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सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान की बातें, तो अकसर होती ही रहती है। यह भी कहा जाता है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग व्यक्ति को आत्मकेन्द्रित बना देता है। कुछ लोग सुबह उठते ही पहला काम सोशल मीडिया पर अपनी हाजिरी दर्ज़ कराने में लगाते है। आधी रात को उनकी नींद खुल जाए, तब भी और यहां तक कि गुसलखाने में भी वे सोशल मीडिया का उपयोग नहीं छोड़ते। कुछ लोगों के लिए ई-मेल देखते रहना जरूरत हो सकती है, लेकिन अधिकांश लोग केवल यहीं दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर बने रहते हैं कि वे भी मैदान में हैं और सक्रिय हैं। ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास अपने परिवार के लोगों से मिलने और बात करने का समय नहीं है, लेकिन वे सोशल मीडिया पर हर पल हाजिरी देने के लिए समय निकाल ही लेते हैं।

इस बारे में बहुत से शोध हो रहे है, शोध के नतीजे बताते हैं कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने का अर्थ यह नहीं है कि आप वाकई सक्रिय हैं। शोध पत्रिका हेलीयोन में प्रकाशित शोध के अनुसार सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय गुजारना आपको शारीरिक रूप से बीमार बना सकता है। शोधकर्ताओं ने एक प्रेस रिलीज के जरिए लोगों को बताया कि यह बात जाननी जरूरी है कि शारीरिक स्वास्थ्य हमारे लिए कितना अहम है। जो लोग यह समझते है कि सोशल मीडिया ही उनके जीवन का अभिन्न अंग है। वे अनेक शारीरिक और मानसिक व्याधियों से तो ग्रसित है ही, वे जीवन की सच्चाइयों से भी अनभिज्ञ हैं। सोशल मीडिया पर किसी को भी देखकर यह अनुमान मत लगाइए कि वास्तविक जीवन में भी वह व्यक्ति उतना ही सक्षम और भला होगा।

फोर्ब्स पत्रिका ने भी ऐसी ही एक रिपोर्ट छापी हैं, जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग से स्लिपिंग डिसऑर्डर एक आम बीमारी है। अगर ज्यादा दिन तक यह अनिद्रा रोग रहे, तो शरीर कई तरह से जवाब देने लगता है। इसके अलावा तनाव और घबराहट दूसरी ऐसी बीमारियां हैं, जो सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग करने वालों को जकड़ लेती हैं। इन बीमारियों के बाद व्यक्ति की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। मेडिकल न्यूज टुडे के अनुसार रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना एक बहुत बड़ा खतरा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता होने से छोटी-मोटी बीमारियां पास नहीं भटकती। आधुनिक युग में तेजी से फैल रही बीमारी घबराहट और अवसाद एक तरह की मानसिक बीमारी है। अगर यह अधिक समय तक जारी रहे, तो उसके भारी दुष्परिणाम सामने आते हैं।

शोधकर्ताओं ने 15 हजार से अधिक वयस्क लोगों का 4 साल तक अध्ययन किया। ये लोग सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग करते रहे हैं। शोध में पाया गया कि इन लोगों का ब्लड प्रेशर आम लोगों की तुलना में 50 प्रतिशत तक ज्यादा बढ़ा हुआ है। 64 प्रतिशत लोगों को खतरा है कि वे हार्ट या ब्रेन स्ट्रोक के करीब है। 87 प्रतिशत लोग अर्थराइटिस की बीमारी से ग्रस्त हैं। हालांकि एक और शोध में यह बात सामने आई कि डिप्रेशन का कैंसर से कोई ताल्लुक नहीं है, लेकिन दुनिया में कैंसर जैसे जानलेवा रोगों के अलावा भी कई तरह के रोग हैं। किसी भी रोग का पास भटकना अच्छी बात नहीं कही जा सकती।

एक अलग शोधकर्ता ने उन लोगों के बारे में अध्ययन किया, जिन्होंने सोशल मीडिया को अलविदा कह दिया था। शोध में उसने पाया कि सोशल मीडिया को छोड़ देने वाले लोग ज्यादा खुशहाल जीवन जी रहे हैं। शोधकर्ता ने सिफारिश की है कि अगर आप सोशल मीडिया से पूरी तरह नहीं कट सकते, तो कम से कम उन लोगों को फॉलो करना बंद कर दीजिए, जो आपके लिए तनाव का कारण बनते हैं। हो सकता है आप जिस सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे है, वह आपके अनुकूल नहीं हो, ऐसे में जरूरी नहीं है कि आप एक से अधिक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें। सोशल मीडिया को बाय-बाय कहकर आप अपनी जिंदगी को और खुशहाल बना सकते हैं।

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