गूगल के लिए रूस एक दुखती रग की तरह है। 2016 के अमेरिकी चुनाव में गूगल पर कई आरोप लगे थे और वे आरोप रूस से की गई कथित गतिविधियों के लिए लगे थे। रूस में गूगल के उतना बोलबाला नहीं है, जितना कि भारत में है। अब ताजा खबर यह है कि रूस की सबसे बड़ी आईटी कंपनी यांडेक्स ने रूस में एंड्रायड वाले मोबाइल फोन पर अपनी बढ़त बना ली है। यांडेक्स न केवल रूस का लोकप्रिय सर्च इंजन है, बल्कि वह कई मोर्चों पर गूगल को टक्कर भी दे रहा है।
सन 1997 में आर्केडी वोलोज़ ने यांडेक्स की स्थापना की थी। 2011 में इस कंपनी ने अपने आईपीओ के ज़रिए 1. 3 अरब डॉलर का निवेश जुटाया था, यह रकम गूगल के आईपीओ के मुकाबले। .4 अरब डॉलर ही कम थी। जिस तरह गूगल अपनी कंपनी का दायरा तेजी से बढ़ाता जा रहा है, वैसे ही यांडेक्स भी बढ़ाता जा रहा है। यांडेक्स न केवल सर्च इंजन है, बल्कि वह रूस में यांडेक्स टैक्सी भी चलाता है और ड्राइवरलेस कार चलने की परियोजना पर भी कार्य कर रहा है। इसके अलावा यांडेक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अनुवाद के क्षेत्र में भी कार्य कर रहा है।
कुछ ही सप्ताह पहले खबर आई थी कि यांडेक्स ने एंड्रायडवाले मोबाइल फोन पर अपना कब्ज़ा गूगल से भी अधिक जमा लिया है। रूस में 49. 06 प्रतिशत फोन पर गूगल है, जबकि यांडेक्स 49. 54 प्रतिशत फोन पर है। एक साल पहले यह आंकड़ा गूगल के पक्ष में था और दोनों के बीच 16 प्रतिशत का अंतर था। यांडेक्स ने केवल एक साल में ही अपना प्रभुत्व बढ़ा लिया था।
यांडेक्स गूगल की तरह पूरी दुनिया में कारोबार करें का नहीं सोचती, वह अपने आप को रूस तक ही सीमित रखना चाहती है, लेकिन उसकी सेवाओं का दायरा गूगल से अधिक व्यापक होता जा रहा है। यांडेक्स ने तय किया है कि वो विश्व स्तर पर गूगल के मुक़ाबले में नहीं उतरेगी। इसके बजाय कंपनी ने अपना पूरा ज़ोर रूस के बाज़ार पर लगा रखा है। यांडेक्स में गूगल के कई पुराने कर्मचारी और अधिकारी कार्य कर रहे हैं। यांडेक्स ने अनुवाद के ऐसे सिस्टम्स बनाये हैं जो गूगल की तुलना में कहीं ज़्यादा प्रभावशाली तरीके से कार्य कर रहे हैं।
अगर आप गूगल को विश्व के स्तर पर एकमात्र कंपनी मानते हैं तो यह आपकी भूल होगी। गूगल दुनिया के अधिकांश देशों में है, लेकिन चीन, रूस, जापान, जर्मनी आदि ने अपने अपने सर्च इंजन बना रखे हैं और वे भी बढ़िया काम कर रहे हैं।
24 Sept. 2018