अरुंधति राय ने 'आज के भारत' के बारे में बात की, इसे ' शर्म की बात' कहा. 1960 के दशक में धन और भूमि के पुनर्वितरण के लिए "वास्तव में क्रांतिकारी आंदोलनों" का नेतृत्व करने वाले नेता अब वोट चाहते हैं और ‘‘पांच किलोग्राम अनाज और एक किलोग्राम नमक बांटने के नाम’’ पर चुनाव जीत रहे हैं.
बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका अरुंधति रॉय (Booker Prize winner Arundhati Roy) ने भारत की तुलना ऐसे विमान से की जो पीछे की ओर उड़ान भर रहा है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा विमान है जो ‘‘दुर्घटना'' की ओर बढ़ रहा है. राय ने यह टिप्पणी ‘वाई डू यू फियर माइ वे सो मच'' (Why do you fear my way so much ) शीर्षक से प्रकाशित किताब के लोकार्पण के अवसर पर की. इस किताब में जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता जीएन साईबाबा (GN Saibaba) की कविताओं और पत्रों का संकलन है.
मई के महीने में जब पारा एकदम ऊपर जा रहा है, तब कोयले की कमी से होने वाली बिजली की कमी अखरने वाली है। देश के कई भागों में तो 10-10 घंटे बिजली कटौती हो रही है। भारतीय रेलवे ने 753 यात्री रेल गाड़ियों को रद्द कर दिया है। सबसे बड़ा खतरा यह है कि कोरोना के लॉकडाउन के बाद नीचे गिरती हुई अर्थव्यवस्था को कोयले की कमी और नीचे ले जाने पर आमादा है।
रनवे 34 भारत की पहली एविएशन फिल्म कही जा सकती है। दोहा से कोच्ची आने वाली जेट एयरवेज की एक फ्लाइट की कहानी को बदलकर दुबई से कोच्ची जाने वाली कहानी बना दिया गया है। इसके पहले 2009 में अमेरिका में हडसन नदी में उतारे गए एक विमान पर अंग्रेजी में सली नामक फिल्म बन चुकी हैं। सली वैश्विक घटना की अमेरिकन फिल्म थीं और यह भारतीय विमान को लेकर भारतीय फिल्म हैं। हालांकि इस फिल्म को देखते हुए लगता हैं कि यह कोई अंग्रेजी फिल्म की नकल हैं। दक्षिण भारत में स्थानीय कहानी पर तमिल या तेलुगु में वैश्विक फिल्म बनती हैं और हिन्दी में इसका उल्टा होता हैं।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने पिछले दिनों कहा था कि हिन्दी, अंग्रेजी भाषा का विकल्प बनें। राजभाषा (Rajbhasha) को देश की एकता का अहम अंग बनाने का समय आ गया है। अन्य भाषा बोलने वाले राज्यों के लोग आपस में संवाद करते हैं, तब हिन्दी भारत की भाषा होनी चाहिए।
दक्षिण भारत के कई नेता, लेखक, संगीतकार आदि इस बात का विरोध कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि इससे हिन्दी का साम्राज्यवादी रूप बढ़ेगा। एआर रहमान (AR Rehman) ने तो यहां तक कहा कि हिन्दी कभी संपर्क भाषा थी, लेकिन अब तमिल संपर्क भाषा हैं।
प्रसिद्ध पत्रकार, शोधार्थी और हिन्दी के लिए आवाज़ उठानेवाले राहुल देव इस विषय में क्या कहते हैं, उन्हीं से चर्चा।
अब क्या कहते हैं अभा कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव पंकज शर्मा। जिन्होंने Indore Dialogue के 18 अप्रैल 2022 के कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस 137 साल पुरानी पार्टी हैं, जिसे अभी भी 12 करोड़ लोग वोट देते हैं। ऐसी पार्टी का भविष्य पाण्डेय जी (प्रशांत किशोर) जैसा कोई मार्केटिंग का व्यक्ति तय नहीं कर सकता। हजारों लोगों ने कांग्रेस के झंडे तले आजादी की लड़ाई लड़ीं और आज भी लोगों के अधिकारों के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं।
अपनी मार्केटिंग विशेषज्ञता के बदले पाण्डेय जी कांग्रेस का पूरा डाटा बेस चाहते थे। वे यह भी चाहते थे कि पार्टी कैसे चुनाव लड़ें और कैसे संसाधन जुटाए, यह भी वह ही तय करेंगे। लाखों कार्यकर्ताओं के बलिदान से खड़ी हुई पार्टी ऐसे किसी प्रस्ताव पर कैसे मान सकती है?
इसलिए पाण्डे जी का जाना तो तय था। वे अब भी झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। हां, कांग्रेस ने उन्हें एक ग्रुप में सदस्य बनाने की पहल की थी, लेकिन वे चाहते थे कि कम से कम उपाध्यक्ष की कुर्सी उन्हें मिले। जिस पर बैठकर वे पूरी पार्टी को डिक्टेट कर सकें।
दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (Elon Musk) ने लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) को खरीद लिया (Elon Musk Buys Twitter) है। उनके पास ट्विटर को खरीदने से पहले ही कंपनी में 9.1 फीसदी हिस्सेदारी थी। हालांकि, ट्विटर इसके लिए शुरुआत में तैयार नहीं था।
मस्क ने 'फ्री स्पीच' का झंडा बुलंद करते हुए ट्विटर को खरीदा है तो माना यही जा रहा है कि अब प्लेटफॉर्म पर सस्पेंशन के डर के बिना काफी कुछ पोस्ट कर पाएंगे। मस्क के ट्विटर टेकओवर से वाइट हाउस तक में हलचल है। डेमोक्रेट्स में चिंता की लहर है कि इस टेकओवर का असर 2024 राष्ट्रपति चुनाव पर देखने को मिल सकता है।
जब एलन मस्क का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किया गया था, तब उन्होंने सोशल मीडिया पर सन्देश पोस्ट किया था -"सोच रहा हूँ, ट्विटर खरीद लूं!" इसे तब मजाक समझा गया था, पर आज यह सच्चाई है। मस्क ने इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को खरीदने के लिए 44 बिलियन डॉलर, यानी 3,36.800 करोड़ रुपये की डील की हैं।
क्या होगा इसका असर, इसी पर चर्चा डॉ. अमित नागपाल और डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी।
राम मंदिर, सीएए, ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 के बाद अब कॉमन सिविल कोड का मुद्दा उठाया जा रहा है। इसी मुद्दे पर संविधान के अध्येता और सामाजिक कार्यकर्ता सचिन कुमार जैन से चर्चा शाम 6 बजे
भोपाल में गृहमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाना है। उसका ड्रॉफ्ट तैयार किया जा रहा है। कॉमन सिविल कोड के बाद आम जनजीवन पर क्या असर पड़ेगा? इसी की पड़ताल लाइव में...
Uniform Civil Code: देश में एक बार फिर से समान नागरिक संहिता पर बहस शुरू हो गई है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या राज्य सरकार का ऐसा करने का अधिकार है.
Uniform Civil Code: उत्तराखंड में बीजेपी के पुष्कर सिंह धामी को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद मिल गया है. मुख्यमंत्री के लिए जैसे ही उनका नाम तय हुआ, वैसे ही उन्होंने फिर से समान नागरिक संहिता का सुर छेड़ दिया. उन्होंने कहा कि सत्ता संभालते ही सारे वादों को पूरा किया जाएगा, जिसमें समान नागरिक संहिता का वादा भी शामिल है. धामी चुनाव प्रचार के दौरान भी कई बार समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कर चुके हैं.
समान नागरिक संहिता एक ऐसा मुद्दा है, जो हमेशा से बीजेपी के एजेंडे में रहा है. 1989 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता का मुद्दा शामिल किया. 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को शामिल किया था. बीजेपी का मानना है कि जब तक समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता, तब तक लैंगिक समानता नहीं आ सकती.
