अमेरिका के इंडियाना में 13 साल के एक किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार किया। माध्यमिक शाला के उस विद्यार्थी ने ऐपल के सिरि ऐप में सर्च किया कि मैं एक स्कूल में गोलीबारी करने जा रहा हूं। उसके जवाब में ऐप ने उसके घर के करीब 32 किलोमीटर के इलाके के स्कूलों की सूची प्रस्तुत कर दी। साथ ही उन स्कूलों की लोकेशन भी उजागर कर दी। बच्चे ने ऐप का स्क्रीनशॉट लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसकी भनक मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई और उस बच्चे को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसकी पहचान गुप्त रखी है।
सोशल मीडिया पर हिंसात्मक सूचनाओं के आदान-प्रदान पर रोक लगाने के इरादे से पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई के तहत यह घटनाक्रम घटा। पुलिस ने कहा कि जब हमने पड़ताल की, तब पाया कि उस बच्चे के पास कोई हथियार नहीं है और न ही उसकी पहुंच किसी हथियार तक है। पूछताछ में उसने बताया कि वह तो मजाक में यह पोस्ट शेयर कर रहा था। पुलिस इस मामले की भी पड़ताल कर रही है कि क्या उसकी किसी व्यक्ति से दुश्मनी है या कोई और उसे जान से तो नहीं मारना चाहता। स्थानीय मीडिया को जब इस मामले की खबर लगी, तब उन्होंने पुलिस से पूछताछ की। पुलिस ने इस मामले में कोई नया फॉलोअप जारी नहीं किया। क्योंकि पुलिस को लगा कि इस मामले को और तुल देना जरूरी नहीं है।
अमेरिका में पुलिस उन सभी स्कूलों में नियमित जांच-पड़ताल करती रहती है, जहां पुलिस को किसी तरह की गोलीबारी या हिंसा की आशंका हो। 2017 और 2018 में पुलिस को 3380 धमकियों के बारे में पता चला, जो स्कूलों को भेजी गई थी। पुलिस की पड़ताल चल ही रही थी कि पार्क लैंड, फ्लोरिडा में एक स्कूल में गोलीबारी हो गई। इससे पुलिस फिर एक्शन में आई।
अमेरिका के तमाम समाजशास्त्री भी इस तरह की समस्याओं से निपटारे के लिए योजनाएं बना रहे है। उनका मानना है कि पुलिस के साथ ही अगर समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोग कार्य करें, तो हिंसा की घटनाओं पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है।