आज के दौर में अधिकांश श्रमजीवी पत्रकार मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार तनख्वाह पाने से वंचित हैं। टेलीविजन चैनलों में काम करने वाले हजारों स्ट्रींगर्स को महीनों तक एक धेला नहीं मिलता। अनेक बड़े प्रकाशनों में पत्रकारों को प्रूफ रीडर का और प्रूफ रीडर्स को तकनीकी स्टॉफ का वेतन दिया जा रहा है। ऐसे में टाइम्स ऑफ इंडिया प्रकाशित करने वाली बेनेट कोलमैन एंड कंपनी के मालिकान भरपूर वेतन लेते रहे है। 2014-15 में विनीत जैन ने कुल 46 करोड़ 37 लाख 67 हजार 952 रुपए तनख्वाह के रूप में उठाए। इसका मतलब उनकी तनख्वाह हर हफ्ते करीब 1 करोड़ रुपए रही। लगभग 13 लाख रुपए रोज। यह वेतन देश के प्रमुख उद्योगपतियों के वेतन के बराबर है। इतना ही नहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन श्रीमती इंदु जैन का नाम फोर्ब्स की सूची में भारत की दूसरी सबसे धनी महिला के रूप में भी दर्ज हुआ है।
फोर्ब्स के अनुसार भारत की सबसे धनी महिला के रूप में श्रीमती सावित्री जिंदल का नाम दर्ज है, जो जिंदल समूह की कंपनियों से जुड़ी हैं।फोर्ब्स के अनुसार श्रीमती सावित्री जिंदल की संपत्ति 1000 करोड़ डॉलर (68000 करोड़ रुपए) के करीब है। श्रीमती सावित्री जिंदल के बाद श्रीमती इंदु जैन का नंबर आता है। जिनकी कुल संपत्तियां 310 करोड़ डॉलर के बराबर आंकी गई है। संपत्ति के मामले में श्रीमती इंदु जैन दुनिया की 549वीं सबसे संपन्न व्यक्ति है।
श्रीमती इंदु जैन ने संपत्ति के मामले में देश की कई जानी-मानी अरबपति महिलाओं को पीछे छोड़ दिया है, जिनमें स्मिता कृष्णा गोदरेज, लीना तिवारी, विनोद कीमतराय गुप्ता, किरण मजूमदार शॉ, अनु आगा, शोभना भरतिया, विद्या मुर्कुम्बी, कावेरी कलानिधि आदि को पीछे छोड़ दिया है। श्रीमती इंदु जैन को हाल ही में देश का तीसरा सर्वोच्च सम्मान पद्मभूषण प्रदान किया गया है। वे कला संस्कृति की अध्येता है और समाज में उनका बड़ा सम्मान है। श्रीमती इंदु जैन बेनेट कोलमैन एंड कंपनी की चेयरपर्सन है और इस नाते बरसों से करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष का वेतन पाती रही है। उनका बेटा विनीत जैन बेनेट कोलमैन में सर्वेसर्वा है। सन् 2015-16 में श्रीमती इंदु जैन ने कितना वेतन लिया, यह आंकड़ा तो अभी सामने नहीं आया है, लेकिन 2014-15 में उन्होंने कुल 15 करोड़ 52 लाख रुपए वेतन पाया था। इसके पहले सन् 2012-13 में उन्होंने 15 करोड़ 56 लाख वेतन लिया था। सन् 2013-14 में उनका वेतन 15 करोड़ 45 लाख था।
बेनेट कोलमैन के ही एमडी विनीत जैन ने कार्पोरेट जगत की सबसे मोटी तनख्वाहों में से गिनी जाने वाली राशि तनख्वाह के रूप में ली थी। 2014-15 में विनीत जैन ने कुल 46 करोड़ 37 लाख 67 हजार 952 रुपए तनख्वाह के रूप में उठाए। इसका मतलब उनकी तनख्वाह हर हफ्ते करीब 1 करोड़ रुपए रही। लगभग 13 लाख रुपए रोज। टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के ही हजारों पत्रकार पूरे साल में 13 लाख रुपए नहीं कमाते।