समान नागरिक संहिता को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक सरकार से सवाल कर चुकी है. 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई. वहीं, पिछले साल जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा था कि समान नागरिक संहिता जरूरी है.
समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून. अभी होता ये है कि हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है.
- हिंदुओं के लिए अपना अलग कानून है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों से जुड़ी बातें हैं. मुस्लिमों का अलग पर्सनल लॉ है और ईसाइयों को अपना पर्सनल लॉ. - समान -नागरिक संहिता को अगर लागू किया जाता है तो सभी धर्मों के लिए फिर एक ही कानून हो जाएगा. मतलब जो कानून हिंदुओं के लिए होगा, वही कानून मुस्लिमों और ईसाईयों पर भी लागू होगा. - अभी हिंदू बिना तलाक के दूसरे शादी नहीं कर सकते, जबकि मुस्लिमों को तीन शादी करने की इजाजत है. समान नागरिक संहिता आने के बाद सभी पर एक ही कानून होगा, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या मजहब का ही क्यों न हो.
अरबों लोगों का बोझ ढोने वाली पृथ्वी अनेक पर्यावरण चुनौतियों से जूझ रही है। 1970 से मनाया जाने वाला पृथ्वी दिवस एक औपचारिकता बनता जा रहा है। पूरी दुनिया आपसी युद्ध, आर्थिक प्रतिबंध, हथियारों की होड़ और पर्यावरण की बेफिक्री में जुटी हैं। अरबों लोगों के जीवन का आधार पृथ्वी की उपेक्षा हो रही हैं। यह उपेक्षा हमें कहा तक ले जाएगी, इसी पर चर्चा।
क्यों प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की कांग्रेस (AICC) से नहीं बनी बात? यह साफ नहीं हो सका है कि पीके (PK) अपने लिए क्या भूमिका चाहते थे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व के साथ पीके की किसी बड़े पद को लेकर बात चल रही थी इसीलिए महज एक कमिटी का सदस्य बनाए जाने का प्रस्ताव पीके को रास नहीं आया. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सबसे बड़ा पेंच टीआरएस जैसे कांग्रेस के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के साथ पीके की कंपनी I Pac का काम करना था.
क्या आपको मालूम था कि भारत से उच्च शिक्षा के लिए भी सैकड़ों विद्यार्थी #पाकिस्तान जाते हैं?...जबकि विश्वभर के 164 देशों के विदेशी छात्र भारत में पढ़ते हैं। नेपाल , अफगानिस्तान, बांग्लादेश , सूडान, नाइजीरिया, अमेरिका, यमन, श्रीलंका, ईरान के छात्र। बी-टेक, बीबीए, बीएससी, बीए, बी-फार्मा, बीसीए, एमबीबीएस, नर्सिंग और बीडीएस लोकप्रिय हैं।
पाकिस्तान जाकर वे करते क्या हैं? पंचर बनाना सीखते हैं या ब'म' बनाना?
शुक्रवार को University Grants Commission (UGC) and All India Council for Technical Education (AICTE) ने बाकायदा एक एडवाइजरी जारी की और कहा कि भैया, अब 'उच्च शिक्षा' के लिए पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि अगर आप पाकिस्तान गए तो आपको भारत में न तो नौकरी करने दी जाएगी, और न ही धंधा करने दिया जाएगा।
सीमा पर चीनी सैनिकों से झड़प के बाद भारत सरकार ने अपनी तमाम टेली कम्युनिकेशन कंपनियों को कहा था कि चीन से उपकरण मंगाना बंद करें। बीएसएनएल और एमटीएनएल ने चीनी उपकरण मंगाने बंद कर दिए। इसका असर नेटवर्क अपग्रेडिंग पर भी पड़ा है। भारत सरकार ने चीन के 56 मोबाइल ऐप एक साथ बैन कर दिए। बाद में यह बैन स्थाई भी हो गया, लेकिन चीनी मोबाइल भारत में आना जारी है।चीनी पटाखे, मांझा, खिलौने आदि के बहिष्कार की बातें धरी की धरी रह गई और चीन भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बन गया। जी हां यही सच्चाई है।
क्या आपको मालूम था कि भारत से उच्च शिक्षा के लिए भी सैकड़ों विद्यार्थी #पाकिस्तान जाते हैं?...जबकि विश्वभर के 164 देशों के विदेशी छात्र भारत में पढ़ते हैं। नेपाल , अफगानिस्तान, बांग्लादेश , सूडान, नाइजीरिया, अमेरिका, यमन, श्रीलंका, ईरान के छात्र। बी-टेक, बीबीए, बीएससी, बीए, बी-फार्मा, बीसीए, एमबीबीएस, नर्सिंग और बीडीएस लोकप्रिय हैं।
पाकिस्तान जाकर वे करते क्या हैं? पंचर बनाना सीखते हैं या ब'म' बनाना?
शुक्रवार को University Grants Commission (UGC) and All India Council for Technical Education (AICTE) ने बाकायदा एक एडवाइजरी जारी की और कहा कि भैया, अब 'उच्च शिक्षा' के लिए पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि अगर आप पाकिस्तान गए तो आपको भारत में न तो नौकरी करने दी जाएगी, और न ही धंधा करने दिया जाएगा।
चीनी पटाखे, मांझा, खिलौने आदि के बहिष्कार की बातें धरी की धरी रह गई और चीन भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बन गया। जी हां यही सच्चाई है। आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते। आंकड़े कहते हैं कि चीन से भारत का कारोबार तमाम प्रतिबंधों के नारों के बावजूद बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
2021 में भारत में चीन से आयात 43.3 प्रतिशत बढ़ गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड है। पिछले साल भारत में चीन से 125.7 अरब डॉलर का सामान आयात किया। चीन की सरकारी एजेंसी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना के बावजूद चीन का निर्यात तेजी से बढ़ा और उसका सामान खरीदने वालों में भारत भी एक प्रमुख देश हैं।
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय विश्नोई (BJP MLA Ajay Vishnoi) ने बेबाकी से शिवराज सिंह चौहान की सरकार को सलाह दी है कि उत्तरप्रदेश के योगी आदित्यनाथ की शराब नीति को फॉलो करें, तो बीजेपी को ज्यादा वोट मिलेंगे। अजय विश्नोई की शराब बंदी, मध्यप्रदेश के भाजपा सरकार और बुलडोजर मामा के बारे में राय।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगामी चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए प्रशांत किशोर यानी पीके की सेवाएं ले रही है। प्रशांत किशोर कांग्रेस नेताओं के सामने चुनाव लड़ने का खाका पेश कर चुके हैं। अभी पीके ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है, लेकिन चर्चा है कि वे जल्द ही कांग्रेस में किसी पद पर विराजित होंगे। क्या कहते हैं इस बारे में एआईसीसी के पूर्व सचिव पंकज शर्मा।
भारत सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में रिटेल महंगाई की दर 6.25 प्रतिशत रहीं। इसके पहले फरवरी माह में यह दर करीब 1 प्रतिशत कम थीं। मुद्रा स्फीति की दर भी परेशान करने की हद तक बढ़ चुकी हैं। रिजर्व बैंक ने इसके लिए जो टॉलरेंस बैंड बनाया है, यह उससे काफी ऊपर है। सबसे ज्यादा महंगाई खाने-पीने की चीजों की बढ़ी हैं। इसका असर गरीबी रेखा के नीचे जीने वालों पर सबसे बुरी तरह से पड़ रहा हैं। अन्य वर्ग के लोग तो खैर खाने-पीने की चीजें खरीद ही लेते हैं।
कुछ महीने से महंगाई बहुत ही तेज गति से बढ़ रही है। ऐसा होने पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का रुझान होता है। दो साल से रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को नीचे की ओर ही रखा है। यदि महंगाई में इसी प्रकार की तेजी बनी रहती है तो ब्याज दरों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है। जून में आरबीआई रेपो रेट को बढ़ाने पर विचार कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो होम लोन में बाज़ की दरें बढ़ जाएगी, जिसका असर महंगाई पर और पड़ेगा। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में रिटेल महंगाई की दर 6.25 प्रतिशत रहीं। इसके पहले फरवरी माह में यह दर करीब 1 प्रतिशत कम थीं। मुद्रा स्फीति की दर भी परेशान करने की हद तक बढ़ चुकी हैं। रिजर्व बैंक ने इसके लिए जो टॉलरेंस बैंड बनाया है, यह उससे काफी ऊपर है।
क्या खरगोन में रामनवमी को हुई हिंसा साजिश थी? एक ही पैटर्न पर सांप्रदायिक दंगे की आग क्यों धधकती है? दंगे में ना सिर्फ पथराव बल्कि लाठी-डंडे, पेट्रोल बम और छर्रे वाली देसी पिस्तौले भी इस्तेमाल की गई। रामनवमी की शोभायात्रा पर चौतरफा पत्थरों की बरसात, लाठी-डंडों-तलवारों से लैस अचानक घरों से निकले लोग, आगजनी की वारदातें क्या इशारा है? 22 अक्टूबर 2015 को रावण दहन कर लौट रहे लोगों पर इसी तरह पत्थर बरसाए गए थे।
वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र वैद्य बताएँगे कि इन दंगों का पॉलिटिकल कनेक्शन क्या है? सख़्ती और बुलडोज़र एक्शन का क्या रिएक्शन हो सकता है?
