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वीकेंड पोस्ट के 1 फ़रवरी 2014 के अंक में मेरा कॉलम

भय्या, क्या आप ने मेरे वो सबूत देखे हैं? पहले तो बहुत थे, पर अब मिल नहीं रहे हैं। शायद मैंने ही कहीं रख दिए हैं और अब मिल नहीं पा रहे हैं। नहीं भी मिलें तो कोई बात नहीं। अपना काम तो हो ही गया है।

कुछ हफ्ते पहले वे खूब चिल्ला-चिल्ला कर कहते थे -'मेरे पास हैं शीला दीक्षित के खिलाफ 370 पेज के सबूत हैं। अब कहां गए वे सबूत? बात अरविंद केजरीवाल की ही है। कहां गए वे सबूत? काम आ गए ना भाई! मुख्यमंत्री बनते ही सबूत छूमंतर! अब कह रहे हैं कि मैं फाइलें पढ़ रहा हूं, एक्शन जरूर लूंगा। कब लोगे एक्शन? जब कांग्रेस समर्थन वापस ले लेगी तब? क्या सबूतों की बात धोखा थी? क्यों विधानसभा में बीजेपी के नेता हर्षवर्धन से कहा कि वे सबूत लेकर आएं शीला दीक्षित के खिलाफ। सबूत तो आपके पास हैं ना, कहां छुपा दिए आपने?

केजरीवाल तो सबूत-सबूत चिल्ला-चिल्लाकर सीएम ही बन पाए हैं, इतिहास में उनसे भी बड़े-बड़े सबूतबाज मौजूद हैं, जो प्रधानमंत्री तक बन गए थे। जनता पार्टी के नेता विश्वनाथ प्रतापसिंह तो सबूतों की बात करते-करते प्रधानमंत्री बन गए थे, लेकिन बोफोर्स का भूत प्रकट नहीं हो पाया। कारगिल की लड़ाई में बोफोर्स छा गई और विश्वनाथ प्रतापसिंह जब दिवंगत हुए तो अखबारों में सिंगल कॉलम की खबर ही बन सके।

केजरीवाल सबूत की बात करने वाले पहले आदमी नहीं हैं। मुंबई महानगर पालिका के पूर्व उपायुक्त गोविंद राघो खैरनार ने शरद पवार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि उनके पास शरद पवार के खिलाफ 'एक ट्रक भरकर' सबूत हैं और वे उन सबूतों को वक्त आने पर पेश करेंगे। वे सबूत आए नहीं, शरद पवार केंद्र में मंत्री हैं और खैरनार एक मानसिक चिकित्सालय में मनोवैज्ञानिक इलाज कराकर घर बैठे हैं।

कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह कहा करते थे कि उनके पास अटलबिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के परिवार वालों के खिलाफ बहुत से सबूत हैं, लेकिन उन्होंने वे सबूत पेश नहीं किए। (पता नहीं, कौन-सी) जनता पार्टी के नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी कहा करते थे कि उनके पास सोनिया गांधी के टू-जी घोटाले में शामिल होने के सबूत हैं। कहां हैं? पेश क्यों नहीं किए? तीस्ता सितलवाड़ बार-बार कहती रही हैं कि नरेन्द्र मोदी गुजरात दंगों के दोषी हैं, इसके सबूत मेरे पास हैं, लेकिन वे सबूत कहां पेश हुए? पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया कहते थे कि आरएसएस के लोग आदिवासी इलाकों में लड़कियां भगाते हैं, मेरे पास सबूत हैं, वे भी सबूत पेश नहीं कर पाए।

ऐसा नहीं है कि केवल राजनीति में ही सबूतों की बात पर लोगों को गुमराह किया जाता हो, खेल और ग्लैमर की दुनिया में भी सबूत-सबूत का खेल चलता रहता है। पाकिस्तान के क्रिकेटर मोहम्मद आसिफ की गर्लफ्रेंड रह चुकी वीना मलिक ने एक भारतीय फोटोग्राफर पर मैच फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास इस संबंध में पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने खुद कभी सबूत पेश नहीं किए। सानिया मिर्जा की पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मालिक से शादी के पहले आयशा सिद्दीकी नाम की युवती ने शोएब के शादीशुदा होने का इल्जाम लगाया था। उन्होंने भी कहा था कि मेरे पास इसके सबूत हैं। सबूत पता नहीं कहां गए, पर शोएब की शादी सानिया मिर्जा से हो गई। पॉप गायक और एक्टर जस्टिन बीबर की पता नहीं कितनी गर्ल फ्रेंड सामने आकर दावा कर चुकी हैं कि वे बीबर के होने वाले बच्चे की मां हैं।

प्रकाश हिन्दुस्तानी

वीकेंड पोस्ट के 1 फ़रवरी 2014 के अंक में मेरा कॉलम

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