विनीत जैन की तनख्वाह भारत के कार्पोरेट मीडिया जगत की सबसे बड़ी तनख्वाह है। 2014-15 में इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने करीब 30 करोड़ रुपए तनख्वाह उठाई। एलएनटी के अनिल मनीभाई नाइक ने 21 करोड़, सन ग्रुप के प्रमोटर और सीईओ कलानिधि मारन ने करीब 56 करोड़, बिडला साम्राज्य के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने करीब 50 करोड़ वेतन लिया। जाहिर है विनीत जैन की तनख्वाह बिड़ला और सन ग्रुप के मारन की तनख्वाह के समकक्ष कहीं जा सकती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश धीरूभाई अंबानी ने पिछले छह साल से अपनी तनख्वाह करीब 15 करोड़ तय कर रखी है। चेयरमैन के रूप में उन्होंने अधिकतम 24 करोड़ रुपए लिये है।
विनीत जैन की तुलना में दूसरे मीडिया हाउस के प्रमुख लोगों की तनख्वाह पर भी नजर डालते है। इंडिया टुडे ग्रुप के सीईओ आशीष बग्गा ने विनीत जैन की तुलना में दसवां भाग भी वेतन नहीं पाया, उनकी तनख्वाह केवल 4 करोड़ 40 लाख रुपए है। हिन्दुुस्तान टाइम्स मीडिया के सीईओ राजीव वर्मा का वेतन 6 करोड़ 68 लाख और कस्तूरी एंड संंस के सीईओ राजीव लोचन का वेतन 1 करोड़ 75 लाख रहा। विनीत जैन को इसके पहले सन 2013-14 में 14 करोड़ 90 लाख और उसके पहले वाले वर्ष में 14 करोड़ 57 लाख रुपए वेतन मिला था। कंपनी के सूत्रों के अनुसार विनीत जैन को मिलने वाले वेतन का अधिकांश हिस्सा ‘कमीशन’ के तौर पर दिया गया।
बेनेट कोलमैन के ही एक दूसरे वाइस चेयरमैन और विनीत जैन के बड़े भाई समीर जैन ने 2014-15 में 37 करोड़ 51 लाख 42 हजार 883 रुपए का वेतन पाया। समीर जैन को इसके पहले वाले वर्ष में 15 करोड़ 17 लाख और उसके पहले 14 करोड़ 82 लाख वेतन मिला था।
समीर जैन की आर्टिस्ट बेटी त्रिश्ला जैन ने 2 करोड़ 70 लाख रुपए वेतन पाया। बेनेट कोलमैन में ईडी पद से 31 मार्च 2014 को ही इस्तीफा दिया था। इसके पहले त्रिश्ला को सन् 2013-14 में 3 करोड़ रुपए वेतन मिला था और 12-13 में 2 करोड़ 70 लाख। त्रिश्ला के पति सत्येन गजवानी ने वेतन के रूप में 2014-15 में 51 लाख रुपए पाए थे। जैन परिवार का बेनेट कोलमैन में 90 प्रतिशत हिस्सा है। इस हिस्सेदारी से मिलने वाले डिविडेंड की राशि इस वेतन में शामिल नहीं है।
टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के मालिकों के अलावा अन्य लोगों की भी तनख्वाहें अच्छी खासी रही है। इनमें पत्रकारों और संपादकों के नाम बहुत खोजने पर भी नहीं के बराबर ही मिलते है। कंपनी के सीईओ रह चुके रवि धारीवाल को रिटायर होने वाले वर्ष में 5 करोड़ 57 लाख रुपए दिए गए। उनकी जगह भारती रिटेल से आए राज जैन ने ली है। उनकी तनख्वाह का खुलासा अभी नहीं हुआ है। सीओओ श्रीजीत मिश्रा ने 2 करोड़ 90 लाख रुपए वेतन लिया। टाइम्स के विज्ञापन विभाग के प्रमुख (जिसे रिस्पांस विभाग कहा जाता है) अरुणभ दास शर्मा ने 2 करोड़ 92 लाख रुपए वेतन लिया। रिस्पांस डिपार्टमेंट के एक डायरेक्टर ज्वाय चक्रवर्ती को 2 करोड़ 20 लाख मिले, इसी विभाग के एक अन्य डायरेक्टर आर. सुंदर को 2 करोड़ 64 लाख रुपए मिले।