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्र में मंत्री रहीं उमा भारती अपनी ही सरकार के लिए आए दिन चुनौतियां खड़ी करती रहती हैं। वे शिवराज सिंह को अपना भाई कहती हैं, लेकिन भाई ही अपनी बहन की गतिविधियों के सामने असहाय नजर आता हैं।
कभी वे शराबबंदी की घोषणा करती हैं और शराब की दुकान में पत्थर फेंकती हैं, तो कभी रायसेन के सदियों पुराने शिव मंदिर में जलाभिषेक की घोषणा करके सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती खड़ी कर देती हैं। उनकी यह फितरत सत्ता के लिए बेचैनी हैं या अपनी अहमियत दिखाने की कोशिश? इसी पर चर्चा करेंगे वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित से।
कनिष्क तिवारी (Kanishk Tiwari) सीधी (Sidhi) के रहने वाले पत्रकार हैं। वे एक नेशनल न्यूज चैनल से जुड़े हैं और अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं।
पुलिस ने रंगकर्मी और इंद्रावती नाट्य समिति के निदेशक नीरज कुंदेर को बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे गुरुदत्त के बारे में अभद्र टिप्पणी करने पर जेल भेज दिया था। जिस पर कनिष्क साथियों के साथ कोतवाली में पहुंचे थे। यहां पुलिस ने मामले को कवर करने पहुंचे कनिष्क को दूसरे लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया
कनिष्क और साथियों के बदसलूकी करनेवाले थाना प्रभारी और एसआई को निलंबित कर दिया गया था।
सीधी पुलिस के कोतवाली थाने में दो अप्रैल को पत्रकारों और रंगकर्मियों के साथ अमानवीय कृत्य किया गया और उन्हें निर्वस्त्र कर दिया गया। पिछले दिनों यह घटना जब सुर्खियां बनी तब दो दिन से हल्ला मचा और टीआई व सब इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया।
पुलिस के इस अमानवीय कृत्य पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक व आईजी रीवा से सात दिन में रिपोर्ट मांगी और पुलिस मुख्यालय ने एसएसपी रेडियो अमित सिंह को जांच अधिकारी बनाकर भेजने के आदेश दिए।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने इस बारे में गृह मंत्रालय से दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की गुजारिश की है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक नया कदम उठाया और एक विधायक एक पेंशन योजना लागू कर दी। उसके पहले पंजाब के पूर्व विधायकों को तरह-तरह के मापदंडों के आधार पर पेंशन मिल रही थी। किसी को पेंशन 50 हज़ार रुपये महीना तो किसी को पांच लाख रुपया महीना तक। जिस तरह वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम है, उसी तरह अब पूर्व विधायकों को एक निश्चित राशि अधिकतम 75 हजार रुपये ही मिलेंगे।
भारत के एक प्रमुख आर्थिक अखबार 'इकॉनामिक टाइम्स' ने खबर दी है कि दिसम्बर 2021 तक भारत में 5 करोड़ 30 लाख लोग बेरोजगार हैं। इनमें से साढ़े तीन करोड़ ऐसे लोग हैं, जो बड़ी बेताबी से नौकरी की तलाश कर रहे हैं। इनमें भी 80 लाख युवतियां हैं, जो कोई भी नौकरी करने के लिए तैयार हैं। करीब दो करोड़ लोग ऐसे हैं जो रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। विश्व बैंक ने कोरोना काल में वैश्विक रोजगार दर 55 प्रतिशत आंकी थी, जबकि भारत में रोजगार का प्रतिशत 43 ही था। अगर भारत को ग्लोबल स्टैण्डर्ड तक पहुंचना है तो उसे कम से कम 18 करोड़ 75 लाख लोगों को रोजगार देना होगा।
राजेंद्र माथुर के बारे में गुंजन सिन्हा
१९८६ में स्व. राजेंद्र माथुर ने नवभारत टाइम्स, पटना, के लिए युवाओं की एक टीम चुनी और उससे कहा कि “हिंदी पत्रकारिता की मशाल हम यहाँ तक ले आये हैं. अब ये मशाल हम आपको सौंपना चाहते हैं, लेकिन हमे ज्यादा ख़ुशी होगी अगर आप इसे हमसे छीन सकें.”
हम नहीं छीन सके. हम क्या कोई नहीं छीन सका. उन्हें दिवंगत हुए २७ बरस बीत गए और उनके जाने के चार बरसों के भीतर नवभारत टाइम्स पटना बंद कर दिया गया. उन्होंने हमें जो स्नेह भरी चुनौती दी थी, वो ३२ साल बाद भी अनुत्तरित है.
पुण्य तिथि ( 9 अप्रैल )
(श्री राजेन्द्र माथुर का यह फोटो 1982 का है और यह उन्होंने नवभारत टाइम्स के प्रधान संपादक बनने पर बैनेट, कोलमैन एंड कंपनी के एच आर विभाग के आग्रह पर दफ्तर में जमा करने के लिए खिंचवाया था.)
