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अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प सोशल मीडिया की बड़ी महारथी हैं। ट्विटर पर उनके करीब 25 लाख फॉलोअर हैं और इंस्टाग्राम पर करीब 20 लाख। हाल ही में उन्होंने अपने दोनों अकाउंट में एक-एक अकाउंट और जोड़ लिया और उसे अपना ऑफिशियल अकाउंट घोषित किया। उनका निजी अकाउंट एक गैर राजनैतिक अकाउंट होगा और दूसरा आधिकारिक। इवांका, ट्रम्प कॉर्प की उपाध्यक्ष हैं और ट्रम्प कार्पोरेशन के तमाम विकास कार्यों और अधिग्रहणों की जिम्मेदारी संभालती हैं। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उनकी भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण रही थी। कहा जाता है कि इवांका का ट्रम्प की निजी जिंदगी के साथ ही सार्वजनिक जीवन में भी काफी दखल है और वे कई देशों के उन राष्ट्राध्यक्षों से भी बात करती हैं, जिनसे केवल किसी देश का प्रमुख ही बात कर पाता है।
फेसबुक से चिपके रहने वालो, सावधान! फेसबुक आपको अवसादग्रस्त कर सकता है। अगर आप किसी बात पर निराश हों, थके हुए हो और अच्छा महसूस नहीं कर रहे हों, तब भूलकर भी सोशल मीडिया वेबसाइट्स न खोलें। सोशल मीडिया आपको अवसादग्रस्त कर सकता है। यह बात सच है और अनेक अध्ययनोें के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है।
एक सज्जन के यहां शादी थी। बेटे की बारात निकल ही रही थी कि लाइट उठाने वाली एक औरत दूल्हे के पिता के पास पहुंची और बोली- पहचाना मुझे? दूल्हे का पिता हक्का-बक्का रह गया। बोला- नहीं पहचाना। औरत बोली- मैं एंजेल प्रिया, तुम्हारी फेसबुक फ्रेंड।
जब मोबाइल फोन का आगमन हुआ, तब देश के अनेक कार्यालयों में कर्मचारियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक लगा दी गई थी। नियोक्ताओं को लगता था कि इससे कर्मचारी काम के समय गपशप करने में वक्त जाया करेंगे और अपने काम पर ध्यान नहीं देंगे। वह धारणा बेकार साबित हुई। दफ्तरों में कर्मचारियों के पास मोबाइल होने से उनकी संवाद क्षमता बढ़ गई और वे अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे ही संपर्क करने में सक्षम हो गए।
एसएस (सोल सिस्टर्स), एसबी (सोल बिचेस -Soul Biches), पीबीएस (पाकिस्तान ब्यूटी सोसायटी), केजी (कराची गर्ल्स) जैसे नाम हैं पकिस्तान की युवतियों में लोकप्रिय होते जा रहे सीक्रेट फेसबुक ग्रुप्स के। पाकिस्तान के खबर डॉन के मुताबिक इन ग्रुप्स के सदस्यों की संख्या 15000 तक है। इनमें से कुछ ग्रुप्स ने तो अपनी अलग वेबसाइट भी लांच कर दी है और वे लोकप्रिय भी होती जा रही हैं। इनमें वे युवतियां शामिल हैं जो सोशल मीडिया को केवल मनोरंजन का जरिया नहीं, उससे ज्यादा समझती हैं। ये युवतियां पढ़ी-लिखी होती हैं। काफी पड़ताल के बाद केवल युवतियों को ही इसका सदस्य बनाती हैं।
सोशल मीडिया के बहुत ज्यादा उपयोग करने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ते है। यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों है। बच्चों पर सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा उपयोग करने का असर क्या पड़ रहा है, इस पर अनेक अध्ययन हो रहे है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में निष्कर्ष निकला है कि जो बच्चे सोशल मीडिया का उपयोग बहुत ज्यादा करते है, उनके मन में जीवन के प्रति असंतुष्टि का भाव ज्यादा रहता है। सोशल मीडिया पर लोगों को देख-देख कर बच्चों की आदत हो जाती है कि वे अपने अभिभावकों से अवांछित वस्तु की मांग भी करने लगते है। मेरे एक मित्र के बेटे को अपने पिता से इस बात की शिकायत थी कि उसे उसके पिता आईफोन-7 नहीं दिला रहे है। जबकि मेरे मित्र और उसके पिता का कहना था कि वे पहले ही उसे महंगा आईफोन-6 दिला चुके है। हर बार जब कोई नया फोन आए, तो उससे पुराने स्मार्टफोन को रिप्लेस करना संभव नहीं है।