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जिस तरह फेसबुक विज्ञापन का कारोबार कर रहा है, उसमें वह सोशल मीडिया का प्लेटफॉर्म कम और विज्ञापन के जरिये अरबों डॉलर कमाने की मशीन ज्यादा बना हुआ है। फेसबुक ने वैश्विक स्तर पर सोशल मीडिया के जरिये विज्ञापन अर्जित करने में शीर्ष स्थान पा लिया है। इसके बाद भी उसकी विकास की गति लगातार तेज बनी हुई है। सोशल मीडिया के कई दूसरे प्रमुख प्लेटफाॅर्म को एक साथ मिला दें, तो भी वे फेसबुक के बराबर कारोबार नहीं कर पा रहे हैं। विश्व स्तर पर सोशल मीडिया में जितने विज्ञापन दिए जा रहे है, उसका 71 प्रतिशत अकेले फेसबुक पा रहा है। इस वर्ष फेसबुक को विज्ञापनों से होने वाली आय 6700 करोड़ डॉलर (करीब 4 लाख 70 हजार करोड़ रुपये) होने का अनुमान है। पूरे डिजिटल विज्ञापन जगत का राजस्व 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ रहा है, जबकि फेसबुक अकेला करीब 25 प्रतिशत ग्रोथ हर साल पा रहा है।
आमतौर पर लोग अपने बच्चों के फोटो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर करते है। अपने बच्चों के हर गतिविधि वे दुनिया को बताना चाहते है, कई लोग तो ऐसे है, जो अपने बच्चों के जन्मदिन हर महीने मनाते है और लिखते है कि आज मेरा बेटा या बेटी इतने महीने के हो गए। बच्चों की पसंद-नापसंद, उनके कपड़े आदि के बारे में अभिभावक सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं। भारत में तो नवजात शिशुओं के फोटो भी शेयर करने की परंपरा बन गई है। मैं पिता बन गया या चाचा बन गया जैसे शीर्षक के साथ नवजात शिशु की तस्वीरें फेसबुक पर देखने को मिल जाती है।
क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नमो ऐप खुद अफवाहें फैलाने का काम कर रहा है? ऐसे में फेक न्यूज से कैसे निपटा जा सकता है? वरिष्ठ पत्रकार समर्थ बंसल ने इस बारे में एक अध्ययन किया तो पाया कि नमो ऐप खुद ही अनेक ऐसी बातों को फैला रहा है, जिन्हें रोकने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर बना नमो ऐप 10 करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। आरोप लगते रहे हैं कि नमो ऐप को डाउनलोड करने वालों का पूरा डाटा उनकी अनुमति के बिना जमा किया जा रहा है। उसका उपयोग डाटा संग्रहकर्ता अपने हित के लिए कर सकता है।
गूगल के लिए रूस एक दुखती रग की तरह है। 2016 के अमेरिकी चुनाव में गूगल पर कई आरोप लगे थे और वे आरोप रूस से की गई कथित गतिविधियों के लिए लगे थे। रूस में गूगल के उतना बोलबाला नहीं है, जितना कि भारत में है। अब ताजा खबर यह है कि रूस की सबसे बड़ी आईटी कंपनी यांडेक्स ने रूस में एंड्रायड वाले मोबाइल फोन पर अपनी बढ़त बना ली है। यांडेक्स न केवल रूस का लोकप्रिय सर्च इंजन है, बल्कि वह कई मोर्चों पर गूगल को टक्कर भी दे रहा है।
सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म उपलब्ध है, उनमें इंस्टाग्राम भी एक प्रमुख प्लेटफार्म है। जहां यूजर अपने फोटो और वीडियो किसी एक ग्रुप में या सभी के लिए खुलेआम शेयर कर सकता है। 9 साल पहले इंस्टाग्राम एक नि:शुल्क मोबाइल ऐप के रूप में शुरू किया गया था। दुनिया की तमाम हस्तियां अपनी तस्वीरें और वीडियो यहां शेयर करते है। इसमें लोकेशन भी शेयर की जा सकती है और हैशटैग भी जोड़े जा सकते है। इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा जिस कंपनी का अकाउंट शेयर किया जा रहा है, वह इंस्टाग्राम खुद है। इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले अकाउंट रोनाल्डो, सेलेना गोमेज, एरियाना ग्रैंड, ड्वैन जॉनसन, किम कार्देशियां, काइली जेनर आदि है। इनमें भी किसी एक पोस्ट को सबसे ज्यादा लाइक्स का रिकॉर्ड काइली जेनर के नाम है, लेकिन अब वह रिकॉर्ड टूट गया है।
अमेरिका में इन दिनों हवा चल रही है कि फेसबुक ऐप को अपने मोबाइल से डिलीट कर दिया जाए। 44 प्रतिशत युवाओं ने अपने मोबाइल फोन से फेसबुक ऐप हटा दिया है। वे फेसबुक पर जुड़े तो है, लेकिन अपने कम्प्यूटर के जरिये, उन्हें लगता है कि फेसबुक ऐप मोबाइल के जरिये जासूसी कर रहा है। कैम्ब्रिज एनेलिटिका कांड के बाद अमेरिकी युवाओं में फेसबुक के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है। इसी के साथ 18 से 49 साल की उम्र के अधिकांश अमेरिकी फेसबुक यूजर्स ने अपने मोबाइल की प्राइवेट सेटिंग में जाकर अपनी निजता को बचाने की कोशिश की है। यह आंकड़ा एक वर्ष का है।