साइंस डेली की एक रिपोर्ट के अनुसार जब भी कोई सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर करता हैं, तब दूसरे लोग उस पोस्ट से संबंधित व्यक्ति की निजी जानकारियां खोजने लगते है। खासकर यह कि पोस्ट लिखने वाले की व्यक्तिगत जिंदगी कैसी है, उसका रोमांटिक रिश्ता किससे है और कौन-कौन उसके दोस्त हैं। कौन-कौन से रिश्तों को उसने तवज्जों दी हैं। क्या पोस्ट लिखने वाला या लिखने वाली शादीशुदा हैं, उसका किसी से दोस्ताना हैं, उसका कहां-कहां आना-जाना है। इन सब बातों में लोगों की दिलचस्पी होती है। अगर ऐसी पोस्ट शेयर करने वाला पुरूष न होकर महिला है और युवा है, तब तो लोगों की दिलचस्पी की सीमा ही नहीं रहती। उस निजी जानकारी का एक्स-रे हर कोई करना चाहता है। लोग खोजने लगते है कि पोस्ट लिखने वाले यूजर का आत्मीय रिश्ता किस-किससे है या किस-किससे हो सकता है। अगर आप अपनी निजी जिंदगी की एक-एक बात शेयर कर रहे हो, तो संभव है आपका जीवनसाथी (बेचारा) अपने आप को अकेला महसूस करें।
अगर आप युवा है और सोशल मीडिया पर है, तो अपने जीवनसाथी का जिक्र अवश्य करें। हो सके तो उसके साथ की अपनी तस्वीरें भी शेयर करें। अपने जीवनसाथी के साथ अंतरंगता प्रदर्शित करने वाली पोस्ट भी नियमित शेयर करते रहे। इससे आपके निजी रिश्ते तो मजबूत होंगे ही, आपकी पोस्ट का एक्स-रे करने वालों को भी पता होगा कि आपकी सामाजिक और पारिवारिक स्थिति क्या है। अगर आप शादीशुदा है और आपके बच्चे है, तो परिवार के साथ फोटो शेयर करना उचित होगा, ताकि लोग आपके बारे में सपने देखने के आदी न हो जाए।
अध्ययन के अनुसार प्राप्त निष्कर्ष
पहला नियम : अगर आप सुदर्शन व्यक्तित्व के मालिक हैं, तो अपनी बेहतरीन तस्वीरें ही शेयर कीजिए, लेकिन उनकी प्रस्तुति ऐसी हो कि वे सामान्य तस्वीरें लगे। सुंदर तस्वीरों को लाइक करने वाले कई लोग ऐसे यूजर की प्रोफाइल पर घूम फिरकर चले जाते है, लाइक का बटन नहीं दबाते।
दूसरा नियम : अध्ययन में यह बात पता चली है कि युवतियां उन युवकों के पीछे दीवानी नहीं होती, जो सोशल मीडिया पर अपनी हॉट तस्वीरें शेयर करते है। कई अध्ययनों में बार-बार यहीं बात सामने आई है कि युवतियां युवकों के लुक्स के बजाय उनकी योग्यता पर गौर करती हैं। वे ऐसे ही जीवनसाथी का ख्वाब देखती है, जो गुणों से संपन्न हो। तस्वीरों में दिखने मात्र में आकर्षक होना एक बात है।
तीसरा नियम : जिन लोगों में सेंस ऑफ ह्यूमर यानी हास्यबोध होता है, उन्हें सभी लोग पसंद करते है, चाहे वो पुरूष हो या महिला। अध्ययनकर्ताओं ने सलाह दी है कि अपना सेंस ऑफ ह्यूमर सोशल मीडिया पर अवश्य प्रस्तुत करें।
एक जमाने में नौजवान युवक युवतियों को फूलों, चॉकलेटों और कविताओं से प्रभावित करने की कोशिश करते थे। अब यह पिछले जमाने की चीजें हो गई। अब इमोजी से ही काम चल जाता है। फूल पैसे की बर्बादी हो सकते है और चॉकलेट कैलोरी के हिसाब से खतरनाक। कविता भी पुराने जमाने की चीज हो गई है। आज कल के रोमियो चुनरी नहीं खिंचते, वे सोशल मीडिया पर फ्लर्ट करते नजर आते है। आप उनके ताजे-ताजे फोटो देख सकते है। उनकी हर फोटो को देखकर आप विश्लेषण कर सकते है कि यह किस इरादे से की गई होगी। वे यह भी देखते है कि मेरी लाइक या कमेंट का कोई जवाब आया है या नहीं। कबूतरों का जमाना तो कब का खत्म हो गया।