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कोई भी व्यक्ति कैसी पोशाक पहनें, ये उस बात पर निर्भर है कि वह किस जगह पर है, वहां के रीति-रिवाज क्या है और वहां का मौसम कैसा है? प्रियंका चोपड़ा ने अगर बर्लिन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उस वक्त उन्होंने जो पोशाक पहनी थी, उसमें उनकी टांगें नजर आ रही थी, तो सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रॉल करने की कोई जरूरत नहीं थी। जो युवती मिस वल्र्ड रह चुकी हो और बॉलीवुड के साथ ही हॉलीवुड में भी काम कर रही हो, उसे इतनी समझ तो होगी ही किस व्यक्ति के सामने किस तरह के कपड़े पहनकर जाना है और वे जिनसे मिल रही थी, वे उम्र में उनके पिता के बराबर हैं। सैन्य परिवार की बेटी होने के नाते प्रियंका का आधुनिक जीवनशैली से बचपन से ही नाता रहा है। फिर वे मॉडलिंग, मुंबई और फिर हॉलीवुड की फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हुई, जहां आधुनिकता का बोलबाला है। मुख्य बात यह थी कि जिस पोशाक पर उनके परिवार वालों को आपत्ति नहीं, उनसे मिलने वालों को आपत्ति नहीं, तब सोशल मीडिया पर लोगों को अपनी प्रतिक्रिया क्यों देनी चाहिए थी?

अमिताभ बच्चन ने इस बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब बहुत साफ लफ्जों में दिया है। उन्होंने कहा कि न तो मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हूं और न ही प्रियंका चोपड़ा। ऐसे में यह सवाल मुझसे पूछा जाना बेमानी है।

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ट्रॉल करने वालों को प्रियंका चोपड़ा ने खुद ही जवाब दिया। 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने अपनी मां मधु चोपड़ा के साथ एक फोटो ट्विटर पर शेयर किया, जिसमें प्रियंका और उनकी मां दोनों ही ऐसी पोशाक पहनकर बैठी है, जिसमें उनकी टांगें दिख रही है। प्रियंका ने फोटो का शीर्षक दिया - ‘लेग्स फॉर डेस’। प्रियंका ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार मानते हुए लिखा - ‘थैंक यू पीएम नरेन्द्र मोदी सर। मुझसे मिलने के लिए वक्त निकालने का आभार। क्या अजब इत्तफाक रहा कि हम एक ही वक्त बर्लिन में है।’

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प्रियंका के प्रशंसकों ने प्रियंका की तस्वीर को लाइक करते हुए शेयर किया। इंस्टाग्राम पर प्रियंका की वह तस्वीर करीब सात लाख लोगों ने लाइक की। ट्विटर पर ही 18 हजार से ज्यादा लोगों ने उसे आरटी किया था। दरअसल कई लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि पाश्चात्य वेशभूषा पहनकर किस तरह बैठा जाता है। तस्वीर में प्रियंका चोपड़ा अपने पैर क्रॉस करके बैठी हुई थी और पाश्चात्य देशों में वहां की पोशाक पहनकर महिलाएं ऐसे ही बैठती है। इसे बिलकुल सामान्य रूप में लिया जाता है। जो बातें भारतीय परिवेश में अभद्र लग सकती है, वे बातें किसी और देश में सामान्य शिष्टाचार मानी जा सकती है। भारत में महिलाएं नाभी दर्शना साड़ी पहनती है, दुनिया के कई देशों में इसे अश्लील करार दिया जा सकता है। फिर भी लोग प्रियंका की पोशाक पर टिप्पणियां करने से बाज नहीं आए। किसी ने लिखा कि प्रियंका, आपको प्रधानमंत्री के सामने बैठने की तमीज नहीं है, आपको शर्म आनी चाहिए। किसी ने इसी बात को शालीन तरीके से भी लिखा कि आपका बैठने का तरीका सही नहीं था। एक महिला दमदारी से लिखा कि अगर पाश्चात्य देशों में हमारे प्रधानमंत्री पाश्चात्य पोशाक पहनकर जा सकते है, तो फिल्म अभिनेत्री वहां पाश्चात्य पोशाक में प्रधानमंत्री से क्यों नहीं मिल सकती। प्रधानमंत्री के सामने भी पाश्चात्य पोशाक पहनना गलत नहीं है। एक कामयाब महिला अपने दम पर प्रधानमंत्री से जर्मनी में मुलाकात कर रही है। अपनी कामयाबी और कड़ी मेहनत के दम पर और आप है कि उसके पैरों के बारे में टिप्पणी कर रही है।

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इसके बाद प्रियंका चोपड़ा फिर एक दूसरे ट्वीट के कारण ट्रॉल की शिकार हुई। इसमें उन्होंने होलोकास्ट मेमोरियल के सामने अपनी और अपने भाई की खींची सेल्फी शेयर की थी। कई लोगों ने इस पर आपत्ति की और लिखा कि होलोकास्ट मेमोरियल लाखों लोगों की हत्या की स्मृति में बनाया गया था। यह कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है। लोगों की आपत्ति के बाद प्रियंका चोपड़ा ने अपनी वह पोस्ट हटा ली।

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