You are here: Film Review
इस सप्ताह बॉलीवुड में आई फिल्म है वीरे की वेडिंग। 1 जून को एक दूसरी फिल्म भी आने वाली है जिसका नाम है 'वीरे दी वेडिंग'। 'की' शब्द की जगह ' दी' का अंतर है, बस! उसके निर्देशक हैं शशांक घोष और कलाकार होंगे करीना कपूर, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर, शिखा तलसानिया आदि। इस वीरे की वेडिंग में पुलकित सम्राट, जिमी शेरगिल, कीर्ति खरबंदा, सतीश कौशिक, सुप्रिया कर्णिक, सपना चौधरी आदि है और इसके डायरेक्टर है अंशु त्रिका। दोनों ही कॉमेडी फिल्म हैं। यह फिल्म 'वीरे की शादी' पैनोरमा स्टूडियो ने बनाई है और 'वीरे दी वेडिंग' बालाजी मोशन पिक्चर्स की यानी एकता कपूर एंड कंपनी की होगी।
कॉमेडी फिल्में थ्री डी तकनीक में कम ही बनती हैं। वेलकम टू न्यू यॉर्क थ्री डी में बनी ऐसी कॉमेडी फिल्म है जिसमें फूहड़ता, छिछोरे और बहुअर्थी संवाद नहीं हैं। यह एक ऐसी फ़िल्म है जो साफ-सुथरी है, आप परिवार के साथ इसे देख सकते हैं और मजा ले सकते हैं।
अय्यारी ने निराश किया। नीरज पांडे ने इसके पहले ए वेडनेस डे, स्पेशल 26, एमएस धोनी, बेबी जैसी फिल्में दी हैं। अय्यारी में एक मनमोहक गाने के अलावा कुछ भी विशेष नहीं है। गलतियों की शुरूआत ही डिस्क्लेमर से होती है, जिसमें अनेक त्रुटियां शुरूआत में ही मूड ऑफ कर देती है। सेना की पृष्ठभूमि को प्रचारित किया गया है, लेकिन यह फिल्म भ्रष्ट नेताओं, हथियारों की खरीद में भ्रष्टाचार, मीडिया के सतही कवरेज आदि पर ही खत्म हो जाती है। कई बार सेना की बेइज्जती भी की गई। सेना के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा गोली लाओ कहने पर अर्दली विटामिन डी की गोली का डिब्बा ले आता है। यह बात शायद ही किसी को हजम हो। मजाक में भी यह बात संभव नहीं दिखती। सिद्धार्थ मल्होत्रा एक दृश्य में ब्रिटिश महिला के गेटअप में अलग लगे।
अनुराग कश्यप की ‘मुक्काबाज’ को गत वर्ष टोरेंटो फिल्म फेस्टिवल और मुंबई के मामी फिल्म फेस्टिवल में भले ही जमकर वाहवाही मिली हो, लेकिन यह फिल्म आला दर्जे की उबाऊ, पकाऊ और झिलाऊ है। जितने समय की यह फिल्म है, उससे एक तिहाई में पूरी कहानी कही जा सकती थी। यह न खेल फिल्म बन सकी है, न प्रेम फिल्म। ऐसा लगता है कि यह फिल्म समीक्षकों और खुद के लिए बनाई गई है। दर्शकों का ध्यान नहीं रखा गया, जब दर्शकों के लिए फिल्म बनाई ही नहीं, तब खुद ही देखो इस फिल्म को।
वोदका पीना सेहत के लिए हानिकारक है, क्योंकि इसमें अल्कोहल होता है। इसी तरह वोदका डायरीज देखना आपके बटुवे के लिए हानिकारक है। यह फिल्म हॉलीवुड की शटर आईलैंड से प्रेरित बताई जा रही है। कहने को मर्डर मिस्ट्री है, लेकिन इंटरवल के पहले ही दर्शकों को आभास हो जाता है कि कहानी में क्या लोचा हो सकता है? कहानी मनाली (हिमाचल प्रदेश) के एक एसीपी की है। हिमाचल प्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम कहां है भई? अब आप अंदाज लगा लो कि वोदका में कितना नशा होगा।
फिल्मी गीता का सार - टाइगर जिंदा है। टाइगर अमर है। टाइगर को कोई मार नहीं सकता। टाइगर को अग्नि प्रज्जवलित नहीं कर सकती। टाइगर को पानी गला नहीं सकता। टाइगर को वायु उड़ा नहीं सकती, क्योंकि टाइगर, ‘टाइगर' है। जिस तरह भारत सरकार ने ‘सेव टाइगर' प्रोजेक्ट चलाया है, वैसे ही बॉलीवुड ने भी अभियान चलाया है सेव टाइगर। बॉलीवुड का टाइगर चार पांव का नहीं, दो पांव का है और उसका नाम सलमान खान है ! अगर आप थिएटर में ज्यादा दिमाग लगाने की जहमत नहीं उठाएं तो फिल्म पैसा वसूल करा देती है।