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फेसबुक पर कई लोग कभी कभार ही आते हैं। आते भी हैं तो अनबने भाव से। वे लोग बगैर किसी पोस्ट को पूरा पढ़ें, दनादन लाइक मारते जाते हैं। अगर कमेंट लिखने का मौका पड़े, तो नाइस या वेरी नाइस लिखकर आगे बढ़ जाते हैं। कभी-कभी कांग्रेच्युलेशन्स भी उनका प्रिय शब्द होता है। तस्वीर में अगर कोई अपने कुत्ते के साथ है या अपनी बिल्ली के साथ है या गोद में बच्चा उठाए हुए है, कहीं पार्टी की जा रही है, कोई पुरस्कार पाया जा रहा है या यात्रा की जा रही है, तो नाइस, वेरी नाइस या कांग्रेच्युलेशन्स जैसे शब्दों की भरमार लग जाती है। कई लोग शेरो शायरी शेयर करना पसंद करते है, तो बगैर पढ़ें भी वाहवाही करने वाले कम नहीं मिलते। ऐसा माना जाता है कि शेरो शायरी के बारे में नकारात्मक टिप्पणी करने से किसी को अभद्र माना जा सकता है। पेâसबुक पर कोई भी अभद्र नहीं दिखना चाहता। सभी चाहते है कि वे सुसभ्य, शालीन और पढ़ें-लिखे नजर आए।
इंदौर में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाला एक लड़का स्कूल की पहली कक्षा की एक बालिका को अपने साथ खाली कमरे में ले गया और उसके साथ अकल्पनीय अभद्रता की। बालिका का इलाज अभी चल रहा है और लड़का बाल सुधार गृह में है। लड़के ने कबूल किया कि मोबाइल इंटरनेट के माध्यम से उसने अपने कुछ दोस्तों के साथ पोर्न वीडियो क्लिप देखी थी, जिससे उसे इस तरह का दुष्कर्म करने की प्रेरणा मिली। वह अपने ऊपर काबू नहीं रख पाया और अब उसे पछतावा है।
लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं। पिछले दिनों उनका एक पोस्ट बहुत चर्चित हुआ। कई लोगों ने उन्हें जमकर गालियां दी और कई लोगों ने उनकी बात की सराहना की। इस ट्विटर पोस्ट पर तेजस्वी यादव ने एक छोटे से टेक्स्ट मैसेज का फोटो शेयर किया था और लिखा था कि आओ, इसका पता लगाएं। गोवा में किसका शासन है? गोवा में ये सब खत्म होना चाहिए कि नहीं? गोवा में रोमियो है, जूलियट है, बीच है, बीफ है, शराब व कबाब है, फिर भी दिल न लगे, तो जुआ खेलने के लिए कैसिनो भी है। पर पता नहीं, वह शासन किसका है?
बाहुबली-2 फिल्म को फिल्म कहना उपयुक्त नहीं, यह मार्केटिंग का कार्निवाल है। बाबा रामदेव के पतंजलि के बाद बाहुबली-2 एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिसने अपने आसपास मार्केटिंग का व्यापक जाल बुना और कामयाब हुआ। इसकी शुरुआत फिल्म के निर्माता ने फिल्म बनने के पहले ही कर दी थी, जब उसने पहली फिल्म का नाम ‘बाहुुबली-द बिगनिंग’ रखा था। ‘बाहुबली-2 द कन्क्लूजन’ फिल्म के बाद यह तय है कि इसका तीसरा भाग नहीं आएगा। यह बात तय है कि भारतीय फिल्म इतिहास में कोई भी फिल्म इतने सुविचारित तरीके से प्रचारित नहीं की गई। इसी के साथ फिल्म का डिस्ट्रिब्यूशन भी इस चतुराई से किया गया कि फिल्म को ब्लॉकबस्टर तो होना ही था।
क्या आप सोते-जागते, उठते-बैठते सोशल मीडिया यूज करने के आदी हैं? क्या आप रह-रहकर अपना फेसबुक अकाउंट देखते रहते हैं? क्या ट्विटर देखे बिना आपको चैन नहीं पड़ता? क्या आप रह-रहकर इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट पर लाइक्स गिनते रहते हैं? इसका मतलब यह है कि आप सोशल मीडिया के लती हो गए हैं और सोशल मीडिया आपके लिए बीमारी का रूप ले चुका है।
रिपब्लिक के साथ ही अर्नब गोस्वामी की वापसी हो गई है,लेकिन टीवी वापसी के पहले ही सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा होना शुरू हो गई थी। जब अर्नब गोस्वामी ने टाइम्स नाउ छोड़ने की बात कही थी, उसके तीन सप्ताह बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर यह घोषणा की थी कि वे अपना खुद का वेंचर लेकर आ रहे हैं। ट्विटर पर जब पहली बार रिपब्लिक के नाम से ट्वीट किया गया और लोगों से सहयोग मांगा गया, तब 24 घंटे के भीतर ही 55 हजार लोगों ने उसे फॉलो करना शुरू कर दिया था। हर घंटे फॉलोअर्स की संख्या बढ़ती जा रही थी। रिपब्लिक के फेसबुक पेज को भी बारह हजार लोगों ने चौबीस घंटे में लाइक किया।