मैंने राजेन्द्र माथुर जी के साथ दो पारियों में काम किया। पहले नईदुनिया और बाद में नवभारत टाइम्स में। आज उनके बिना हिन्दी पत्रकारिता को 31 साल हो गए हैं।जब राजेन्द्र माथुर पत्रकारिता के संसार से विदा हुए, तब इंटरनेट और मोबाइल चलन में नहीं थे। सोशल मीडिया और वाट्सएप मीडिया भी नहीं था। टीवी के इतने प्राइवेट चैनल भी नहीं थे। पत्रकारिता मूल रूप से प्रिंट तक ही सीमित थी और प्रिंट में भी पत्रकारिता की अलग-अलग शाखाएं थी। राजेन्द्र माथुर के दौर में पत्रकारिता में जिस तरह के बदलाव हो रहे थे, अब उससे अलग तरह के बदलाव हो रहे है। ये बदलाव तेज गति वाले है, किसी आंधी या तूफान की तरह। जिस बात को हम हिन्दी पत्रकारिता में दस साल पहले सत्य मानते थे, अब वह कहीं नजर नहीं आती और आज हम जिस पत्रकारिता को देख रहे है, वह पांच साल बाद अलग होगी।
जाने-माने पत्रकार और इतिहास के शोधार्थी विजय मनोहर तिवारी से बातचीत।
धार की भोजशाला जैसा ही विवाद अब रायसेन में सोमेश्वर मंदिर को लेकर चल रहा हैं। भोजशाला में वाग्देवी की प्रतिमा ताले में बंद हैं, उसी तरह मध्यप्रदेश के रायसेन में सोमेश्वर मंदिर के शिव ताले में बंद हैं।
अयोध्या में बाबरी ढांचे को गिराने में भूमिका निभाने वाली मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अब रायसेन के सोमेश्वर मंदिर के शिव को तालों से मुक्त कराने की घोषणा की हैं। उमा भारती 11 अप्रैल को सोमेश्वर धाम महादेव मंदिर में गंगा जल से अभिषेक करने वाली हैं।
सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा कथावाचक ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया हैं और संभव है कि आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले रायसेन भी धार की तरह हो जाए।
रायसेन में बाहरवीं सदी के इस मंदिर के पठ साल में केवल महाशिवरात्रि के दिन खुलते हैं। जैसे भोजशाला में वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा की इजाजत है।
मुझे पत्रकारिता में लाने वाले श्री राजेन्द्र माथुर को समर्पित यह पर्सनल वेबसाइट पत्रकारिता पर चर्चा करने का निमित्त मात्र है। मैं कुछ भी कर लूं- पूरे जीवन में पत्रकार के रू में मेरा कद श्री माथुर के घुटनों तक भी नहीं पहुंच सकता।
श्री राजेन्द्र माथुर पारस समान थे और मैंने हमेशा उनके पास जाने की, उन्हें छूने की कोशिश की। गाली और दलाली में तब्दील होती जा रही पत्रकारिता के इस दौर में भी श्री राजेन्द्र माथुर कभी अप्रासंगिक नहीं होंगे। श्री राजेन्द्र माथुर के प्रशंसकों का बड़ा वर्ग रहा है। तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह से लेकर टाइम्स ऑ इंडिया के सम्पादक श्री गिरिलाल जैन तक उनके लेखन के कायल रहे।
पत्रकारिता में एक नई रुपक शैली, भाषा को एक नया मुहावरा देने वाले श्री राजेन्द्र माथुर के बारे में जितना भी कहा जाए, कम ही होगा।
सीधी पुलिस ने किया कानून, संविधान और इंसानियत को शर्मसार, बीजेपी विधायक के खिलाफ़ ख़बर लिखने वालों पर FIR दर्ज़। सीधी जिले की पुलिस ने पत्रकारों को थाने में बुलाकर अर्धनग्न अवस्था में खड़ा कर दिया है। बताया गया है कि इन पत्रकारों ने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ ख़बरें चलाई थीं, जिससे शुक्ला नाराज़ थे। उनके कहने पर सीधी पुलिस ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी आईडी से भाजपा सरकार और विधायकों के खिलाफ लिखते और ख़बरें दिखाते हैं।
पत्रकार राकेश अचल से बातचीत
एक जमाने में सत्ता प्रतिष्ठान की आँख की किरकिरी माने जाने वाला इंडियन एक्सप्रेस भी अब सत्ता प्रतिष्ठान की आँखों के लिए सुरमा बन गया है। अखबार द्वारा वर्ष 2022 के अत्याधिक शक्तिशाली 100 व्यक्तियों की सूची बनाई गयी है। इस सूची में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को नंबर एक पर रखा गया है ,और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। नंबर दो पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैं ,उन्हें यहां होना ही चाहिए । नंबर तीन पर मोहन भागवत हैं।
भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और श्रीलंका परेशानी में हैं। दोनों ही देशों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी हैं। दोनों ही देश अपने यहां हो रही उथल-पुथल के लिए दूसरों को जिम्मेदार बता रहे हैं। पाकिस्तान की उथल-पुथल के लिए अमेरिका को जिम्मेदार बताया जा रहा है और श्रीलंका की बदहाली के लिए तो चीन जिम्मेदार है ही।
पाकिस्तान में अब चुनाव होंगे, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद भंग कर दी है। पीएम इमरान खान की सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गई है। पाकिस्तानी संसद के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
हास्य व्यंग्य का हंगामा। हास्य-व्यंग्य एवं मनोरंजन के कुछ पल। हँसने-हँसाने के लिये। Laughter is the best medicine - वो हम पर हँसें, हम उन पर हँसें और इस तरह सभी खुश और स्वस्थ रहें। टेपा क्या है? एक झलक टेपा सम्मेलन के एक रंग की।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नक्शे कदम पर चल पड़े हैं। जिस तरह योगी आदित्यनाथ ने हिन्दुत्ववादी सख्त प्रशासक की छवि बनाई है, शिवराज सिंह चौहान भी वैसी बनाने की ओर अग्रसर हैं। कई मामलों में वे योगी से आगे भी हैं, लेकिन अब उत्तरप्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में भी अब बुलडोजर घूम रहे हैं। वैसे तो पहले कई बार शिवराज सिंह चौहान अपने सख्त प्रशासक होने का सबूत दे चुके हैं, लेकिन अब वे ज़्यादा खुलकर मैदान में हैं। पार्टी में भी कोई उनसे ज़्यादा छु-चपड़ नहीं कर रहा। स्पष्ट तौर पर मध्य प्रदेश विधानसभा का 2023 का चुनाव शिवराज सिंह चौहान के ही लड़ा जाएगा।
आर्थिक बदहाली झेल रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति ने 1 अप्रैल की रात पूरे देश में इमरजेंसी लगाने की घोषणा कर दी और यह कोई अप्रैल फूल का मजाक नहीं था। श्रीलंका में आपातकाल लागू है और कैबिनेट इस्तीफ़ा दे चुकी है। वास्तव में श्रीलंका तबाही के कगार पर हैं। चीन पिछले 8 साल से श्रीलंका को ख्वाब दिखा रहा है कि वह श्रीलंका को दुबई, हांगकांग या मोनाको की तरह बना देगा, लेकिन चीन ने श्रीलंका को भिखारी राष्ट्र बना दिया। श्रीलंका के नेताओं को लगता था कि चीन की गोद में बैठकर वे विकास कर लेंगे और इसी लालच में वे अपनी आजादी चीन को धीरे-धीरे सौंपते गए। चीन ने कोलम्बो के पास हाईटेक सिटी बनाने का ख्वाब दिखाया और कहा कि इस हाईटेक सिटी को दुबई की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिससे श्रीलंका मालामाल हो जाएगा। बदले में चीन ने श्रीलंका के कोलम्बो के पास एक बंदरगाह 99 साल के लिए लीज पर ले लिया। उसमें यह शर्त भी जोड़ दी कि अगर चीन चाहेगा, तो यह लीज 99 साल के लिए और बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही चीन ने कोलम्बो के पास अपना सामरिक ठिकाना बनाने की अनुमति भी ले ली और वहां अपने जहाजी बेड़े और पनडुब्बियां तैनात कर दी, ताकि वह भारत पर निगाह रख सकें।
शिवराज का बुलडोज़र, 60 करोड़ की ज़मीन मुक्त #IndoreDialogue | Narendra Nahta कांग्रेस नेता की 60 करोड़ की ज़मीन पर चला बुलडोज़र शिवराज सिंह चौहान यूपी के योगी आदित्यनाथ के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने रामपुर में आजम खान के साम्राज्य को नेस्तनाबूद कर दिया था, उसी अंदाज में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चल पड़े।
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के नेता नरेंद्र नाहटा के ट्रस्ट के विश्वविद्यालय की अवैध रूप से हथियाई गई 15 एकड़ जमीन पर बुलडोज़र चलवा दिया और ज़मीन को प्रशासन के कब्जे में दे दिया। इस जमीन की कीमत 60 करोड़ आंकी गई है।
इस जमीन पर मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा के परिवार के ट्रस्ट का कब्जा था। ट्रस्ट को 15 एकड़ जमीन अलाट हुई थी, लेकिन उस पर कब्जा कर लिया 30 एकड़ जमीन पर।
मंदसौर के कलेक्टर गौतम सिंह के अनुसार न्यायालय में भी यह बात साबित हो चुकी थी कि नाहटा परिवार के ट्रस्ट को 15 एकड़ जमीन दी गई थी, जिस पर नाश्ता परिवार के ट्रस्ट का मंदसौर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी चल रही थी।
रिया मुखर्जी ने आरआरआर फिल्म में संवाद और गीत लिखे हैं। वे रेडियो की दुनिया की दिग्गज हैं। आठ साल पहले उन्होंने रेडियो मिर्ची में नेशनल क्रिएटिव डायरेक्टर और एग्जीक्यूटिव वीपी का पद छोड़ दिया और अब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, ऐप्स (जैसे गाना, स्पोर्टिफाई , आडियेबल,अमेज़न म्युज़िक) आदि के लिए सलाहकार सेवा देती हैं। उनकी कम्पनी रिया मुखर्जी वर्ड पिक्चर्स दुनिया में अपने तरह की पहली कंपनी है जो पॉडकास्टर्स को ट्रेनिंग भी देती है।
मुख्यमंत्री सहित पूरी मध्य प्रदेश की सरकार पंचमढ़ी में 2 दिन के लिए विशेष बैठक का आयोजन कर रही है। यहां मंत्री अपना प्रेजेंटेशन देंगे और 2023 के लिए रणनीति बनाई जाएगी। इसे पिकनिक तो नहीं, लेकिन वाकिंग हॉलिडे जरूर कहा जा सकता है!
