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सोशल मीडिया ने एफएमसीजी सेक्टर का पूरा माहौल ही बदल दिया है। फिक्की ने इस बारे में हाल ही एक अध्ययन की रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार फेसबुक में अपने ग्राहकों को आकर्षित करने की क्षमता टीवी की तुलना में कहीं ज्यादा होने वाली है। भारत में 25 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स है। ये लोग कहीं भी फेसबुक से जुड़ जाते है। यह संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और जल्द ही वह समय आ जाएगा, जब विज्ञापनदाता टीवी पर विज्ञापन देने के बजाय फेसबुक पर विज्ञापन देने को प्राथमिकता देंगे।
सोशल मीडिया राजनीतिज्ञों की ब्रांडिंग का एक प्रमुख टूल बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात को अच्छी तरह समझते हैं और वे सोशल मीडिया का उपयोग करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी उन्हीं के नक्शे कदम पर हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी इसी बात की पुष्टि करते हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री बरसों से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते आ रहे है और अब वे इसकी मदद से अपनी छवि चमकाने वाले नेताओं में से है। सोशल मीडिया पर ट्रूडो दंपत्ति को दुनिया का सबसे ग्लैमरस युगल कहा जाता है।
भारतीय जनता पार्टी प्रचार का कोई भी मौका अब भी नहीं छोड़ना चाहती। शनिवार 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन को भी भाजपा ने अच्छी तरह भुनाया। जन्मदिन पर प्रचार का माइलेज पाने के लिए भाजपा ने बहुस्तरीय कार्य किए। सरकारी स्तर पर जो हो सकता था, वह तो हुआ ही, पार्टी के स्तर पर भी कोई कमी नहीं छोड़ी गई। भाजपा के तमाम पदाधिकारियों और सहयोगी संगठनों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री के जन्मदिन के बहाने 2019 की तैयारी में कोई कसर नहीं रहने दी गई। बचा-खुचा काम सोशल मीडिया पर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु भारतीय रेलवे की सेवा में सुधार के लिए ट्विटर का बेहतरीन उपयोग कर रहे हैं। ट्विटर के माध्यम से वे रेल यात्रियों के संपर्क में सतत बने रहते हैं और तत्काल यात्रियों की परेशानियों को भी दूर करने की कोशिश करते हैं। किसी यात्री को बच्चे के लिए दूध की ज़रूरत होती है तो किसी को व्हील चेयर की; किसी को सुरक्षा चाहिए तो किसी को गन्दगी से छुटकारा! ऐसे लोग भी हैं जो इन सुविधाओं का लगातार दुरूपयोग भी करते हैं, जैसे एक यात्री ने तीन महीने के भीतर ही अपने बच्चे के लिए छह बार दूध की गुहार लगाई थी. हर बार उस तक दूध पहुँचाया भी गया था, लेकिन शंका होने पर जांच में पता चला कि वह उजड्ड यात्री हर बार अपने बच्चे के लिए बिना दूध का इंतजाम किये ही ट्रेन में सवार होने का आदी था, उसे लगता था कि बच्चे के लिए दूध खरीदकर, उसे गर्म करके फ्लास्क में भरकर ले जाने की जेहमत कौन उठाये? आसान रास्ता यह है कि एक ट्वीट रेल मंत्री जी को कर दो, तो ही दूध की व्यवस्था हो जाती है। अब उस यात्री की पहचान करके शिक्षा दे दी गई है। अनेक यात्रियों की परेशानी सही पाई गई और उनमें से कई को दूर भी कर दिया गया है।
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने बॉलीवुड के पाकिस्तानी कलाकारों पर टिप्पणी की, तो सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया। एक तरफ पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ लोगों ने अपनी राय व्यक्त की, तो दूसरी तरफ कलाकारों के पक्ष में भी बहुत से लोग आए। कलाकारों के पक्ष में बोलने वाले राज ठाकरे पर अंगुली उठाने से भी नहीं चूके। राज ठाकरे और उनकी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करने की मांग भी की जाने लगी। लोगों ने यह भी लिखा कि कलाकार नेताओं के साफ्ट टारगेट होते है, इसलिए केवल उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें नहीं जो पाकिस्तान में बिजली घर बना रहे है, पाक में बांध बना रहे है और शक्कर तथा प्याज का आयात-निर्यात कर रहे है। कलाकारों के पक्ष में लिखने वाले यह भी लिख रहे है कि वे जो भी कार्य कर रहे है, वह कानून के दायरे में है और अगर उन्हें रोकना है, तो कानूनी तरीके से ही रोका जाना चाहिए।
कुछ साल पहले कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि सोशल मीडिया का प्रभाव इतना जबरदस्त हो जाएगा। वर्तमान में इंटरनेट की सबसे प्रमुख गतिविधि में सोशल मीडिया को शामिल किया गया है, लेकिन यही सोशल मीडिया लोगों के लिए तनाव का कारण भी बनता जा रहा है। सोशल मीडिया से प्राप्त जानकारियों के आधार पर तरह-तरह के अपराध हो रहे है। हाल ही में पेरिस में किम कार्दशियान के साथ हुई लूट की वारदात के पीछे भी सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता को माना जा रहा है। किम अपनी रोजमर्रा की जानकारियां सोशल मीडिया पर शेयर करती रही है। इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई उनकी तस्वीर से ही अपराधियों को पता चला कि किम के हाथ में जो अंगूठी है, वह उनके पति ने 90 लाख डॉलर में खरीदी थी। पेरिस में एक शो के दौरान गई किम की करोड़ों की ज्वेलरी अपराधी लूट ले गए। भारत में भी सोशल मीडिया से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर या सोशल मीडिया के दुरूपयोग से होने वाले अपराधों की संख्या काफी है।