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प्यू रिसर्च सेंटर ने हाल ही में अमेरिका में एक रिसर्च किया, तो पाया कि अमेरिका की दो तिहाई से भी अधिक वयस्क आबादी के लिए सोशल मीडिया समाचारों का पहला स्रोत बन गया है। दुनिया में कोई खबर हो, लोग सोशल मीडिया पर उसे शेयर कर लेते है और यही सोशल मीडिया के लिए महत्वपूर्ण बात है। रिसर्च के मुताबिक 68 प्रतिशत लोग सबसे पहले सोशल मीडिया से कोई भी समाचार प्राप्त करते है, इसमें वे लोग भी है, जो टेलीविजन भी देखते है और अखबार भी पढ़ते है, लेकिन उन तक सबसे पहले समाचार पहुंचाने का काम सोशल मीडिया करता है।

रिसर्च के मुताबिक फेसबुक पर 43 प्रतिशत, यू-ट्यूब पर 21 प्रतिशत, टि्वटर पर 12, इंस्टाग्राम पर 8, लिंक्डइन पर 6, रेडीट पर 5, स्नेपचेट पर 5, व्हॉट्सएप पर 2 और टेम्पबर पर 1 प्रतिशत लोग सबसे पहले समाचार पाते है। यह रिसर्च अमेरिका का है। अगर भारत में रिसर्च हो, तो व्हॉट्सएप कही आगे निकल जाएगा, लेकिन मुख्य चिंता यही बताई जा रही है कि सोशल मीडिया की विश्वसनीयता पर सभी लोगों को भरोसा नहीं है। रिसर्च में केवल 42 प्रतिशत लोगों ने ही कहा कि सोशल मीडिया की खबरों पर विश्वास किया जा सकता है। 57 प्रतिशत ने स्पष्ट कहा कि सोशल मीडिया की खबरें आंख मूंदकर विश्वास करने लायक नहीं होती। 1 प्रतिशत ने कोई राय इस बारे में नहीं रखी। टेलीविजन की खबरों के बारे में इस तरह का कोई रिसर्च सामने नहीं आया है कि कितने प्रतिशत लोग टीवी की खबरों पर आंख मूंदकर भरोसा करते है। यही बात अखबारों के बारे में भी कही जा सकती है।

सोशल मीडिया में फेसबुक की लोकप्रियता सर्वाधिक रही। फेसबुक कुछ अर्से से अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए फेक न्यूज के विरुद्ध अभियान चलाए हुए है। इसके साथ ही उसमें हिंसक तस्वीरों और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वाली तस्वीरों के खिलाफ भी अभियान चला रखा है। फेसबुक के कर्ता-धर्ताओं को पता चला कि विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि असामाजिक कंटेंट बिल्कुल भी न हो। 74 प्रतिशत अमेरिकी दिन में एक बार फेसबुक विजिट करते ही है। सुबह के समय इनकी संख्या काफी ज्यादा होती है और ये लोग अखबार में खबरें पढ़ने की बजाय फेसबुक पर आई खबरें पढ़ना पसंद करते है।

फेसबुक ने कुछ समय से अपने समाचार फीड का अलगोरिधम बदल दिया है। इस कारण समचाारों की प्राथमिकता बदल गई है। यह प्रयोग समाचारों की विश्वनसनीयता बढ़ाने के लिए किया गया है, लेकिन इसका असर यह हुआ कि फेसबुक की विजिटर्स की संख्या अमेरिका में कम होती जा रही है। फेसबुक समझता है कि उसका यह कदम सही है और विश्वसनीयता बढ़ने से उसके विजिटर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। सोशल मीडिया को लोग क्यों पसंद करते है, इसके लिए हर यूजर के अपने-अपने कारण है। सुविधा और समय दोनों के लिहाज से यह यूजर को मुफीद लगता है। यह एक प्रमुख कारण सोशल मीडिया की लोकप्रियता का है। दुनिया की लगभग सभी प्रमुख कंपनियां शायद इसीलिए सोशल मीडिया पर अपने विज्ञापन का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रही है। राजनैतिक दल भी इसी चश्मे से सोशल मीडिया को देखते है कि वह उनकी पार्टी के लिए कितना लाभप्रद हो सकता है।

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