, विकास की जरूरत है। फेंकू का अब कोई काम नहीं बचा। बीजेपी के सांसद परेश रावल का भी मखौल उड़ाते हुए उन्हें कॉमेडियन बताया जा रहा है। परेश रावल की राजनीति को आइटम भी कहा जा रहा है। इसी के साथ आप के नेता आक्रामक हो गए है और आरोप लगा रहे है कि हम अपने ऊपर और झूठे आरोपों और मुकदमों के लिए तैयार है। भ्रष्टाचार के खिलाफ क्रांति का अभियान अब पूरे देश में फैल रहा है।
सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि केजरीवाल ही वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने राजनीति की दिशा और दशा बदल दी। केजरीवाल के कारण ही देश का युवा एमटीवी की जगह एनडीटीवी देखने लगा है। केजरीवाल सोमनाथ महादेव के दरबार में प्रार्थना करके गुजरात के लोगों का भविष्य बदलने के लिए अभियान शुरू कर रहे हैं।
बीजेपी की तरफ से सोशल मीडिया पर हमले के जवाब की तैयारियां शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि जो केजरीवाल भगवान राम का मंदिर बनाने के खिलाफ हैं, उन्हें सोमनाथ में महादेव के मंदिर में जाकर माथा टेकने की क्या जरूरत? बीजेपी की तरफ से ट्वीट हो रहे है कि काश, कोई गुजराती भी होता, जो गुजरात वांट्स केजरीवाल का समर्थन कर रहा होता। केजरीवाल दिल्ली के नेता नहीं, अब पूरे देश के नेता है के दावे पर बीजेपी के ट्वीट हो रहे है कि चुनाव के बाद पता चल जाएगा कि वे कहां के नेता हैं।
आम आदमी पार्टी उत्साहित है और नारे लगा रही है कि आंधी रोके तो हम तूफान, तूफान रोके तो हम आग का दरिया, हर-हर महादेव। गुजरात में आओ, बदलाव लाओ। गुजरात में करप्शन की गंदगी का ढेर लगा हुआ है, झाड़ू से साफ-सफाई की बहुत जरूरत है। केजरीवाल गुजरात खुद नहीं आ रहे है, उन्हें गुजरात के लोगों ने बुलाया है।
कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी के गुजरात जाने से गुजरात की राजनीति भी दिलचस्प ही होने वाली है। सोशल मीडिया पर अब गुजरात की आम आदमी पार्टी की तरफ से भी नए-नए जुमले और लतीफे पढ़ने को मिलेंगे।