बेनेट कोलमैन के गैर संपादकीय विभाग में काम करने वाले वाइस प्रेसीडेंट की तनख्वाह भी देखिए। इंदिरा दिनेश (रिस्पांस) 79 लाख 25 हजार, सीजी वर्गीस 78 लाख 65 हजार, टीना सिंह 73 लाख 97 हजार, जेपी डिसूजा 72 लाख 45 हजार। एवीपी स्तर के अधिकारियों का वेतन भी ठीकठाक रहा। दिवाकर दादू ने 64 लाख 40 हजार कमाए, कुलदीप मंत्री ने 63 लाख 19 हजार, आरपी गांधी ने 89 लाख।
अब जरा इसकी तुलना संपादकीय विभाग के लोगों की तनख्वाह से कीजिए। टाइम्स के एडीटोरियल डायरेक्टर जयदीप बोस को 1 करोड़ 90 लाख तनख्वाह मिली, जबकि इसके पिछले वर्ष उनका वेतन 2 करोड़ 45 लाख था। 2014-15 में टाइम्स ऑफ इंडिया के एडीटोरियल डिपार्टमेंट के किसी बंदे को 2 करोड़ या उससे अधिक नहीं मिले। इकॉनामिक टाइम्स के संंपादकीय सलाहकार राहुल जोशी को 1 करोड़ 39 लाख रुपए मिले। टाइम्स ऑफ इंडिया के असिस्टेंट एक्जीक्यूटिव एडिटर रामचन्द्र मेनन को 69 लाख रुपए मिले। एक अन्य डिप्टी एक्जीक्यूटिव एडिटर शैलेन्द्र स्वरूप भटनागर को 92 लाख 80 हजार रुपए तनख्वाह मिली। कुल मिलाकर बेनेट कोलमैन कंपनी के जिन 81 लोगों की तनख्वाह उजागर की गई है, उनमें से केवल सात एडीटोरियल से संबंधित है। कंपनी को लगता है कि जो काम मार्केटिंग विभाग के लोग करते है, वह ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए तनख्वाह का प्रमुख हिस्सा उन्हें ही दिया जाता है। पत्रकार तो खबरें लाते है, इसलिए उन्हें इतना वेतन देने की जरूरत नहीं समझी जाती।
बेनेट कोलमैन एंड कंपनी की सालाना विकास दर करीब 10 प्रतिशत रही है। 2014-15 में इस कंपनी की कुल आय 5659 करोड़ रही। इस आय में अखबार और पत्र-पत्रिकाओं की बिक्री के माध्यम से 583 करोड़ 25 लाख, टेलीविजन डिस्ट्रीब्यूशन से होने वाली आय 21 करोड़ 60 लाख और विज्ञापनों से होने वाली आय 4684 करोड़ के करीब रही। सन् 2013-14 में इस कंपनी ने 740 करोड़ का रेवेन्यू पिछले साल की तुलना में बढ़ाया था, जबकि 2014-15 में यह रेवेन्यू 821 करोड़ से भी अधिक बढ़ा। सन् 2015-16 के आंकड़े अभी आने बाकी है।
मीडिया के जो लोग सांसदों और विधायकों के वेतन में जरा सी वृद्धि को लेकर हो-हल्ला मचाते है, कार्पोरेट जगत के इन लोगों के करोड़ों के वेतन पर कभी कुछ नहीं बोलते। वे यह क्यों भूल जाते है कि आखिर सारा ही पैसा जनता का है। वह टैक्स के रूप में वसूला गया हो या कार्पोरेट द्वारा सेवा शुल्क के रूप में।
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