एक दौर था जब शहरों और कस्बों में अलग-अलग तरीके के मार्केट हुआ करते थे। कपड़े, किताबें, खिलौने, जूते आदि के बाजार अलग-अलग लगते थे। फिर उसकी जगह माॅल्स ने ले ली। ये मॉल्स साल में एक बार लगने वाले मेलों की तरह हो गए, जो 365 दिन खुले रहते है। यहां मनोरंजन के अलावा खानपान और खरीदारी के लिए भी बहुत कुछ है। अब लोगों को साल में एक बार लगने वाले मेले का इंतजार नहीं करना पड़ता। मॉल में गए और सारी खरीदारी कर ली। सब्जी खरीदने से लेकर व्हॉइट गुड्स तक, सिनेमा देखने से लेकर ब्यूटी पार्लर में जाने तक सब चीजें एक ही जगह उपलब्ध हैं।
अब मॉल्स की जगह वर्च्युअल मॉल्स लेते जा रहे है। 2019 में यह ट्रेंड और जोर पकड़ने वाला है। अब लोगों को न तो मेले ठेले का इंतजार है और न ही मॉल्स में जाने की जरुरत। अपने मोबाइल, टैबलेट या कम्प्यूटर पर वर्च्युअल मॉल में विजिट करें और खरीद ले मनचाही वस्तुएं। मनोरंजन के लिए अब सिनेमा घर और मल्टीप्लेक्स जाने की जरूरत नहीं, नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम के माध्यम से नई-नई फिल्में घर बैठे देखी जा सकती है। ऐसी फिल्में भी यहां उपलब्ध है, जो सिनेमा घरों में रिलीज नहीं होती। मनोरंजन के लिए टेलीविजन के सोप ऑपेरा पुराने जमाने की बातें लगने लगे है। यहां उत्पादों को चुनना आसान है और उनका भुगतान करना भी। उत्पादकों को भी इस तरह के वर्च्युअल मॉल में सामान बेचना पसंद है, क्योंकि यहां उनका सीधा संपर्क अपने ग्राहकों से होता है।
2019 में एक और नया ट्रेंड आ रहा है और वह है सोशल कॉमर्स का। आप कोई समाजसेवा का काम करना चाहते है। किसी स्कूल की मदद करना चाहते है। किसी जरुरतमंद के लिए सहायता का हाथ बढ़ाना चाहते है, तो आपके लिए अब सही पात्र को ढूंढना उतना कठिन नहीं बचा। इंटरनेट उपलब्ध है ही। आपको अपने कारोबार के लिए पार्टनर चाहिए, तो उसके लिए भी दर-दर भटकने के बजाय इंटरनेट पर भटकना आरामदायक और सुविधाजनक भी है।
तीसरा एक प्रमुख ट्रेंड 2019 का यह रहेगा कि इंटरनेट के अल्गोरिदम के कारण आपको दर-दर भटकने की जरूरत नहीं। ई-कॉमर्स करने वाली कंपनियां खुद-ब-खुद पता कर लेंगी कि आपको क्या चाहिए? आपने अगर किसी खास तरीके के कपड़े या जूते पसंद किए है, तो वह नए पॉप-अप्स भेजकर आपको सूचित कर सकती है। जब आपको बैठे-बैठे ही नई जानकारियां मिलने लगेगी, तब नए बाजार की तलाश करने की जरूरत नहीं। बाजार खुद आपको तलाश रहा है।
नए वर्ष का एक और प्रमुख ट्रेंड होगा माइक्रो वेयर हाउसिंग। अब कंपनियों को अपना उत्पाद रखने के लिए एक ही जगह पर बहुत बड़े-बड़े वेयर हाउस बनाने की जरूरत नहीं। हर छोटे शहर में उनके गोदाम होंगे, जो वहां की स्थानिय जरूरतों के हिसाब से स्टॉक रखेंगे। इससे ई-कॉमर्स के जरिये ग्राहकों को उत्पाद जल्दी-जल्दी मिल पाएंगे।