प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनाया गया हैशटैग ‘सेल्फी विथ डॉटर’(#SelfieWithDaughter) साल 2015 के सबसे प्रभावी हैशटैग की श्रेणी में रखा गया है। मन की बात कार्यक्रम में नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा के बीबीपुर गांव में सरपंच द्वारा किए गए सेल्फी विथ डॉटर अभियान के बारे में कहा था। फिर पूरी दुनिया में सेल्फी विथ डॉटर का हैशटैग चलन में आ गया था। खुद नरेन्द्र मोदी को भी शायद इसकी उम्मीद नहीं थी।
नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया का प्रभावी इस्तेमाल करने वाले दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिज्ञ है। बराक ओबामा और पोप भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते है, लेकिन जितना बढ़िया उपयोग नरेन्द्र मोदी कर पा रहे हैं दूसरे नेता और धर्मगुरू नहीं कर पा रहे हैं। नरेन्द्र मोदी के ही शुरू किए हुए हैशटैग मेक-इन-इंडिया (#MakeinIndia), वर्ल्ड योगा डे (#WorldYogaDay), डिस्पाइट बीइंग ए वुमन (#DespiteBeingAWoman) और नरेन्द्र मोदी (#NarendraModi) नाम के ही हैशटैग सोशल मीडिया पर छा चुके है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरू किए इस हैशटैग के अलावा दुनियाभर के कई प्रमुख पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ब्लॉग लेखकों की शुरू किए गए हैशटैग भी दुनिया के चर्चित हैशटैग में रहे। 21वीं सदी में भी अमेरिका के अश्वेत समुदाय द्वारा शुरू किया गया हैशटैग ब्लैक लिव्स मैटर(#BlackLivesMatter) भी दुनिया के प्रमुख हैशटैग में रहा है। इसकी शुरूआत अश्वेतों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले डे-रे मैक्सन ने की थी। अश्वेतों के जीवन को प्रभावित करने वाले इस अभियान की शुरूआत ट्विटर पर हुई थी, लेकिन देखते ही देखते यह हैशटैग दुनियाभर में छा गया। अश्वेतों ने इस हैशटैग को अपनाया और अश्वेतों के समर्थक श्वेत लोगों में भी इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी।
मैक्सन 30 वर्षीय अश्वेत कार्यकर्ता है। जब उसने ब्लैक लिव्स मैटर हैशटैग की शुरूआत की। तब उसे लोगों ने हाथों हाथ लिया, क्योंकि फर्ग्युसन में अश्वेतों के आंदोलन के दौरान श्वेत पुलिस द्वारा मायकल ब्राउन नाम के एक किशोर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और अमेरिकी अश्वेत आंदोलन में जुटे थे। लोगों ने मैक्सन के ट्वीट को हाथों-हाथ लिया और ये ट्वीट लाखों की संख्या में आगे बढ़ाए जाने लगे। यह मुद्दा इतना ज्यादा आगे बढ़ा कि आंदोलन तीव्र होने लगे और अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तक ने इसकी चर्चा कर डाली।
2015 में ऐसा मौका भी आया, जब किसी की एक अकेली सेल्फी किसी आंदोलन की तरह बन गई। ईरान मूल की रहने वाली ब्रिटिश पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने कार चलाते हुए अपनी एक सेल्फी पोस्ट की और हैशटैग दिया माय स्टेल्थी फ्रीडम(#MyStealthyFreedom)। इस हैशटैग को पसंद करने वालों की संख्या भी लाखों में थी, क्योंकि इस सेल्फी में अलीनेजाद ने बिना हिजाब पहने कार की ड्राइविंग सीट संभाल रखी थी। इस तस्वीर का महत्व इसलिए ज्यादा था, क्योंकि ईरानी महिलाओं को कार चलाने की छूट हाल ही में मिली थी और वह छूट हिजाब पहनकर कार चलाने की थी। बिना हिजाब पहने कार चलाने की अनुमति वहां नहीं है। अलीनेजाद ब्रिटेन में रहती है, लेकिन उनके अभियान को ईरान की महिलाओं ने खुलकर समर्थन दिया।
2015 बांग्लादेश के ब्लागर्स के लिए बुरा साल रहा। एक के बाद एक लगातार हत्याओं का दौर जारी था। मुक्तो मोन (मुक्त मन) के ब्लागर अविजित रॉय की नृशंस हत्या के बाद आएएम अविजित(#IamAvijit) के नाम से लाखों ट्वीट किए गए। अविजित बांग्लादेशी-अमेरिकन ब्लागर थे, जो बांग्लादेश के रहने वाले थे, लेकिन अमेरिका में जाकर बस गए थे। वे नियमित रूप से बांग्लादेश आते थे और वहीं उनकी हत्या कर दी गई। इसके पहले वशीकुर रहमान बाबू, अनंत बिजॉय दास और निलॉय चक्रवर्ती की भी हत्याएं की गई थीं। सऊदी अरब ने ब्लॉगर रऊफ बदवाई को इस्लाम की बेइज्जती करने के मामले में जेल भेजा जा चुका है।
2015 के अंत में हैशटैग का जो चलन देखने में आ रहा है, उसमें अमेरिकी राष्ट्रपति द के उम्मीदवारों से जुड़े हैशटैग का चलन बढ़ रहा है। इनमें से कई हैशटैग राजनीतिक घटियापन की मिसाल तक पहुंच गए है। जैसे हिलेरी क्लिंटन का टीवी चर्चा के दौरान बाथरूम जाना। हिलेरी के पति को लेकर भी कई ट्वीट गरीमाहीन नजर आते हैं। ऐसा लगता है कि दुनिया में राजनीति का स्तर एक ही है, चाहे वह कोई भी देश हो।