आर आर आर (हिन्दी नाम राइज़ रौर रिवोल्ट, मूल तेलुगु नाम रौद्रम रानम रुधिरम ) देखनीय है फिल्म है। फिल्म की पृष्ठभूमि स्वतंत्रता संग्राम बनाई गई है हालांकि यह फिल्म वास्तविकता के धरातल से दूर है तार्किक दृष्टि से भी फिल्म खरी नहीं उतरती , लेकिन फिल्म की नयनाभिराम प्रस्तुति, शानदार नृत्य-संयोजन, जबरदस्त एक्टिंग और डायरेक्शन इस फिल्म को देखनीय बना देते हैं। अगर आप इस फिल्म को थ्री डी में फिल्म देखें तो आपका अनुभव और भी जबरदस्त हो सकता है. कुल मिलाकर तीन घंटे की शानदार फिल्म है। मनोरंजन से भरपूर! पैसा वसूल !
श्रमिक संगठनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के कारण लोगों को हुई असुविधाओं को प्रचारित करने के लिए फेक न्यूज़ की फैक्ट्रियां सक्रिय हो गई है। हालांकि श्रम संगठनों की मांग सरकार की नीतियों से सम्बंधित हैं। इसके साथ ही मनरेगा के तहत काम करने वालों के लिए आबंटित धनराशि को बढ़ाने की मांग की जा रही है। देशव्यापी बंद इंटक, एनटीयूसी, एआईटीयूसी, सीटू, एसडब्ल्यूए, एलपीएफ आदि महत्वपूर्ण संगठनों के द्वारा आयोजित है। इस आंदोलन में कोयला, इस्पात, टेलीकॉम, इनकम टैक्स, बीमा, पोस्टल आदि विभागों के कर्मचारियों की वे यूनियन शामिल हैं, जो हमेशा ही देश भर में लगातार सक्रिय रही हैं।
द कश्मीर फाइल्स फिल्म कश्मीर के पुराने जख्मों पर बंधी पट्टी हटाने जैसी है। 1990 के दशक में कश्मीर में पाक समर्थक आतंकियों द्वाराकश्मीरी पंडितों पर किए गए जुल्मों की दिल दहला देने वाली तस्वीर। पहले दिन जिस तरह द कश्मीर फाइन्स का स्वागत किया गया, वह उल्लेखनीय हैं। फिल्म के दौरान कई बार दर्शक आंसू पोंछते नजर आए और कई बार भारत माता की जय के नारे भी सुनने को मिले। पहले दिन दर्शकों का जबरदस्त रिस्पांस इस फिल्म को मिला।
भिया, अक्षय कुमार की बच्चन पांडे को झेलना आसान बात नहीं है। अगर कोई आपको फिल्म का टिकट फ्री में दें तो भी यह फिल्म देखने मत जाइए और अगर कोई पॉपकॉर्न का कूपन भी साथ दे तो भी फिल्म देखने जाने का कष्ट ना करें। इस फिल्म को देखने से तो अच्छा है कि सोनी पर ठाकुर साहब वाली फिल्म सूर्यवंशम 1084 बार देख लो। यह अक्षय कुमार की गोविंदा छाप फ़िल्म है। बेसिर पैर कहानी और हिंसा का अतिरेक।
हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही यह बताते हो कि कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और वह अपना जनाधार खोती जा रही हैं, लेकिन नतीजे यह भी बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी कोई अपराजेय पार्टी नहीं हैं। उत्तरप्रदेश की ही बात करें, तो वहां भारतीय जनता पार्टी ने 55 सीटें गंवाई हैं, वहीं समाजवादी पार्टी ने 67 सीटें अधिक प्राप्त की हैं। कांग्रेस का जनाधार भले ही लगभग एक तिहाई रह गया हो और बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक भी खिसक गया हो, लेकिन इसका पूरा-पूरा लाभ भारतीय जनता पार्टी को नहीं मिल पाया। जनाधार खिसकने का लाभ उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी को मिला है और पंजाब में आम आदमी को। अब यह तय है कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरह पंजाब में सत्ता हासिल की है, उसे देखते हुए वह दूसरे राज्यों की तरफ भी जायेगी ही।
दो-तीन दशकों से राजनीति में यह लगातार हो रहा है कि जब भी चुनाव के नतीजे आते हैं, उसमें अक्सर कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलती है। कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता सोनिया गांधी जिंदाबाद, राहुल गांधी जिंदाबाद, प्रियंका गांधी वाड्रा जिंदाबाद के नारे लगाने लगते हैं। संगठन की सर्वोच्च कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होती है। हार पर चिंतन किया जाता है और यह निर्णय लिया जाता है कि मंथन जारी रहेगा। कांग्रेस अगले चुनाव में बहुत अच्छे से काम करेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आता। हर बार गांधी परिवार की जय जयकार और चिंतन के साथ सीडब्ल्यूसी की बैठक खत्म होती है। वही जुमले दोहराए जाते हैं। वही विश्वास व्यक्त किया जाता है और पार्टी फिर पुराने ढर्रे पर लौट आती है।
भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप में बंटवारा हो रहा है। देश का सबसे बड़ा मीडिया ग्रुप किस तरह से विघटन के कगार पर है। समीर जैन ने भारत में यह बात स्थापित करने की कोशिश की कि अखबार और पत्रिकाएं जन जागरण का माध्यम नहीं है। ये भी प्रोडक्ट हैं।समीर जैन कहते रहे हैं कि हम मूलत: विज्ञापन के व्यवसाय में है। अखबार में विज्ञापनों के अलावा जहां भी खाली जगह बचती हैं, वहां हम खबरें डाल देते हैं।
द कश्मीर फाइल्स फिल्म कश्मीर के पुराने जख्मों पर बंधी पट्टी हटाने जैसा है। 1990 के दशक में कश्मीर में पाक समर्थक आतंकियों द्वारा कश्मीरी पंडितों पर किए गए जुल्मों की दिल दहला देने वाली तस्वीर। राधेश्याम देशभर में 18000 से ज्यादा स्क्रीन्स पर प्रदर्शित हैं और द कश्मीर फाइन्स करीब 500 स्क्रीन्स पर, लेकिन फिर भी पहले दिन जिस तरह द कश्मीर फाइन्स का स्वागत किया गया, वह उल्लेखनीय हैं। फिल्म के दौरान कई बार दर्शक आंसू पोंछते नजर आए और कई बार भारत माता की जय के नारे भी सुनने को मिले। पहले दिन दर्शकों का जबरदस्त रिस्पांस इस फिल्म को मिला।
भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप में बंटवारा हो रहा है। जिस तरह धीरूभाई अम्बानी के निधन के बाद मुकेश और अनिल अम्बानी में टकराव हो रहा था, उसी तरह टाइम्स ग्रुप की चैयरपर्सन इंदु जैन के देहावसान के बाद उनके दोनों बेटों में टकराव चल रहा हैं। इसका हल बंटवारा समझा गया और अब बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हो गई। जल्द ही टाइम्स ग्रुप दो हिस्सों में बंट जाएगा। इसमें कितना समय लगेगा, यह देखना बाकी है। लेकिन बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अगर आपने राधेश्याम फिल्म का ट्रेलर देखा हो, तो उसे ही 25-30 बार देख लीजिए, इंटरवल तक फिल्म वैसी ही है। उसके बाद एक मिक्सी में थोड़ी टाइटेनिक, थोड़ी बाहुबली और थोड़ी सी साहो मिलाकर घोंट लीजिए, हो गई राधेश्याम तैयार। फिल्म में वीएफएक्स का बेहतरीन उपयोग किया गया है और लोकेशन्स काफी सुंदर है। जिंदगी में पहली फिल्म देखी, जिसमें हीरो कोई हस्तरेखाविद की भूमिका में है और हस्तरेखाविद भी ऐसा कि जो भूत, भविष्य, वर्तमान सभी पढ़ लेता हैं। उसकी कोई भविष्यवाणी गलत साबित नहीं हो पाई। प्रधानमंत्री इमरजेंसी लगाएगी यह घोषणा भी हस्तरेखाविद प्रधानमंत्री की हथेली देखकर कर देता है। अब फिल्म देखने के बाद यह बात कही जा सकती है कि अगर आपके भाग्य में राधेश्याम देखना होगा, तो वह आप देखेंगे ही। चाहे फिल्म कितनी भी झेलनीय क्यों न लगे।
अमेरिका दशकों से हथियारों का सबसे बड़ा कारोबारी है। वह समय समय पर शांति के नाम पर अपने हथियारों को शोकेस करता रहता है। कम्बोडिया, वियतनाम, इराक, अफगानिस्तान आदि में वह अपने हथियारों की बिक्री और लाइव डेमो करता रहा है। स्टॉकहोम पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार 2014-18 में प्रमुख हथियारों के अंतर्राष्ट्रीय हस्तांतरण की मात्रा 2009-13 की तुलना में 7.8 प्रतिशत अधिक और 2004-2008 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक थी।
दीपिका नारायण भारद्वाज इकलौती महिला हैं, जो दहेज और बलात्कार के झूठे मामलों में फंसाये जाने वाले पुरुषों की तरफ से न्याय की बात करती है। इस बारे में बनाई गई इनकी फिल्में भी चर्चित रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दीपिका नारायण भारद्वाज से खास बातचीत।
मराठी में 'सैराट' जैसी जबरदस्त फिल्म बनाने वाले नागराज पोपटराव मंजुले निर्देशित फिल्म 'झुंड' देखने लायक है।अमिताभ बच्चन इसमें मुख्य भूमिका में है, लेकिन झोपड़पट्टी के बच्चों ने जिस तरह की एक्टिंग अमिताभ बच्चन के सामने की है, वह लाजवाब है! हालांकि फिल्म की कामयाबी की क्रेडिट अमिताभ बच्चन और डायरेक्टर नागराज मंजुले ले जाएंगे!
मशहूर आर्टिस्ट वाजिद खान से. वाजिद खान ने कला में अनेक प्रयोग किए हैं और कागज या केनवास के बजाय अपनी कला के लिए बड़े परिदृश्य चुने हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, लिम्बा बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जैसी किताबों में उनके 37 रिकॉर्ड दर्ज हैं। 8 पेटेंट भी उनके नाम पर हैं।जिन चीजों को लोग कलात्मक नहीं मानते, वे उनका इस्तेमाल भी पेंट और ब्रश की तरह करते हैं, चाहे वे कीले हो या चम्मच और कांटे, कटोरियां हो या प्लेट। अस्पताल में काम आने वाले सर्जिकल उपकरण हो या स्टेथोस्कोप।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण एनएसई घोटाले की चर्चा डाब गई है, लेकिन यह घोटाला है किसी फ़िल्मी कहानी या ओटीटी की किसी सनसनीखेज सीरीज की तरह की। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दुनिया का 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसका फिफ्टी सूचकांक भारत के ही नहीं, पूरी दुनिया के निवेशकों के लिए बहुत मायने रखता है। एनएसई में शामिल स्टॉक्स की कुल कीमत भारत के जीडीपी से भी ज्यादा है। अंदाज लगा सकते है कि एनएसई कितना महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। एनएसई ऑप्शन और फ्यूचर सहित कई तरह की सिक्योरिटी खरीदने और बेचने की सुविधा देता है। शेयर की खरीद-फरोख्त का असल खेल इसी एनएसई में होता है।
भोपाल के माधवलाल सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय और शोध संस्थान के संस्थापक विजयदत्त श्रीधर ने सुदीर्घ काल तक पत्रकारिता की है। वे आजीवन पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं - पत्रकार और मीडिया शिक्षक के रूप में। उन्होंने मध्यप्रदेश आंचलिक पत्रकार संघ की स्थापना की। भारतीय पत्रकारिता कोष के दो खंडों में गहन शोध प्रकाशित है। 41 वर्षों से वे आंचलिक पत्रकार नामक पत्रिका का प्रकाशन कर रहे हैं।
विविध कलाओं के प्रति जीवन समर्पित करने वाले सरकार दंपत्ति कलाकृति फाउंडेशन के संस्थापक हैं. देश-दुनिया में उनके शताधिक शो हो चुके हैं। अनेक युवा कलाकारों को उन्होंने प्रशिक्षित किया है और यह कारवाँ जारी है.
संजय लीला भंसाली ने मुंबई के कमाठीपुरा के पिंजरों को जिस तरह से आलीशान हवेलियों की तरह प्रस्तुत किया है और एक गुमनाम सी कोठे वाली को महिलाओं के कल्याण के लिए काम करने वाली अद्भुत महिला के रूप में बताने की कोशिश की है, वह अविश्वसनीय और हास्यास्पद लगती है। इस फिल्म में अगर कोई हीरो है, तो वह संजय लीला भंसाली का निर्देशन ही है। आलिया भट्ट ने शानदार अभिनय किया है और पल-पल चेहरे के भावों को बदलकर उसने बता दिया है कि वह अभिनय में किसी से कम नहीं है और अपने अकेले के बूते पर पूरी फिल्म को खींच ले जाने का मादा रखती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सीएए आंदोलन के दौरान जिन लोगों पर जुर्माना लगाया गया था और जिन लोगों ने जुर्माने की राशि जमा कर दी थी, उन्हें वह राशि रिफंड कर दी जाए। पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि हमने जुर्माने की भरपाई करने के आदेश वापस ले लिए है। 2019 में सीएए आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार ने 274 लोगों को नोटिस दिए थे और कहा था कि वे जुर्माने की राशि जमा करें। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार के रवैये के प्रति नाराजगी जताई थी और जुर्माने के रिफंड में सरकार की सुस्ती को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की थी।
रूस और यूक्रेन में तनातनी का भारत पर क्या असर पड़ रहा है? सरल शब्दों में समझिए - क्या है यह विवाद और क्या है इसकी जड़? क्या है नाटो और क्या करता है यह? अमेरिका पूरी तरह यूक्रेन के साथ है और चीन रूस के साथ जा सकता है तो भारत किसके साथ रहेगा?
