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Saf-B

वे इंफोसिस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं, पर नौकरी छोड़कर पत्रकारिता में आ गईं. एंकरिंग करने लगीं, डाक्युमेंट्री फिल्में बनाने लगीं और आज वे महिला संगठनों, महिलावादियों और कई एनजीओ के निशाने पर हैं. वे पहली महिला हैं, जिन्होंने दमदारी से यह कहा है कि भारत में असली प्रताड़ना तो पुरुष झेल रहे हैं. उन्होंने महिला होकर भी यह कहने की हिम्मत जुटाई है कि दहेज़ के मामलों में पुरुषों और उनके परिजनों के साथ न्याय नहीं होता. दहेज़ के झूठे मामलों में हजारों पुरुष हर साल आत्महत्याएं कर रहे हैं और उनकी तरफ से कोई बोलनेवाला ही नहीं. दहेज़ बुरी चीज है और उसका खात्मा होना चाहिए, लेकिन दहेज़ विरोधी कानून के नाम पर पूरे पुरुष समाज से अन्याय क्यों? सबके साथ बराबरी से न्याय होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है! महिलाओं पर अत्याचार रोकने का यह क्या तरीका है कि हम हर पुरुष को बलात्कारी साबित करने में जुट जाएँ? दो और चार साल के बच्चों तक के खिलाफ, यहां तक कि मर चुके ससुर तक के खिलाफ केस दर्ज कराने लगें?

" हाँ, मैं खुद महिला हूँ और मैं दहेज़ के झूठे मामलों में फंसाये गए लोगों के लिए न्याय की लड़ाई इसलिए लड़ रही हूँ कि न्याय सभी के साथ होना चाहिए. विवाह एक पवित्र बंधन है और तलाक़ अच्छी बात नहीं है. लेकिन कानून इस तरह होना चाहिए कि उसका दुरूपयोग न हो."

पारिवारिक झगड़ों में महिलाएं आत्महत्या पर अफसोस जताते हुए वे कहती हैं कि एक भी आत्महत्या चिंतनीय है. 2014 में देश में 27, 064 विवहित महिलाओं ने आत्महत्या की, लेकिन उससे दोगुना से भी ज्यादा 59,744 विवाहित पुरुषों ने खुद ही मौत को गले लगाया ? महिलाओं से 220 प्रतिशत ज़्यादा. क्यों? क्या हमें इस पर नहीं सोचना चाहिए कि कोई भी आत्महत्या न करे? चाहे वह पुरुष हो या महिला. अगर शादीशुदा महिलाओं की आत्महत्या के पीछे पुरुष हैं तो शादीशुदा पुरुषों की आत्महत्या के पीछे कौन है?

saf-A

दीपिका ने कई डाक्युमेंट्री फ़िल्में बनाई हैं. उनकी एक चर्चित फिल्म है Martyrs of Marriage (ब्याह के बलिदानी) ! http://www.martyrsofmarriage.com/index.php

वे TED शो के अलावा टीवी के टॉक शो में भी जाती रहती हैं. फेसबुक पर उनके प्रशंसक हज़ारों में हैं, ट्विटर पर 22000 से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं। कई लोग उन्हें झूठे मामलों में फंसे मर्दों की जुबान ( Voice of Falsely Accused Men) भी कहते हैं.

दीपिका मानती हैं कि If you are neutral in situations of injustice, you have chosen the side of the oppressor.

रोहतक की 'फ़र्ज़ी बहादुर युवतियों' की असलियत उन्होंने ही उजागर की थी.
(1). https://www.youtube.com/watch?v=7KqEO4oi1LY

(2). https://www.youtube.com/watch?v=0GGsyzbTqVI


"From public Lynching on mere accusation of rape to Lynching for staring of a school boy to now Killing for boarding a woman special train.....We are truly working hard to stop crime against women and how - by killing innocent Men!!!"

                                                                                                                                                                                       ---दीपिका नारायण भारद्वाज की फेसबुक वाल से

टेड टॉक  https://www.youtube.com/watch?v=1_2gl7lz25E


ये वेबसाइट भी देखें

https://sheroes.in/articles/meet-the-sheroes-deepika-bhardwaj/NjE0

http://www.avoiceformen.com/mens-rights/why-i-chose-to-fight-for-men/

https://sheroes.in/articles/meet-the-sheroes-deepika-bhardwaj/NjE0


दीपिका का ब्लॉग

 https://xpressionsdpka.wordpress.com/tag/deepika-narayan-bhardwaj/


दीपिका फेसबुक पर https://www.facebook.com/deepika.bhardwaj?fref=photo

ट्विटर पर दीपिका https://twitter.com/search?q=Deepika%20Narayan%20Bhardwaj&src=typd

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