अमेरिकी डायरी के पन्ने (8)

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कोई भी देश केवल वहां के बंदरगाहों, हवाईअड्डों, राज मार्गों, इमारतों, संग्राहलयों और वहां की सम्पन्नता से नहीं बनता। देश बनता है वहां के लोगों से। अमेरिका में अगर कुछ विशेष है, तो उसके पीछे वहां के नागरिक है। एक ऐसा देश जिसका इतिहास पांच सौ साल से पुराना नहीं है, जहां दुनिया की सभी जातियों-प्रजातियों के लोग बहुतायत से हैं, जहां मानव की गरिमा सर्वोच्च है और श्रम का पूरा सम्मान है। ये सब चीजें अमेरिका को विशिष्ट होने का दर्जा देती है, लेकिन इससे बढ़कर भी कुछ बातें है, जिसके कारण अमेरिका, अमेरिका कहलाता है। (यहां मेरा आशय यूएसए से है)

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अमेरिकी डायरी के पन्ने (7)

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नियाग्रा वाटर फाल्स को दुनिया एक खूबसूरत चमत्कार की तरह देखती है। धरती का जीवंत वालपेपर। गजब की खूबसूरती। गजब की लोकेशन। गजब की व्यवस्थाएं। नियाग्रा नदी के ये झरने यूएसए और कनाडा की सीमाओं को बांटते है। एक तरफ अमेरिका है और दूसरी तरफ कनाडा। नियाग्रा वाटर वाल्स दुनिया के सबसे ऊंचे झरने नहीं है, लेकिन फिर भी ये दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन केन्द्र है। करीब 15 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष यहां आते है। 

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अमेरिकी डायरी के पन्ने (6)

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वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान डक-टूर अपने आप में दिलचस्प अनुभव रहा। करीब डेढ़ घंटे में यह टूर वाशिंगटन डीसी की आधी से ज्यादा प्रमुख जगहों की एक झलक दिखा देता है। वाशिंगटन डीसी की शानदार सड़कों से गुजरता हुआ यह वाहन एक स्थान पर जाकर वाशिंगटन डीसी के बीच से बहती हुई पोटोमेक नदी में उतर जाता है। जो वाहन सड़क पर होता है वहीं वाहन नदी की सैर भी कराता है। वास्तव में टू इन वन। 1942 में पर्ल हार्बर पर हुए ऐतिहासिक हमले के बाद ऐसे वाहनों का इजात किया गया जो सड़क पर भी चले और पानी में भी।

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अमेरिकी डायरी के पन्ने (4)

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सेन फ्रांसिस्को की मशहूर रशियन हिल के इलाके की वह चमकीली दोपहर यादगार रही। जब हमारे मेजबान रमेश भाम्ब्रा जी ने कहा कि आप गाड़ी से उतर जाइए। मुझे लगा कि वे कहीं गाड़ी पार्क करने जा रहे है। फिर उन्होंने कहा कि आप सीढ़ियों से आ जाइए। बात मेरी समझ में नहीं आई, लेकिन मैं सीढ़ियों की ओर बढ़ा।

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अमेरिकी डायरी के पन्ने (5)

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मार्च के आखिरी दिनों में पूरा वाशिंगटन डीसी ही एक बगीचे की तरह हो जाता है। शहर में लगे चेरी के हजारों पेड़ों पर फूल खिल आते है और फूलों से लदे ये पेड़ एक अलग ही छवि बनाते है। मध्य अप्रैल आते-आते ये पेड़ अलग रूप धारण कर लेते है और इन पर फल आना शुरू होते है। चेरी के ये हजारों पेड़ अलग-अलग रंगों के है। गुलाबी, लाल, सफेद, बैंगनी फूलों से लदे ये पेड़ दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी तरफ खींच लेते है। इन्हीं दिनों यहां जापानी फेस्टिवल सकूरा मत्सुरी भी होता है। कई प्रमुख सड़कें बंद कर दी जाती है और उन सड़कों पर जापान के हजारों लोग जमा हो जाते है।

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अमेरिकी डायरी के पन्ने (3)

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 तीन सप्ताह की अमेरिका यात्रा के अंत में उत्तरी वैâलिफोर्निया की नापा वेली में जाने का मौका मिला। यहां प्रकृति की अद्भुत सुंदरता के साथ ही शानदार मौसम का भी तोहफा मिला हुआ है। पूरी घाटी पहाड़ों से घिरी है और वहां करीब 450 वाइनरी़ज के साथ ही सैकड़ों होटल और रेस्टोरेंट खुल गए है। मुझे बताया गया कि यहां की मिट्टी और जलवायु ऐसी है कि यहां अंगूर की तरह-तरह की किस्मों की खेती करना संभव है। इस अंगूर से शराब बनाई जाती है। अंगूर भी तरह-तरह के। सफेद, हरे, लाल, कत्थई, भूरे और वे भी अलग-अलग आकार प्रकार के। इसके अलावा यहां गर्म हवा के गुब्बारों की सैर , गोल्फ कोर्स और वाइन ट्रेन और वाइन ट्रॉली आकर्षण का केन्द्र बनी है। 

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