ईडी के पूर्व डायरेक्टर राजेश्वर सिंह ने गत 31 जनवरी को ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। उनका इस्तीफा उसी दिन मंजूर कर लिया गया। राजेश्वर सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। राजेश्वर सिंह ने कई मामलों की जांच की थी जिसमें 2G घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, एयरसेल मैक्सिस घोटाला आईएनएक्स मीडिया घोटाला आदि कई मामले शामिल रहे हैं। इन मामलों में कांग्रेस के कई नेताओं को फंसाया गया और कई मामलों में अभी तक किसी को भी दोषी करार नहीं दिया गया। राजेश्वर सिंह की टीम लगातार ऐसे घोटालों की जांच करती रही, जिस पर यूपीए को कटघरे में खड़ा किया जा सके। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में कोई तथ्य सामने नहीं आया। यही हाल कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले का है और कोयला खदान घोटाले का भी यही हाल है। कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए ईडी के अधिकारी के रूप में बीआरएस लेना वैसा ही है, जैसा कि किसी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी से इस्तीफा देकर मूल कंपनी में जिम्मेदारी संभाल लेना। सीएजी के प्रमुख रहे विनोद राय को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बड़े पद तोहफे में दिए। राजेश्वर सिंह भी उन्हीं के कदमों पर चल रहे हैं।
छिगन के साथ साथ मेरी भी बदरीविसाल की यात्रा सम्पन्न हुई। सड़क मार्ग से।
इंदौर से शुरू हुए और शिप्रा, देवास, शाजापुर, सारंगपुर, आगरा होकर हरिद्वार पहुंच गए। वहां से लक्ष्मण झूला, देवप्रयाग, शिव मंदिर, रघुनाथ मंदिर, भागीरथी और दुरंगी गंगा के दर्शन किये। भूत-चुड़ैल की बात की। पीर बाबा के थान के बगल से निकले। प्रकटेश्वर मंदिर गए और पंचानन महादेव, बारकोड, भद्रकाली मंदिर, बंदरपूंछ ट्रेकिंग स्पॉट, जानकी चट्टी, यमुनोत्री, बड़कोट, बद्रीनाथ, श्याम चट्टी, भीम पुल, गणेश गुफा !
साथ में थे जिया, पुरू, मेमसाब राखी और मोटे से कद्दू जैसे बदबूदार झगड़ालू सेठ!
इस बार भारत में बजट के बाद महंगाई तेजी से बढ़ेगी, यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता। महंगाई बढ़ेगी मार्च के महीने से। आगामी 7 मार्च को पांच राज्यों में होनेवाले चुनाव के अंतिम चरण का मतदान हो जायेगा और फिर पेट्रोल तथा डीज़ल की कीमतों में आग लगना शुरू होगी। कच्चे तेल की कीमतें अभी उच्चतम शिखर पर हैं और रूस तथा यूक्रेन के बीच संबंधों को लेकर उसमें और भी तेजी हो सकती है।
मुझे इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि आखिर आईपीएस एसोसिएशन ने 'पुष्पा : द राइज़' फिल्म के खिलाफ कोई मोर्चा क्यों नहीं संभाला? फिल्म में जिस तरह से एक आईपीएस अधिकारी (एसपी) का चरित्र दिखाया गया है वह बेहद शर्मनाक है। पुष्पा में ईमानदार डीएसपी का नाम गोविन्दप्पा है, जो दक्षिण भारतीय है, लेकिन भ्रष्ट एसपी का नाम भंवर सिंह शेखावत है और वह बोलता हरयाणवी है। पूरी फिल्म के तमाम कैरेक्टर दक्षिण भारत के हैं, एसपी को छोड़कर जो कि राजस्थान से आया हुआ लगता है। उसका नाम है भंवर सिंह शेखावत। एसपी के दफ्तर में फिल्म का हीरो (जो कि लाल चंदन का तस्कर है) एक करोड़ रुपए का बैग लेकर जाता है। एसपी अपनी टेबल के तमाम चीज़ें हटाकर नोटों की गड्डियां गिनने लगता है और जिस तरह की बातें वह हीरो से करता है, उससे साफ है कि उसे इतने पैसे में संतुष्ट नहीं है। शायद ही किसी ने इस तरह के एसपी को कहीं नियुक्ति पाते हुए देखा होगा!
संभवतः 5 जनवरी को या उसके बाद भारत के पांच प्रमुख राज्यों के विधानसभा के चुनाव घोषित हो जाएंगे यह राज्य हैं उत्तर प्रदेश पंजाब उत्तरांचल गोवा और मणिपुर। 2022 के आखिरी दिनों में हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा के चुनाव का समय भी आ जाएगा चुनाव आयोग इन सब राज्यों में चुनाव के लिए तैयारी कर रहा है। मार्च-अप्रैल में सीबीएसई सहित सभी इन सभी राज्य में शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं संपन्न करा ली जाएंगी। चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते तक इन राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म करने की तैयारी कर रहा है। इन पांचों राज्यों में मतदाता सूचियों के प्रकाशन को का निर्देश भी दे दिया गया है।
- IIMC की प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी हमने 2 साल से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को दे रखी थी। कोरोना के कारण परीक्षा हम नहीं ले पाए। न ही इंटरव्यू किए गए।
- हमारे संस्थान में पत्रकारिता के 80 फ़ीसदी विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिल चुका है, विज्ञापन और पीआर के विद्यार्थियों का प्लेसमेंट 100फ़ीसदी हुआ है। अब हमारा पूरा ध्यान प्लेसमेंट को लेकर भी है।
बिना शोरगुल और शोशेबाजी वाला सोशल मीडिया का बिरला शो डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी लाइव डिबेट
ममता यादव।
वे पत्रकारिता की दुनिया के एक चर्चित नाम हैं, पत्रकारिता की तीनों विधाओं में उन्हें महारत हासिल है, पत्रकारिता के सफर को तय करते उन्हें चार दशक से ज्यादा का समय हो गया है। पत्रकारीय सक्रियता और ऊर्जा के मामले में आज के युवा पत्रकार भी उनके सामने कहीं नहीं ठहरते।
मुंबई के बांद्रा पूर्व स्थित कला नगर के एक चौराहे का नामकरण हाल ही में डॉ. धर्मवीर भारती के नाम पर किया गया। डॉ. धर्मवीर भारती कला नगर की ही साहित्य सहवास बिल्डिंग में रहते थे। कला नगर में ही बाल ठाकरे का निवास मातोश्री भी है, लेकिन चौराहे का नामकरण डॉ. भारती के नाम पर होना उनके प्रति मुंबई का सम्मान दर्शाता है। डॉ. धर्मवीर भारती भारतीय पत्रकारिता के शिखर पुरूषों में से हैं। इससे बढकर वे साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं। हिन्दी पत्रकारिता में उन्होंने 'धर्मयुग' जैसी सांस्कृतिक पत्रिका को स्थापित किया और ढाई दशक से भी ज्यादा समय तक शीर्ष पर बनाए रखा। मुझे याद है 1981-82 के वे साल, जब विज्ञापन दाता धर्मयुग में विज्ञापन बुक करने के लिए लम्बी लाइन में लगते थे। हाल यह था कि दीपावली विशेषांक में तो साल भर पहले ही विज्ञापन बुक हो जाते थे।
चार बुड्ढे हैं, जिनका ताल्लुक कोर्ट से रहा है, शिमला की बर्फीली वादियों के सुनसान इलाके में विलासितापूर्ण तरीके से रहते हैं। ये बुड्ढे न्याय करने के लिए अपने घर में कोर्ट लगाने का खेल खेलते हैं। कोर्ट लगती है। एक खेल के बहाने बर्फीली वादी में फंसे हुए किसी मेहमान पर वे मुकदमा चलाते हैं। कहानी के अनुसार कोई व्यक्ति अगर अपराध करता है तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए। वह अपराधी कानून से भले ही बच निकला हो, पर उन लोगों की नकली कोर्ट में असली सजा मिलनी ही चाहिए।
(डिस्क्लेमर : कोरोना के कारण बेल बॉटम फिल्म महाराष्ट्र में रिलीज नहीं हो पाई, लेकिन भारत के करीब 1850 स्क्रीन पर वह प्रदर्शित हुई है। यूएसए, कनाडा, यूके, सिंगापुर, केन्या, बेल्जियम और फिजी में भी इसका प्रदर्शन हुआ है। फिल्म के निर्माताओं ने प्रचार के लिए मुंबई के कुछ फिल्म-पत्रकारों को इकट्ठा किया और चार्टर्ड प्लेन से उन्हें सूरत ले गए। सूरत के आईनॉक्स मल्टीप्लेक्स में पत्रकारों को फिल्म दिखाई गई, तोहफ़े दिए गए और उन्हें वापस चार्टर्ड प्लेन से मुंबई छोड़ा गया. यह सब इसलिए कि वे फिल्म की बहुत अच्छी समीक्षा करें। तो भाइयो और बहनो, मुंबई वालों की फिल्म समीक्षा अच्छी लगी हो तो सोच लेना।)
दंगल, थर्ड डिग्री, हल्ला बोल, टक्कर, ताल ठोक के...! ये कोई टीवी डिबेट के नाम हैं? क्या दंगल के नाम पर कोई डिबेट हो सकती है? दंगल होगा तो वहां शक्ति प्रदर्शन ही होगा, विचारों का प्रदर्शन नहीं होगा। चैनलों के अधिकांश न्यूज़ एंकर बातचीत में आपा खो देते हैं या आपा खोने का नाटक करते हैं। वे चीख चीख कर कोई भी बात बार-बार कहते हैं और अपनी बात को ही देश की बात मानने लगते हैं। वे खुद ही भारत हैं और खुद ही मसीहा। ये एंकर्स ऐसे चिल्लाते हैं मानो सारे पैनलिस्ट बहरे हों।
साल 1942 की अगस्त क्रांति के वक़्त दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था, कॉंग्रेस ने आज़ादी का बिगुल बजाया। भारत आज़ाद हुआ। अब कोरोना के ख़िलाफ़ विश्व में युद्ध चल रहा है। भारत आज़ाद है, लेकिन सरकार का लक्ष्य आगामी चुनाव के पहले राम मंदिर निर्माण है, इसलिए तारीख चुनी गई 5 अगस्त 2020 । भाजपा और प्रधानमंत्री को यह तारीख बहुत पसंद है क्योंकि यह उनके लिए ऐतिहासिक तारीख है।
सेनेटाइजर और मॉस्क वितरण के साथ शुरु हुई नेशनल ब्लॉगर्स समिट-2020’
डॉ भीमराव अंबेडकर सिर्फ संविधान निर्माता या दलित नेता ही नहीं थे बल्कि वे महात्मा गांधी के समकक्ष थे।गांधी ने यदि एक धोती लपेट कर देश के आमजन को एकजुट किया तो डॉ आंबेडकर ने छोटे लोगों में आत्म विश्वास जगाने के लिए टाई-कोट पहनना नहीं छोड़ा। वे कृषि को उद्योग का दर्जा देने के पक्ष में थे। ब्रिटिश हुकूमत भी अर्थव्यवस्था सुधार के मामले में उनसे सलाह लेती थी।
डॉ अंबेडकर के व्यक्तित्व के बहुमुखी पहलुओं पर देश भर से जुटे ब्लॉगर्स ने ‘नेशनल ब्लॉगर्स समिट-2020’ के उद्घाटन सत्र में चर्चा की।पहले यह समिट अंबेडकर विवि महू में होना थी लेकिन कोरोना वाइरस को लेकर बरती जा रही सतर्कता के चलते उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एडवायजरी जारी करने पर इंदौर प्रेस क्लब के सहयोग से आयोजित की गई।दूसरे सत्र में ब्लॉगर्स ने ब्लॉग लेखन से जुड़ी विभिन्न विधाओं पर चर्चा के साथ अपने अनुभव भी शेयर किए।मंगलवार को इस समिट का समापन सत्र होगा।
भारत का नाम एक ही होना चाहिए- भारत। चाहे अंग्रेज़ी में लिखो-बोलो चाहे हिन्दी में। जैसे जापान का पुराना नाम निप्पो था, उसे जापान कर दिया गया। डच ईस्ट इंडीज़ का नाम इंडोनेशिया कर दिया गया।स्याम का नाम थाईलैंड हो गया, संयुक्त अरब गणराज्य का नाम इजिप्ट , पर्शिया का नाम ईरान, न्यासालैंड का मलावी, अबीसीनिया का नाम इथियोपिया , डच गुयाना का सुरीनाम , गोल्ड कोस्ट का घाना, दक्षिण पश्चिमी अफ़्रीका का नामीबिया, आइवरी कोस्ट को कोट डी आइवरी, कांगो का जायरे, फारसोमा का ताईवान, हॉलैंड का नीदरलैंड, मलाया का मलेशिया और हमारे पड़ोस का बर्मा म्यांमार तथा सीलोन का नाम श्रीलंका कर दिया गया है। जब पूरी दुनिया के देशों के नाम बदल सकते हैं तो भारत का भी बदल सकता है। भारत को भारत कहने में क्या संकोच करना ?
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जन्मस्थली महू में स्थित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के आर्थिक चिंतन पर केन्द्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय ब्लॉगर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन ब्लॉगर्स अलायंस और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में होगा। ब्लॉगर्स अलायंस मप्र / छग के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी है कि यह देश में अपने तरह का पहला आयोजन है, जिसमें देशभर के 100 से अधिक जाने-माने ब्लॉगर, पत्रकार, लेखक, फिल्मकार और कलाकार भाग ले रहे हैं। प्रकाश हिन्दुस्तानी ने इस आयोजन में सहयोग की अपील की है।
एक क़िताब, जिसे पढ़कर बुश ने 15 साल पहले वायरस के खतरे से बचने के लिए तैयारी कर ली थी। साथ ही 7100 करोड़ डॉलर का बजट रखा था।द ग्रेट इन्फ्लुएंजा: द एपिक स्टोरी ऑफ द डेडली प्लेग इन हिस्ट्री' किताब को 2004 में जॉन एम बैरी ने लिखा था। यह एक नॉनफिक्शन किताब है, जो 1918 के स्पेनिश फ्लू महामारी के बारे में है। इसे अमेरिकी इतिहास की पृष्ठभूमि और चिकित्सा के इतिहास की किताब भी कहा जा सकता है। (किताब ऑनलाइन उपलब्ध है और इसके लेखक अमेरिका में रहते है। उनकी वेबसाइट है : http://www.johnmbarry.com/ )
भारत के फार्मा सेक्टर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का अहसानमंद होना चाहिए कि उन्होंने दुनिया की निगाहों में भारतीय फार्मा सेक्टर की महत्ता बार-बार बताई। यह काम करोड़ों डॉलर के खर्च के बाद भी संभव नहीं हो पाता। भारत विश्व में हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत तकरीबन 400 करोड़ की हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन का निर्यात भी करता है। भारत में मुख्यतः इसे इप्का और कैडिला लैब बनाती है।